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वाराणसी सीट के अनोखे उम्मीदवार, ख्वाहिशें हैं तमाम

वाराणसी लोकसभा सीट को लेकर सोमवार से नामांकन शुरु हो गया है. पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण पूरे देश की निगाहें यहां टिकी हुई हैं. इसी बीच सोमवार को नामांकन के लिए पहुंचे अनोखे प्रत्याशियों ने इस चुनाव और अपनी दावेदारी के अनोखे दावे किए. इन्हें सुनकर किसी को भी इनके आत्मविश्वास पर आश्चर्य होगा.

वाराणसी सीट
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Published : Apr 22, 2019, 9:47 PM IST

वाराणसी : जिले में आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. देश की सबसे महत्वपूर्ण कही जाने वाली यह लोकसभा सीट राजनीतिक दलों के अलावा चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए तैयार बैठे अन्य लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गई है. यही वजह है कि आज नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे हैं.

वाराणसी सीट के अनोखे उम्मीदवार, ख्वाहिशें हैं तमाम
देश के कई हिस्सों से आए प्रत्याशी
  • पहले दिन आधा दर्जन से ज्यादा लोग नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंच गए हैं.
  • बड़ी बात यह है कि इनमें बनारस के सिर्फ दो लोग हैं.
  • बाकी लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं.
  • कोई केरल से आया है तो कोई मध्य प्रदेश से, कोई उत्तराखंड से तो कोई बिहार से.


अनोखे प्रत्याशियों के अनोखे दावे

  • सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.
  • कुछ तो निर्विरोध सांसद चुने जाने का दावा भी कर रहे हैं.
  • केरल में बिजनेस करने वाले आसीन वहां की एक क्षेत्रीय पार्टी से जुड़े हुए हैं.
  • वह पीपीपी मॉडल के तहत बनारस को विकसित करने का दावा करते हैं.
  • मध्य प्रदेश के सागर जिले से वकील हैं भरत सेन.
  • वह पीएम मोदी को पुलवामा हमले का दोषी मानते हैं.
  • वह चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी को कानूनी तरीके से मात देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं.
  • उत्तराखंड के प्रवीण सिंह गोसाईं बेरोजगारी और शिक्षा के क्षेत्र में कोई काम न होने से नाराज हैं.
  • वह प्रधानमंत्री को हराकर अपनी जीत का दम भर रहे हैं.
  • वहीं गाजीपुर से आए सुभाष चन्द्र बोस 60 वर्ष के हैं.
  • वह प्रधानमंत्री के खिलाफ लड़कर निर्विरोध सांसद चुने जाने का दावा कर रहे हैं.

सबसे अनोखा दावा है इनका
हमने देश के कोने-कोने का दौरा किया है. पिछली बार भी हम प्रधानमंत्री बनने का कोशिश किए थे, कई राज्य का दौरा भी किए. हम बनना तो प्रधानमंत्री चाहते हैं. पहले सांसद बन के प्रत्याशियों और सभी दलों को एकजुट करके देश का प्रधानमंत्री बनने का सोच रहे हैं.
- गरीब गजाधर, चंपारण बिहार

वाराणसी : जिले में आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. देश की सबसे महत्वपूर्ण कही जाने वाली यह लोकसभा सीट राजनीतिक दलों के अलावा चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए तैयार बैठे अन्य लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गई है. यही वजह है कि आज नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे हैं.

वाराणसी सीट के अनोखे उम्मीदवार, ख्वाहिशें हैं तमाम
देश के कई हिस्सों से आए प्रत्याशी
  • पहले दिन आधा दर्जन से ज्यादा लोग नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंच गए हैं.
  • बड़ी बात यह है कि इनमें बनारस के सिर्फ दो लोग हैं.
  • बाकी लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं.
  • कोई केरल से आया है तो कोई मध्य प्रदेश से, कोई उत्तराखंड से तो कोई बिहार से.


अनोखे प्रत्याशियों के अनोखे दावे

  • सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.
  • कुछ तो निर्विरोध सांसद चुने जाने का दावा भी कर रहे हैं.
  • केरल में बिजनेस करने वाले आसीन वहां की एक क्षेत्रीय पार्टी से जुड़े हुए हैं.
  • वह पीपीपी मॉडल के तहत बनारस को विकसित करने का दावा करते हैं.
  • मध्य प्रदेश के सागर जिले से वकील हैं भरत सेन.
  • वह पीएम मोदी को पुलवामा हमले का दोषी मानते हैं.
  • वह चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी को कानूनी तरीके से मात देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं.
  • उत्तराखंड के प्रवीण सिंह गोसाईं बेरोजगारी और शिक्षा के क्षेत्र में कोई काम न होने से नाराज हैं.
  • वह प्रधानमंत्री को हराकर अपनी जीत का दम भर रहे हैं.
  • वहीं गाजीपुर से आए सुभाष चन्द्र बोस 60 वर्ष के हैं.
  • वह प्रधानमंत्री के खिलाफ लड़कर निर्विरोध सांसद चुने जाने का दावा कर रहे हैं.

सबसे अनोखा दावा है इनका
हमने देश के कोने-कोने का दौरा किया है. पिछली बार भी हम प्रधानमंत्री बनने का कोशिश किए थे, कई राज्य का दौरा भी किए. हम बनना तो प्रधानमंत्री चाहते हैं. पहले सांसद बन के प्रत्याशियों और सभी दलों को एकजुट करके देश का प्रधानमंत्री बनने का सोच रहे हैं.
- गरीब गजाधर, चंपारण बिहार

Intro:वाराणसी: 19 मई को वाराणसी में मतदान होना है और उसके लिए आज से नामांकन की प्रक्रिया यहां पर शुरू कर दी गई है सबसे बड़ी बात यह है कि देश की सबसे महत्वपूर्ण और हॉट सीट कहीं जाने वाली वाराणसी लोकसभा सीट सिर्फ राजनीतिक दलों के लिए ही नहीं बल्कि चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए तैयार बैठे बहुत से लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गई है शायद यही वजह है कि आज नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में कई लोग यहां पहुंच गए हैं कोई केरल से आया है तो कोई मध्य प्रदेश से कोई उत्तराखंड से तो कोई बिहार से सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है सब के दावे जीत के हैं कुछ तो ऐसे हैं जो सीधे-सीधे निर्विरोध सांसद चुने जाने का दावा कर रहे हैं क्या है अनोखे प्रत्याशियों के अनूठे दावे आप भी जानिए.


Body:वीओ-01 वाराणसी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 26 अप्रैल को नामांकन करना है लेकिन इसके पहले आज नामांकन के पहले दिन आधा दर्जन से ज्यादा लोग नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंच गए हैं सबसे बड़ी बात यह है कि मैं बनारस के सिर्फ दो लोग हैं बाकी सब देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं केरल में बिजनेस करने वाले आसीन वहां की एक रीजनल पार्टी से जुड़े हुए हैं और बेरोजगारी और पीपीपी मॉडल के तहत विकास की बातें करके बनारस को डिवेलप करने के लिए यहां से चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं वहीं मध्य प्रदेश के सागर जिले से वकील भरत सेन प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नामांकन करने के लिए पहुंचे हैं बीते 4 दिनों से बनारस में रहकर चुनावी रणनीति तैयार करने वाले भरत सेन का कहना है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले का दोषी वह प्रधानमंत्री मोदी को मानते हैं और क्यों कि वह कानून के रखवाले हैं वकील हैं इसलिए वह बनारस से चुनाव लड़ कर जीतने के बाद यहां से वर्तमान सांसद तो देश के प्रधानमंत्री को कानूनी तरीके से मात देने की कोशिश करेंगे वहीं उत्तराखंड के प्रवीण सिंह गोसाई बेरोजगारी और शिक्षा जगत में कोई कार्य ना होने से बेहद निराश हैं और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़कर अपनी जीत का दम भर रहे हैं गाजीपुर से लगभग 60 साल के सुभाष चंद्र बोस प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने हैं वह तो यह दावा कर रहे हैं निर्विरोध चुन लिया जाएगा सबसे अलग और यूनिक दावा है बिहार चंपारण के गरीब गजाधर सिंह का उनका कहना है मैं तो आया हूं सांसद का चुनाव लड़ने लेकिन सभी प्रत्याशियों और सभी दलों को एकजुट करके देश का प्रधानमंत्री बनूँगा.

बाईट- आसीन, प्रत्याशी केरल से
बाईट- भरत सेन, एमपी से वकील
बाईट- प्रवीण सिंह गोसाई, उत्तराखंड से
बाईट- गरीब गजाधर, बिहार चंपारण


Conclusion:वीओ-02 फिलहाल बनारस से चुनाव लड़ने के लिए एक से बढ़कर एक लोग पहुंच रहे हैं नामांकन के पहले दिन अभी नॉमिनेशन की प्रक्रिया किसी ने पूरी तो नहीं की है लेकिन हां 10 से ज्यादा फॉर्म बिक चुके हैं और अभी लाइन लगाकर प्रत्याशी नामांकन के लिए जाने के इंतजार में खड़े हैं यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो देश की सबसे हॉट सीट पर पीएम मोदी के खिलाफ भले ही महागठबंधन और कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित ना हुआ हो लेकिन एक से बढ़कर एक अलग तरह के प्रत्याशियों के सामने आने के बाद बनारस का यह चुनाव रोचक और अलग होने वाला है.

वॉक थ्रू- गोपाल मिश्र

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