वाराणसी: साल 2021 मे 12 सितंबर को देशभर में NEET की परीक्षा आयोजित कराई जा रही थी. इसी दौरान सारनाथ के टेड़िया सोना तालाब स्थित सेंट जेवियर स्कूल में भी NEET की परीक्षा के दौरान ऐसा खेल हुआ कि लोग सकते में आ गए. इस सेंटर पर परीक्षा दे रही एक छात्रा को क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया और उसकी मां को भी गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने पूछताछ कर छात्रा के बयान दर्ज कराए. जिसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने उसकी सभी सुविधाओं पर रोक लगा दी थी. हालांकि, अब ये सारी रोक हट दी गई है और सब पाक-साफ हो गया है.
त्रिपुरा की अभ्यर्थी की जगह दे रही थी परीक्षा: दरअसल, पूरा मामला नकल का है. त्रिपुरा की अभ्यर्थी हिना बिश्वास की NEET की परीक्षा थी. हिना का सेंटर सारनाथ के टेड़िया सोना तालाब स्थित सेंट जेवियर स्कूल में था. सब कुछ ठीक चल रहा था. अचानक से सेंटर पर क्राइम ब्रांच की टीम आती है और परीक्षा दे रही लड़की को पकड़ ले जाती है. काफी हंगामे की स्थिति के बाद पता चलता है कि ये हिना बिश्वास नहीं बल्कि जूली कुमार थी. जूली बिहार के पटना की रहने वाली है. इतना ही नहीं परीक्षा केंद्र के बाहर से जूली की मां बबिता देवी को भी गिरफ्तार कर लिया गया. जब बबिता देवी को पुलिस ने कस्टडी में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला पता चला.
जूली की मां ने पुलिस के सामने दिया था बयान: जूली को हिना की जगह परीक्षा में बैठने के लिए सॉल्वर गैंग ने 5 लाख रुपये देने का लालच दिया था. एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपये सॉल्वर गैंग ने परीक्षा से पहले ही दे दिया था. बाकी के पैसे परीक्षा के बाद देने पर बात तय हुई थी.' ये बयान परीक्षा केंद्र के बाहर से पकड़ी गईं जूली कुमारी की मां बबिता देवी का था. इस मामले के बाद जूली कुमारी पर एक्शन लेने का काम किया गया. दरअसल, जूली BHU के फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंस में BDS की छात्रा थी. ऐसे में उसपर कठोर दंड की कार्रवाई की गई.
जूली पर लगाए गए प्रतिबंध: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन ने फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंस में BDS की छात्रा जूली कुमारी पर कार्रवाई करते हुए कई प्रतिबंध लगा दिए. विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे निलंबित करते हुए IMS के फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंसेज की हॉस्टल और शैक्षणिक सुविधाओं से वंचित कर दिया था. वहीं, विश्वविद्यालय परिसर में जूली के प्रवेश पर रोक भी लगा दी गई थी. इस मामले ने विश्वविद्यालय में काफी जोर पकड़ा था.
कुलपति के आदेश के बाद फिर से हुआ जिक्र: अब साल 2021 का मामला क्यों फिर से सामने आ गया? यही सवाल सभी के मन में उठ रहा है. हुआ ऐसा है कि जूली कुमारी पर लगे सारे प्रतिबंध अब हटा दिए गए हैं. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर एक आदेश जारी किया गया है. जिसमें बताया गया है कि 7 अक्टूबर 2021 को निलंबित की गई बीएचयू के फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंस में BDS की छात्रा जूली कुमारी का निलंबन वापस लिया जाता है. ऐसे में इस आदेश के बाद जूली कुमारी फिर से बीएचयू के परिसर में आ सकेंगी और उन पर लगी रोक प्रभावी नहीं रह जाएगी.
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