ETV Bharat / state

अब मशरूम के पौधों से गंगा होंगी साफ, IIT BHU ने किया शोध - मशरूम से साफ की जाएगी गंगा

यूपी के वाराणसी में आईआईटी बीएचयू के छात्रों ने मशरूम से गंगा को साफ करने के लिए गोलियों का निर्माण किया है. छात्रों और प्रोफेसरों का दावा है कि इसकी मदद से फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी से केमिकल्स को निकालने में मदद मिलेगी.

etv bharat
मशरूम से होगी गंगा साफ.
author img

By

Published : Jan 28, 2020, 7:17 AM IST

वाराणसीः जब भी हम गंगा का नाम लेते हैं तो उसकी स्वच्छता की बात हमारे सामने अपने आप आ जाती है. गंगा को साफ करने के लिए सरकारों ने बहुत प्रयास किया. वर्तमान सरकार ने तो गंगा मंत्रालय तक भी बना दिया था. उत्तर प्रदेश की सरकार गंगा को साफ करने के लिए गंगा यात्रा निकाल रही है.

मशरूम से होगी गंगा साफ.

ऐसे में गंगा को साफ करने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी से अच्छी खबर है. यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे की गंगा को मशरूम के पौधे भी साफ कर सकते हैं. गंगा की निर्मलता को बनाए रखने के लिए मशरूम के पौधे भी सहायक हो सकते हैं. यह अनोखा आविष्कार कर दिखाया है. आईआईटी बीएचयू के बॉयोकेमिकल विभाग ने.

इसे भी पढ़ें- 28 को वाराणसी पहुंचेगी गंगा यात्रा, राजघाट पर होगी जनसभा

मशरूम का टेबलेट बैक्टीरिया को खत्म करेगा
शोध छात्र वीर सिंह ने बताया कि हम लोगों ने जो गोली बनाई है वह नॉर्मल मशरूम है जो खाने के लिए यूज करते हैं. इसकी सहायता से फैक्ट्री से निकले केमिकल युक्त पानी को साफ किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि मशरूम से बनी बीड्स की मदद से दूषित पानी के हेवी मेटल्स को रिमूव किया जा सकता है.

4 से 5 घंटे में अलग किया जा सकता है हेवी मेटल को
असिस्टेंट प्रोफेसर विशाल मिश्रा ने बताया कि मशरूम की इन छोटी गोलियों के माध्यम से हम गंगा के जल को शुद्ध बनाने का प्रयास कर रहे हैं. इसमें हेवी मेटल, पॉल्यूशन को हम रीमेडिएट करेंगे. उन्होंने बताया कि इन गोलियों को प्लूरोट्स फ्लोरिडा नामक मशरूम से बनाया गया है. इन गोलियों की मदद से गंगा से क्रोमियम और दूसरे हेवी मेटल्स को निकाला जा सकता है.

वाराणसीः जब भी हम गंगा का नाम लेते हैं तो उसकी स्वच्छता की बात हमारे सामने अपने आप आ जाती है. गंगा को साफ करने के लिए सरकारों ने बहुत प्रयास किया. वर्तमान सरकार ने तो गंगा मंत्रालय तक भी बना दिया था. उत्तर प्रदेश की सरकार गंगा को साफ करने के लिए गंगा यात्रा निकाल रही है.

मशरूम से होगी गंगा साफ.

ऐसे में गंगा को साफ करने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी से अच्छी खबर है. यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे की गंगा को मशरूम के पौधे भी साफ कर सकते हैं. गंगा की निर्मलता को बनाए रखने के लिए मशरूम के पौधे भी सहायक हो सकते हैं. यह अनोखा आविष्कार कर दिखाया है. आईआईटी बीएचयू के बॉयोकेमिकल विभाग ने.

इसे भी पढ़ें- 28 को वाराणसी पहुंचेगी गंगा यात्रा, राजघाट पर होगी जनसभा

मशरूम का टेबलेट बैक्टीरिया को खत्म करेगा
शोध छात्र वीर सिंह ने बताया कि हम लोगों ने जो गोली बनाई है वह नॉर्मल मशरूम है जो खाने के लिए यूज करते हैं. इसकी सहायता से फैक्ट्री से निकले केमिकल युक्त पानी को साफ किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि मशरूम से बनी बीड्स की मदद से दूषित पानी के हेवी मेटल्स को रिमूव किया जा सकता है.

4 से 5 घंटे में अलग किया जा सकता है हेवी मेटल को
असिस्टेंट प्रोफेसर विशाल मिश्रा ने बताया कि मशरूम की इन छोटी गोलियों के माध्यम से हम गंगा के जल को शुद्ध बनाने का प्रयास कर रहे हैं. इसमें हेवी मेटल, पॉल्यूशन को हम रीमेडिएट करेंगे. उन्होंने बताया कि इन गोलियों को प्लूरोट्स फ्लोरिडा नामक मशरूम से बनाया गया है. इन गोलियों की मदद से गंगा से क्रोमियम और दूसरे हेवी मेटल्स को निकाला जा सकता है.

Intro:स्पेशल

वाराणसी जब भी हम गंगा का नाम लेते हैं तो उसकी स्वच्छता का बात हमारे सामने अपने आप आ जाता है। गंगा को साफ करने के लिए बहुत सी सरकारों ने बहुत प्रयास किया वर्तमान सरकार ने तो गंगा मंत्रालय बनाकर और गंगा को साफ ना कर पाने के कारण उस मंत्रालय को ही बंद कर दिया। उत्तर प्रदेश की सरकार गंगा को साफ करने के लिए गंगा यात्रा निकाल रही है।


Body:ऐसे में गंगा को साफ करने के लिए भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटीबीएचयू सी अच्छी खबर है यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे की गंगा और मशरूम के पौधे भी साफ कर सकते हैं। गंगा के निर्मलता को स्वच्छ रखने के लिए मशरूम के पौधे भी सहायक हो सकते हैं। आपको असर हो रहा होगा लेकिन अनोखा आविष्कार को कर दिखाया है। आईआईटी बीएचयू के बायोकेमिकल विभाग आइए जानते हैं गंगा कैसे होगी साफ। आईआईटी के छात्रों ने मशरुम के कैसे टेबलेट का इजाद किया है जो गंगा के बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है


Conclusion:वीर सिंह ने बताया हम लोगों ने जो गोली बनाई है। नॉर्मल मशरूम है जो खाने के लिए यूज करते हैं। से हमने यह बीट्स बनाया है। इंडस्ट्री से जो बेस्ट वाटर निकलता है। उसके हेवी मेटल्स को रिमूव करने के लिए। यह बीट्स बनाया है। गोली को हम वेस्ट वाटर में डाल देते हैं। 3 से 4 घंटे में हेवी मेटल को पूरी तरह वाटर से अलग कर देती है। वाटर को पूरी तरह शुद्ध कर देती है। उसके बाद हम उस बेस्ट वाटर को डायरेक्ट गंगा नदी या कहीं भी यूज कर सकते हैं।

बाईट :-- वीर सिंह, शोध छात्र, आईआईटी बीएचयू

असिस्टेंट प्रोफेसर विशाल मिश्रा ने बताया बीट्स बनाया है छोटी-छोटी गोलियां बनाई है। इन गोलियों के माध्यम से हम गंगा के जल को शुद्ध बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जिसमें हेवी मेटल पॉल्यूशन को हम रीमैरिड करेंगे। यह जो गोलियां बनाई गई है। प्लूटो रस फ्लोरिडा नाम के मशहूर से बनाया गया है। यह मशरुम खाद्य प्रपंच में भी यूज किया जाता है। मशरुम खाद्य प्रपोज में भी यूज़ किया जाता है। इसको हम लोगों ने अपने लैब में ग्रो कराया है। ब्रोकर आने के बाद इसके स्टेप में प्रोसेसिंग किया है।बिट्स को तैयार किया है। छोटी-छोटी बीट्स बहुत ही हल्की हैं। गंगा से क्रोमियम और दूसरे हेवी मेटल्स को रिमूव करने के लिए। उनका निस्तारण करने के लिए। बहुत ही उपयोगी है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट का भी हिस्सा है। इस प्रयोग से ना हम हेवी मेटल्स कोई हटा रहे हैं बल्कि ईकोलाई नामक बैक्टीरिया के ग्रोथ को भी रोकता है। ई कोलाई नामक बैक्टीरिया बहुत ही खतरनाक बीमारियों को जन्म देता है।

बाईट :-- डॉ विशाल मिश्रा, असिस्टेंट प्रोफेसर, आईआईटी बीएचयू

, आशुतोष उपाध्याय ,7007459303

नोट यह खबर आशुतोष सहाय सर के निर्देश पर किया गया है स्पेशल जाएगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.