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वाराणसीः बीएचयू के छात्रों के समर्थन में उतरे पूर्व प्रोफेसर और छात्र

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में अल्पसंख्यक प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक ओर विश्वविद्यालय प्रशासन अपने फैसले पर अड़ा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ छात्र भी लगातार अपने आंदोलन को जारी रखे हुए हैं.

अस्सी घाट पर प्रदर्शन.
प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति पर विरोध प्रदर्शन.
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Published : Nov 26, 2019, 10:31 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 10:43 PM IST

वाराणसीः छात्रों ने मंगलवार को अपने आंदोलन के क्रम में अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस के मंच पर पूर्व प्रोफेसर और पूर्व छात्रों ने आंदोलन कर रहे छात्रों का समर्थन किया. साथ ही वेद के अनुसार इस नियुक्ति को गलत और निराधार बताया. छात्रों और पूर्व प्रोफेसरों ने एक मंच से कहा विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर जल्द से जल्द फैसला ले, नहीं तो अब आंदोलन और ही बड़ा होगा.

प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति पर विरोध प्रदर्शन.

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर युद्ध रंजन शर्मा और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के पूर्व अध्यापक और संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी मौजूद रहे. छात्र शशिकांत मिश्र ने बताया कि जिस तरह संस्कृत घर विज्ञान संकाय में अल्पसंख्यक प्रोफेसर की नियुक्ति हुई है.

शशिकांत ने बताया कि हम लोगों ने मालवीय जी के मूल्यों को संरक्षित करने के लिए पूर्व प्रोफेसर के साथ एक मंच और एक स्वर से कहा है कि नियुक्ति गलत है. इसके लिए हम लड़ते रहेंगे. उनका कहना है कि संस्कृत पढ़ाने का विरोध नहीं है, विरोध है तो धर्म विज्ञान पढ़ाने का.

इसे भी पढ़ें- BHU: छात्रावास न मिलने पर नर्सिंग विभाग के छात्र-छात्राओं ने किया प्रदर्शन

वाराणसीः छात्रों ने मंगलवार को अपने आंदोलन के क्रम में अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस के मंच पर पूर्व प्रोफेसर और पूर्व छात्रों ने आंदोलन कर रहे छात्रों का समर्थन किया. साथ ही वेद के अनुसार इस नियुक्ति को गलत और निराधार बताया. छात्रों और पूर्व प्रोफेसरों ने एक मंच से कहा विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर जल्द से जल्द फैसला ले, नहीं तो अब आंदोलन और ही बड़ा होगा.

प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति पर विरोध प्रदर्शन.

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर युद्ध रंजन शर्मा और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के पूर्व अध्यापक और संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी मौजूद रहे. छात्र शशिकांत मिश्र ने बताया कि जिस तरह संस्कृत घर विज्ञान संकाय में अल्पसंख्यक प्रोफेसर की नियुक्ति हुई है.

शशिकांत ने बताया कि हम लोगों ने मालवीय जी के मूल्यों को संरक्षित करने के लिए पूर्व प्रोफेसर के साथ एक मंच और एक स्वर से कहा है कि नियुक्ति गलत है. इसके लिए हम लड़ते रहेंगे. उनका कहना है कि संस्कृत पढ़ाने का विरोध नहीं है, विरोध है तो धर्म विज्ञान पढ़ाने का.

इसे भी पढ़ें- BHU: छात्रावास न मिलने पर नर्सिंग विभाग के छात्र-छात्राओं ने किया प्रदर्शन

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में अल्पसंख्यक प्रोफ़ेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।जहां एक और विश्वविद्यालय प्रशासन अपने फैसले पर अड़ी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ छात्र भी लगातार अपने आंदोलन को जारी रखे हैं।


Body:छात्रों ने आज अपने आंदोलन के क्रम में प्रसिद्ध अस्सी घाट के सुबह बनारस मंच पर पूर्व प्रोफेसर और पूर्व छात्रों ने आंदोलन कर रहे छात्रों का समर्थन किया और वेद के अनुसार इस नियुक्ति को गलत और निराधार बताया छात्रों और पूर्व प्रोफेसरों ने एक मंच से कहा विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर जल्द से जल्द फैसला ले नहीं तो अब आंदोलन और ही बड़ा होगा। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर युद्ध रंजन शर्मा और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित संस्कृत विद्या धन विज्ञान के पूर्व अध्यापक तथा संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी रहे।


Conclusion:शशिकांत मिश्र,छात्र, बीएचयू, ने बताया कि जिस तरह संस्कृत घर विज्ञान संकाय में अल्पसंख्यक प्रोफेसर की नियुक्ति हुई है। यह सरासर गलत है। इस पर हम लोगों ने मालवीय जी के मूल्यों को संरक्षित करने के लिए पूर्व प्रोफेसर एक मंच और एक स्वर से या का किया नियुक्ति गलत है। जिसके लिए हम लड़ते रहेंगे एक बात और है कि संस्कृत पढ़ाने का विरोध नहीं है विरोध है तो वेद पढ़ाने।

अशुतोष उपाध्याय
9005099684
Last Updated : Nov 26, 2019, 10:43 PM IST
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