वाराणसी: जिले में स्थित कबीर मठ विवाद प्रकरण में नया मोड़ आया है. कबीर मठ मूलगादी के महंत आचार्य विवेकदास पर श्रीसद्गुरु कबीर मंदिर सोसाइटी की की अरबों रुपये की संपत्ति और जमीन धोखे से बेचने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से गुहार लगाई गयी थी. अब कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए विवेचना कर महंत विवेक दास के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने श्रीसद्गुरु कबीर मंदिर सोसाइटी की संपत्ति अवैध तरीके से बेचने और बिना वैध स्थानंतरण किए अरबों की संपत्ति पर अपना नाम दर्ज कराने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नितेश कुमार सिन्हा ने महंत विवेकदास और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी विवेचना का आदेश दिया है. बाबा प्रहलाद दास की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए अदालत ने चेतगंज पुलिस को यह आदेश दिया है. इस मामले में चेतगंज थाना प्रभारी वेद प्रकाश राय का कहना है कि अदालत के आदेश पर ही कार्रवाई की जाएगी.
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बाबा प्रह्लाद दास ने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि श्री सद्गुरु कबीर मंदिर सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड संस्था है. संस्था के 23वें आचार्य महंत गंगाशरण शास्त्री ने अपने बाद 1999 में महंत विवेकदास को अध्यक्ष नियुक्त किया था. उन्होंने मठ का 3 लाख रुपये बैंक बैलेंस, देखभाल और संपूर्ण व्यवस्था महंत विवेकदास को सौंप दिया था. महंत विवेकदास ने सोसाइटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए अवैध तरीके से कबीरचौरा, लहरतारा, बौलियाबाग और कतुआपुरा में स्थित मठ के मकानों को वर्ष 2000 और 28 अक्टूबर 2005 में बेच दिया. इस प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने मामले की विवेचना पूरी कर महंत विवेकदास के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए आदेशित किया है.