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दीपावली पर कम फोड़ें पटाखे, नहीं तो हो जाएंगे सांस के मरीज - celebrate eco friendly diwali

उत्तर प्रदेश का वाराणसी देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. आंकड़ों के मुताबिक शहर के एक्यूआई का लेवल काफी हाई चल रहा है, जिसको देखते हुए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इको फ्रेंडली दीपावली मनाने की अपील की है.

इको फ्रेंडली दीपावली मनाने की अपील.
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Published : Oct 26, 2019, 12:44 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. जहां मंगलवार को शहर का एक्यूआई 276 रहा तो वहीं बुधवार के दिन भी एक्यूआई का लेवल हाई रहा. यूपी प्रदूषण बोर्ड के मुताबिक वाराणसी के इंडेक्स लेबर बेहद ही खतरनाक है, जिसको देखते हुए नगरवासियों से इको फ्रेंडली दीपावली मनाने की अपील की जा रही है.

इको फ्रेंडली दीपावली मनाने की अपील.
इसे भी पढ़ें-सबसे ज्यादा प्रदूषित है PM का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, लागू हो ऑड-ईवन: राघव चड्ढा

प्रदूषण की स्थिति देखकर जलाएं पटाखे
रोशनी के महापर्व दीपावली पर लोग पर्यावरण की चिंता किए बिना केवल अपनी चंद मिनटों की खुशी के लिए जमकर पटाखे फोड़ते हैं और आतिशबाजी करते हैं. ऐसे में क्षेत्र के प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्षेत्र की जनता से ऐसा न करने की अपील की है.

मनाएं इको फ्रेंडली दीपावली
यह इको फ्रेंडली दीपावली मनाएं और कम पटाखें छोड़े नहीं तो आने वाले दिनों में एक बार फिर वाराणसी की स्थिति गंभीर होगी. अगर ऐसा ही रहा तो सांस की बीमारी और तेजी से बढ़ेगी और आने वाले दिनों में हमें सांस लेने में दिक्कत होगी.

दीपावली में अगर हम इको फ्रेंडली दीपावली नहीं मनाएंगे तो प्रदूषण में और इजाफा होगा, जिससे प्रदूषण की स्थिति और खराब होगी. दीपावली पर लोगों से अपील है कि पटाखे कम से कम फोड़ें, ताकि हमारी जो सांस लेने की क्षमता हो वह बरकरार रहे, नहीं तो एक दिन ऐसा आएगा जब हम सब सांस के मरीज हो जाएंगे.
-डॉ. टीएन सिंह, वैज्ञानिक, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. जहां मंगलवार को शहर का एक्यूआई 276 रहा तो वहीं बुधवार के दिन भी एक्यूआई का लेवल हाई रहा. यूपी प्रदूषण बोर्ड के मुताबिक वाराणसी के इंडेक्स लेबर बेहद ही खतरनाक है, जिसको देखते हुए नगरवासियों से इको फ्रेंडली दीपावली मनाने की अपील की जा रही है.

इको फ्रेंडली दीपावली मनाने की अपील.
इसे भी पढ़ें-सबसे ज्यादा प्रदूषित है PM का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, लागू हो ऑड-ईवन: राघव चड्ढा

प्रदूषण की स्थिति देखकर जलाएं पटाखे
रोशनी के महापर्व दीपावली पर लोग पर्यावरण की चिंता किए बिना केवल अपनी चंद मिनटों की खुशी के लिए जमकर पटाखे फोड़ते हैं और आतिशबाजी करते हैं. ऐसे में क्षेत्र के प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्षेत्र की जनता से ऐसा न करने की अपील की है.

मनाएं इको फ्रेंडली दीपावली
यह इको फ्रेंडली दीपावली मनाएं और कम पटाखें छोड़े नहीं तो आने वाले दिनों में एक बार फिर वाराणसी की स्थिति गंभीर होगी. अगर ऐसा ही रहा तो सांस की बीमारी और तेजी से बढ़ेगी और आने वाले दिनों में हमें सांस लेने में दिक्कत होगी.

दीपावली में अगर हम इको फ्रेंडली दीपावली नहीं मनाएंगे तो प्रदूषण में और इजाफा होगा, जिससे प्रदूषण की स्थिति और खराब होगी. दीपावली पर लोगों से अपील है कि पटाखे कम से कम फोड़ें, ताकि हमारी जो सांस लेने की क्षमता हो वह बरकरार रहे, नहीं तो एक दिन ऐसा आएगा जब हम सब सांस के मरीज हो जाएंगे.
-डॉ. टीएन सिंह, वैज्ञानिक, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

Intro:विशेष खबर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी देश का सबसे प्रदूषित शहर हो गया मंगलवार को रहा। वाराणसी का एक्यूआई 276 रहा तो वहीं बुधवार के दिन भी एक्यूआई का लेवल हाई रहा यूपी प्रदूषण बोर्ड के अनुसार वाराणसी के इंडेक्स लेबर बेहद ही खतरनाक है जो चिंता का विषय है. कुछ दिन पहले इस रिपोर्ट में बनारस की जनता को पूरी तरह झकझोर दिया।


Body:रोशनी का महापर्व दीपावली पर लोग पर्यावरण की चिंता किए बिना केवल अपनी चंद मिनटों की खुशी के लिए जमकर पटाखे फोड़ते हैं। आतिशबाजी करते हैं। ऐसे में बनारस के प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बनारस की जनता से अपील की है। यह इको फ्रेंडली दीपावली मनाए और कम पटाखे छोड़े नहीं तो आने वाले दिनों में एक बार फिर बनारस की स्थिति गंभीर होगी। अगर ऐसा ही रहा तो बनारस में सांस की बीमारी और तेजी से बढ़ेगी और आने वाले दिनों में हमें बनारस में सांस लेने में दिक्कत होगा।


Conclusion:
वैज्ञानिक टी एन सिंह ने बताया दीपावली में अगर हम इको फ्रेंडली दीपावली नहीं मनाएंगे प्रदूषण में और इजाफा होगा, प्रदूषण की स्थिति और खराब होगी, दीपावली पर लोगों से अपील है पटाखे कम से कम फोड़े ताकि हमारी जो सांस लेने की क्षमता हो वह बरकरार रहे नहीं तो एक दिन ऐसा आएगा। हम सब सांस के मरीज हो जाएंगे, अभी के जो स्थिति है प्रदूषण की क्वालिटी ऑफ एयर इनहेलेशन वह पुअर है।


बाईट :-- डॉ टीएन सिंह,वैज्ञानिक,यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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