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वाराणसी: प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी है. संकाय बंद कर छात्र चार दिन से धरने पर बैठे हैं. छात्रों का कहना है कि प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति को तत्काल रद्द किया जाए.

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छात्रों का प्रदर्शन जारी.
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Published : Dec 5, 2019, 3:22 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्र लामबंद दिख रहे हैं. 8 नवंबर से लेकर अब तक छात्र विभिन्न तरीकों से असिस्टेंट प्रोफेसर की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि महामना के मूल्यों को दरकिनार कर प्रोफेसर की नियुक्ति की गयी है.

प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी.

आंदोलन का क्रम-

  • प्रोफेसर फिरोज की बर्खास्तगी को लेकर 8 नवंबर से लेकर 22 नवंबर तक कुलपति आवास के बाहर छात्रों ने हड़ताल किया था.
  • विश्वविद्यालय प्रशासन के आश्वासन पर छात्रों ने हड़ताल समाप्त किया.
  • बीएचयू प्रशासन ने छात्रों से 10 दिन का समय मांगा था, जिसकी अवधि 1 दिसंबर को ही पूरी हो गई थी.
  • 10 दिन का समय पूरा होने के बाद फिर से अनिश्चितकालीन धरने पर संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के बाहर बैठ गए हैं.

आपको बता दें कि असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान ने बीते दिनों बुधवार को कला संकाय के संस्कृत डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अपना इंटरव्यू दिया है. विश्वविद्यालय की मानें तो यह सारा मामला 7 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा क्योंकि तब तक सारी प्रक्रिया समाप्त हो जाएंगी. धरने पर बैठे छात्र धर्म की दुहाई देते हुए नारे लगाए और कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

शोध छात्र चक्रपाणि ओझा ने बताया कि विश्वविद्यालय से हमने जो प्रश्न किया था, उसका उत्तर भी निराधार है. हमारी मांग है कि इस नियुक्ति को तत्काल रद्द किया जाए. हम पिछले 20 दिनों से इसका विरोध कर रहे हैं और यह विरोध आगे भी जारी रहेगा.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्र लामबंद दिख रहे हैं. 8 नवंबर से लेकर अब तक छात्र विभिन्न तरीकों से असिस्टेंट प्रोफेसर की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि महामना के मूल्यों को दरकिनार कर प्रोफेसर की नियुक्ति की गयी है.

प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी.

आंदोलन का क्रम-

  • प्रोफेसर फिरोज की बर्खास्तगी को लेकर 8 नवंबर से लेकर 22 नवंबर तक कुलपति आवास के बाहर छात्रों ने हड़ताल किया था.
  • विश्वविद्यालय प्रशासन के आश्वासन पर छात्रों ने हड़ताल समाप्त किया.
  • बीएचयू प्रशासन ने छात्रों से 10 दिन का समय मांगा था, जिसकी अवधि 1 दिसंबर को ही पूरी हो गई थी.
  • 10 दिन का समय पूरा होने के बाद फिर से अनिश्चितकालीन धरने पर संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के बाहर बैठ गए हैं.

आपको बता दें कि असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान ने बीते दिनों बुधवार को कला संकाय के संस्कृत डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अपना इंटरव्यू दिया है. विश्वविद्यालय की मानें तो यह सारा मामला 7 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा क्योंकि तब तक सारी प्रक्रिया समाप्त हो जाएंगी. धरने पर बैठे छात्र धर्म की दुहाई देते हुए नारे लगाए और कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

शोध छात्र चक्रपाणि ओझा ने बताया कि विश्वविद्यालय से हमने जो प्रश्न किया था, उसका उत्तर भी निराधार है. हमारी मांग है कि इस नियुक्ति को तत्काल रद्द किया जाए. हम पिछले 20 दिनों से इसका विरोध कर रहे हैं और यह विरोध आगे भी जारी रहेगा.

Intro:
सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाली काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा संस्कृत धन विज्ञान संकाय में असंख्य प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्र लामबंद दिख रहे हैं। 8 नवंबर से लेकर अब तक छात्र विभिन्न अनोखे तरीकों से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के बर्खास्तगी की मांग कर रहा है छात्रों का आरोप है। महामना के मूल्यों को दरकिनार करके प्रोसेसर की नियुक्ति किया गया है जो पूरी तरह भ्रष्टाचार है।

Body:यह आंदोलन रहा क्रम

8 नवंबर से लेकर 22 नवंबर तक कुलपति आवास के बाहर छात्रों ने हड़ताल किया था। विश्वविद्यालय प्रशासन के आश्वासन पर छात्रों ने हड़ताल समाप्त किया। बीएचयू प्रशासन ने छात्रों से 10 दिन का समय मांगा था। यह अवधि भी 1 दिसंबर को पूरा हो गया उसके बाद से छात्र फिर अनिश्चितकालीन धरने पर संकाय के बाहर बैठ गए हैं। हम आपको बता दें कि असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान ने कल कला संकाय के संस्कृत डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अपना इंटरव्यू दिया है। विश्वविद्यालय की मानें तो यह सारा मामला 7 दिसंबर तक पूरी तरह खत्म हो जाएगा क्योंकि तब तक सारी प्रक्रिया खत्म होगी। धरने पर बैठे छात्रों ने धर्म की दुहाई देते हुए नारे लगाए और वहीं विश्वविद्यालय और कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया।

Conclusion:चक्रपाणि ओझा ने बताया कि विश्वविद्यालय से हमने जो प्रश्न किया था उसका उत्तर भी निराधार है। विश्वविद्यालय यह नियुक्ति पूरी तरह से भ्रष्टाचार का संकेत करती है हमारी मांग है। इस नियुक्ति को तत्काल रद्द किया जाए जब तक यह नियुक्ति रद्द नहीं होगी हम पिछले 20 दिनों से इसका विरोध कर रहे हैं। यह विरोध आगे भी जारी रहेगा। महामना के मूल्यों के रक्षा के लिए अगर हमें अपना प्राण भी देना पड़ा तो हम देने के लिए तैयार है।

बाईट :-- चक्रपाणि ओझा, शोध छात्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय



आशुतोष उपाध्याय
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