वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्र लामबंद दिख रहे हैं. 8 नवंबर से लेकर अब तक छात्र विभिन्न तरीकों से असिस्टेंट प्रोफेसर की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि महामना के मूल्यों को दरकिनार कर प्रोफेसर की नियुक्ति की गयी है.
आंदोलन का क्रम-
- प्रोफेसर फिरोज की बर्खास्तगी को लेकर 8 नवंबर से लेकर 22 नवंबर तक कुलपति आवास के बाहर छात्रों ने हड़ताल किया था.
- विश्वविद्यालय प्रशासन के आश्वासन पर छात्रों ने हड़ताल समाप्त किया.
- बीएचयू प्रशासन ने छात्रों से 10 दिन का समय मांगा था, जिसकी अवधि 1 दिसंबर को ही पूरी हो गई थी.
- 10 दिन का समय पूरा होने के बाद फिर से अनिश्चितकालीन धरने पर संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के बाहर बैठ गए हैं.
आपको बता दें कि असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान ने बीते दिनों बुधवार को कला संकाय के संस्कृत डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अपना इंटरव्यू दिया है. विश्वविद्यालय की मानें तो यह सारा मामला 7 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा क्योंकि तब तक सारी प्रक्रिया समाप्त हो जाएंगी. धरने पर बैठे छात्र धर्म की दुहाई देते हुए नारे लगाए और कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
शोध छात्र चक्रपाणि ओझा ने बताया कि विश्वविद्यालय से हमने जो प्रश्न किया था, उसका उत्तर भी निराधार है. हमारी मांग है कि इस नियुक्ति को तत्काल रद्द किया जाए. हम पिछले 20 दिनों से इसका विरोध कर रहे हैं और यह विरोध आगे भी जारी रहेगा.