वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र और विश्वविद्यालय प्रशासन का विवाद समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले दो हॉस्टलों में जमकर विवाद हुआ. इसमें पत्थर और पेट्रोल बम चले. उसके बाद बीए थर्ड ईयर के स्टूडेंट को पीटे जाने के विरोध में छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर ऑफिस में धरना प्रदर्शन किया. गुरुवार को बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस के बाहर छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और फिर धरने पर बैठ गए. छात्रों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मी भी पहुंच गए. छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र नहीं माने और प्रदर्शन जारी रखा.
एक सितंबर से काशी हिंदू विश्वविद्यालय ऑफलाइन क्लास के लिए खोल दिया गया है. उसके साथ ही विश्वविद्यालय ने हर हॉस्टल में यह नोटिस जारी किया गया है कि जिन छात्रों की अवधि पूरी हो चुकी है वह हॉस्टल छोड़ दें. ऐसे में लाल बहादुर शास्त्री, बिड़ला हॉस्टल के छात्रों ने सेंट्रल ऑफिस पर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि अभी हम हॉस्टल नहीं खाली कर सकते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ हॉस्टल में छात्रों को रहने की अनुमति दी गई है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय बीए फाइनल ईयर के छात्र सर्वेश सिंह ने बताया कि पहले तो काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने जो गलती की वह हम आपको बताते हैं. कई यूनिवर्सिटीज ने प्रवेश परीक्षा के फॉर्म निकाले और परीक्षा पूर्ण कराकर प्रवेश प्रक्रिया का कार्य हो रहा है. ऐसे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने कई बार छात्र संगठन और छात्रों को ज्ञापन देने पर प्रवेश परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन निकाला है. अब जब दो महीने बाद हमारी परीक्षाएं होने वाली है. तो हमें हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया जा रहा है.
छात्र सर्वेश सिंह ने कहा कि मात्र हमारे पास दो महीने का समय है. ऐसे में कहां जाएंगे, कहां रूम लेंगे. बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. वहीं कुछ फैकेल्टी के छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति दी जा रही है. विश्वविद्यालय में दोहरा चरित्र नहीं चलेगा. यहां पर सभी छात्र एक समान हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन से निवेदन करते हैं कि सभी छात्रों के साथ एक समान व्यवहार किया जाए और मानवता के नाते हमें कुछ महीने हॉस्टल में रहने की अनुमति दी जाए.