वाराणसी: जातीय जनगणना को लेकर चल रही राजनीतिक चर्चाओं के बीच अब हर दल जनजातियों और जातीय आधार पर वोटर को साधने के लिए प्लानिंग कर रहा है. बीते दिनों समाजवादी पार्टी ने वाराणसी में अंबेडकर वाहिनी के साथ मिलकर एक बड़ी जनजातीय बैठक का आयोजन किया था. जिसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने भी इस मामले की गंभीरता को समझते हुए वाराणसी में दो दिवसीय जनजाति बैठक आयोजित की. जिसमें शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह समेत केंद्रीय अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा भी पहुंचे. इस बैठक में 2 दिनों तक अनुसूचित जनजाति और जनजातियों को लेकर चर्चाएं होनी है. जिसमें नगर निकाय चुनावों से लेकर आने वाले लोकसभा चुनाव की स्थिति जातिगत आधार पर तय करने पर मंथन होगा.
इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने जनजाति क्षेत्र में जो-जो काम किए हैं. उन सारे विषयों को लेकर इस बैठक में चर्चा की जाएगी. यह चर्चा 2 दिन तक चलेगी. नगर निकाय चुनाव और 2024 के चुनाव को लेकर भी इस बैठक में चर्चा होगी. इसके साथ ही हमारे जो पार्टी के अभियान है. बूथों से लेकर सेक्टर तक बीजेपी अपनी बात अभियान के जरिये जन-जन तक पहुंचाएगी.
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लगभग 45-46 जिलों में जनजातीय मोर्चा का गठन हुआ है. चार ऐसे भी जिले हैं, जहां अनुसूचित जाति को जनजाति में शामिल करने का सरकार ने काम किया है. उनके विकास के लिए व्यापक काम सरकार द्वारा किया गया है. इन्हीं कामों को बीजेपी ने जनता के बीच में जाने के लिए अलग-अलग पोस्ट अलग-अलग संगठन और मोर्चा विभाग भी बनाए हुए है.
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