वाराणसीः छात्रों ने मंगलवार को अपने आंदोलन के क्रम में अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस के मंच पर पूर्व प्रोफेसर और पूर्व छात्रों ने आंदोलन कर रहे छात्रों का समर्थन किया. साथ ही वेद के अनुसार इस नियुक्ति को गलत और निराधार बताया. छात्रों और पूर्व प्रोफेसरों ने एक मंच से कहा विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर जल्द से जल्द फैसला ले, नहीं तो अब आंदोलन और ही बड़ा होगा.
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर युद्ध रंजन शर्मा और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के पूर्व अध्यापक और संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी मौजूद रहे. छात्र शशिकांत मिश्र ने बताया कि जिस तरह संस्कृत घर विज्ञान संकाय में अल्पसंख्यक प्रोफेसर की नियुक्ति हुई है.
शशिकांत ने बताया कि हम लोगों ने मालवीय जी के मूल्यों को संरक्षित करने के लिए पूर्व प्रोफेसर के साथ एक मंच और एक स्वर से कहा है कि नियुक्ति गलत है. इसके लिए हम लड़ते रहेंगे. उनका कहना है कि संस्कृत पढ़ाने का विरोध नहीं है, विरोध है तो धर्म विज्ञान पढ़ाने का.
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