वाराणसी: जेएनयू कि आग अब काशी हिंदू विश्वविद्यालय तक आ पहुंची हैं. विश्वविद्यालय के सिंहद्वार पर छात्रों ने प्रतिरोध सभा के जरिए हॉस्टल फीस में वृद्धि का विरोध किया. छात्रों ने जेएनयू के छात्र-छात्राओं पर सोमवार को हुए बर्बर हमले की निंदा भी की. छात्रों का कहना है कि लोकतांत्रिक तरीके से वह सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.
विश्वविद्यालयों के निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद
कई छात्र संगठनों सहित छात्र-छात्राओं ने बीएचयू गेट पर केंद्र सरकार और जेएनयू के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का साफ कहना था कि विश्वविद्यालयों का निजीकरण किया जा रहा है. जिसके विरोध में अगर छात्र अपनी बातें रख रहे हैं तो दिल्ली पुलिस का, उनको पीटना निंदनीय है.
सीआरपीएफ द्वारा छात्रों का पीटना निंदनीय
छात्रा आयुषी भूषण ने बताया जेएनयू के छात्र छात्राओं को सीआरपीएफ ने बुरी तरह पीटा है. हम उसकी निंदा करते हैं. सरकार पूरी तरीके से हॉस्टलों और विश्वविद्यालयों का निजीकरण करना चाहती है. अगर छात्र उसका विरोध करते हैं तो उन्हें पीटा जाता है. हम उसकी निंदा करते हैं. साथ ही केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि लाठीचार्ज करने वालों पर कमेटी गठित कर कार्रवाई की जाए.