वाराणसी: सेवापुरी विकास खंड को मॉडल ब्लॉक के तौर पर विकसित किये जाने के बाद सोमवार को केंद्र और राज्य सरकार के अफसरों ने क्षेत्र का दौरा किया. नीति आयोग के निर्देश पर देश में पहली बार किसी विकास खंड को खास मॉडल के रूप में विकसित कराया जा रहा है. मंगलवार को नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ब्लॉक मुख्यालय सभागार में महकमों के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.
पशुपालन विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव डॉ. ओपी चौधरी ने सोमवार को सेवापुरी ब्लॉक के ठठरा, छतेरी मानापुर, बरकी और घोसिला गांवों का जायजा लिया. उन्होंने ठठरा में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल देखा. इसके बाद छतेरी मानापुर के पंचायत भवन में ग्राम प्रधान, सचिव, आंगनबाड़ी-आशा वर्कर और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बैठक कर विकास कार्यों और शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक लिया.
उन्होंने कोरोना काल में बढ़ी दुश्वारियों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि उद्योग-धंधे लगें और सरकारी योजनाओं के लोन समय पर उपलब्ध हों, इससे मुश्किलें कम होंगी. उन्होंने गांव में खड़ंजा, पंचायत भवन एवं आंगनबाड़ी निर्माण कार्यों का भी मुआयना किया. साथ ही पशुपालन की योजनाओं के बारे में ग्रामीणों से बातचीत की और कृत्रिम गर्भाधान और टैगिंग की जानकारी ली. बरकी गांव में आयोजित पशु चिकित्सा शिविर में सॉर्टेड सेक्स सीमेन से उत्पन्न दो बछिया देखकर संतोष व्यक्त किया. घोसिला में अंकित सिंह का पोल्ट्री फॉर्म और दाना बनाने की फैक्ट्री का अवलोकन कर उस कारखाने को विस्तार दिलाने के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक मदद का आश्वासन दिया.
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निरीक्षण के दौरान अफसरों के हाथ-पांव उस वक्त फूल गये, जब पशुपालन विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव डॉ. ओपी चौधरी ने सर्किट हाउस में प्रवास करने के बजाय आराजी लाइन ब्लॉक के शहंशाहपुर गांव में रात्रि निवास करने का फैसला लिया, ताकि गांव के माहौल में रहकर वहां के रहन-सहन की स्थिति को करीब से देखना संभव हो सके. आनन-फानन में शाहंशाहपुर स्थित पशुपालन विभाग के गेस्ट हाउस में उनके और डिप्टी डायरेक्टर वंदना के प्रवास का इंतजाम कराया गया.
डॉ. चौधरी और वंदना ने शाहंशाहपुर स्थित गो आश्रय स्थल का मुआयना किया और ग्रामीणों से बातचीत की. इस दौरान लोगों ने बताया कि पशुओं की चरही बहुत नीचे होने के कारण स्वस्थ पशु कमजोर जानवरों को उसमें गिरा देते हैं. इस कारण कई पशुओं की मौत हो चुकी है और कई घायल हो चुके हैं. परिसर की बाउंड्री की ऊंचाई कम होने के चलते कुत्ते और सियार यहां घुसकर गोवंशों को घायल कर देते हैं.