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कुलपति ने जैवप्रौद्योगिकी स्कूल की नई इमारत का किया उद्घाटन

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति ने विज्ञान संस्थान के जैवप्रौद्योगिकी स्कूल की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस सुविधा का छात्र व शोधकर्ता स्वयं इस्तेमाल करें न कि सिर्फ शिक्षकों को ही इन्हें प्रयोग करते हुए देखें.

Voice chancellor Rakesh bhatnagar
कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर.
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Published : Mar 25, 2021, 6:10 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने विज्ञान संस्थान के जैवप्रौद्योगिकी स्कूल की नई इमारत का उद्घाटन किया. इस इमारत में अनुसंधान व प्रौद्योगिकी के विकास के लिए आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं.

शोधकर्ताओं का किया प्रोत्साहन

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने कहा कि ये जरूरी है कि इन सुविधाओं का छात्र व शोधकर्ता स्वयं इस्तेमाल करें न कि सिर्फ शिक्षकों को ही इन्हें प्रयोग करते हुए देखें. उन्होंने शोधकर्ताओं व शिक्षकों का आह्वान किया कि वे अपने शोध को प्रयोगशाला तक ही सीमित न रखें बल्कि उनके आधार पर प्रौद्योगिकी का भी विकास करें. शोधकर्ता जिस भी विषय पर अध्ययन कर रहे हैं, वे उससे संबंधित एप्लिकेशन का भी ज़रूर पता लगाएं.

इमारत में यह है खास

विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल त्रिपाठी ने कहा कि जैवप्रौद्योगिकी स्कूल का विकास एवं इसमें अत्याधुनिक शोध सुविधाओं की उपलब्धता कुलपति प्रो. राकेश भटनागर के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन व सहयोग से ही संभव हो पाई है. प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से संकाय सदस्यों को गुणवत्तापूर्ण शोध करने के लिए उत्तम सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. ऐसे में ये अब शिक्षकों की भी जिम्मेदारी है कि वे नए शोध व नवोन्मेष के रूप में विश्वविद्यालय की सेवा करें.

इस प्रकार की मिलेगी सुविधा

स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के समन्वयक प्रो. सुख महेन्द्र सिंह ने कहा कि नई इमारत में सभी सुविधाओं से लैस एम.एस.सी. बायोटेक्नोलॉजी की दो प्रयोगशालाएं हैं, जिनकी क्षमता 60 विद्यार्थियों की है. नई इमारत में 6 शोध प्रयोगशालाएं भी हैं, जिनमें अत्याधुनिक सुविधाएं व उपकरण उपलब्ध हैं, ताकि शोध व अनुसंधान को गति दी जा सके. 6 प्रयोगशालाएं विश्वविद्यालय में नवनियुक्त 6 संकाय सदस्यों (2 प्रोफेसर, 4 असिस्टेंट प्रोफेसर) को आवंटित की गई हैं.

प्रो. सिंह ने कहा कि नई बिल्डिंग में एक लाइब्रेरी सह संगोष्ठी कक्ष भी है. उन्होंने बताया कि जैवप्रौद्योगिकी स्कूल की लाइब्रेरी में हजारों पुस्तकें हैं और यह देश भर के सर्वश्रेष्ठ जैव प्रौद्योगिकी स्कूलों की लाइब्रेरी में से एक है. इमारत में एक स्मार्ट क्लासरूम भी विकसित किया गया है.

जैव प्रौद्योगिकी स्कूल की प्रयोगशालाओं में अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस योजना के तहत अनुदान दिया गया है. उद्घाटन समारोह में प्रो. वी. के. शुक्ला, विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रो. मल्लिकार्जुन जोशी, वरिष्ठ प्रोफेसर, संकाय सदस्य, छात्र व कर्मचारी उपस्थित थे.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने विज्ञान संस्थान के जैवप्रौद्योगिकी स्कूल की नई इमारत का उद्घाटन किया. इस इमारत में अनुसंधान व प्रौद्योगिकी के विकास के लिए आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं.

शोधकर्ताओं का किया प्रोत्साहन

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने कहा कि ये जरूरी है कि इन सुविधाओं का छात्र व शोधकर्ता स्वयं इस्तेमाल करें न कि सिर्फ शिक्षकों को ही इन्हें प्रयोग करते हुए देखें. उन्होंने शोधकर्ताओं व शिक्षकों का आह्वान किया कि वे अपने शोध को प्रयोगशाला तक ही सीमित न रखें बल्कि उनके आधार पर प्रौद्योगिकी का भी विकास करें. शोधकर्ता जिस भी विषय पर अध्ययन कर रहे हैं, वे उससे संबंधित एप्लिकेशन का भी ज़रूर पता लगाएं.

इमारत में यह है खास

विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल त्रिपाठी ने कहा कि जैवप्रौद्योगिकी स्कूल का विकास एवं इसमें अत्याधुनिक शोध सुविधाओं की उपलब्धता कुलपति प्रो. राकेश भटनागर के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन व सहयोग से ही संभव हो पाई है. प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से संकाय सदस्यों को गुणवत्तापूर्ण शोध करने के लिए उत्तम सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. ऐसे में ये अब शिक्षकों की भी जिम्मेदारी है कि वे नए शोध व नवोन्मेष के रूप में विश्वविद्यालय की सेवा करें.

इस प्रकार की मिलेगी सुविधा

स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के समन्वयक प्रो. सुख महेन्द्र सिंह ने कहा कि नई इमारत में सभी सुविधाओं से लैस एम.एस.सी. बायोटेक्नोलॉजी की दो प्रयोगशालाएं हैं, जिनकी क्षमता 60 विद्यार्थियों की है. नई इमारत में 6 शोध प्रयोगशालाएं भी हैं, जिनमें अत्याधुनिक सुविधाएं व उपकरण उपलब्ध हैं, ताकि शोध व अनुसंधान को गति दी जा सके. 6 प्रयोगशालाएं विश्वविद्यालय में नवनियुक्त 6 संकाय सदस्यों (2 प्रोफेसर, 4 असिस्टेंट प्रोफेसर) को आवंटित की गई हैं.

प्रो. सिंह ने कहा कि नई बिल्डिंग में एक लाइब्रेरी सह संगोष्ठी कक्ष भी है. उन्होंने बताया कि जैवप्रौद्योगिकी स्कूल की लाइब्रेरी में हजारों पुस्तकें हैं और यह देश भर के सर्वश्रेष्ठ जैव प्रौद्योगिकी स्कूलों की लाइब्रेरी में से एक है. इमारत में एक स्मार्ट क्लासरूम भी विकसित किया गया है.

जैव प्रौद्योगिकी स्कूल की प्रयोगशालाओं में अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस योजना के तहत अनुदान दिया गया है. उद्घाटन समारोह में प्रो. वी. के. शुक्ला, विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रो. मल्लिकार्जुन जोशी, वरिष्ठ प्रोफेसर, संकाय सदस्य, छात्र व कर्मचारी उपस्थित थे.

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