ETV Bharat / state

बीएचयू के छात्रों ने पीएम को भेजा पत्र, संस्कृत के शिक्षकों की नियुक्ति की मांग - उत्तर प्रदेश समाचार

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत मंच कला संकाय के संगीत शास्त्र विभाग से संस्कृत की शिक्षा और शिक्षक दोनों को हटा दिया गया है. इसे लेकर छात्रों ने कई बार शिकायत की लेकिन कोई हल नहीं निकला है.

बीएचयू के छात्रों ने पीएम को भेजा पत्र
बीएचयू के छात्रों ने पीएम को भेजा पत्र
author img

By

Published : Dec 29, 2020, 7:29 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जहां एक तरफ हिंदी निदेशालय बनाने की बात हो रही है. वहीं संगीत मंच कला संकाय के संगीत शास्त्र विभाग से संस्कृत की शिक्षा और शिक्षक दोनों को हटा दिया गया है. जिसे लेकर छात्रों में आक्रोश है. छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति कुलसचिव और रजिस्ट्रार को कई बार इस मामले को लेकर शिकायत की, लेकिन फिर भी इनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है.

पंडित ओंकार नाथ ठाकुर ने की थी स्थापना
महामना के निर्देशन पर पंडित ओंकारनाथ ठाकुर जिन्होंने विश्वविद्यालय के कुल गीत को रागबद्ध किया था. उन्हीं के द्वारा स्थापित संगीत और मंच कला संकाय में विशेष रूप से संगीत शास्त्र विभाग की आधारशिला रखी गई. उसमें गुणवत्तापूर्ण संगीत शिक्षा हेतु संस्कृत शिक्षक भी नियुक्त किए गए थे, ताकि विश्वविद्यालय में कला के साथ शास्त्र में भी छात्र निपुण हो सकें और संगीत के सभी ग्रंथ जैसे नाट्यशास्त्र, वहददेशी, नारदीय शिक्षा, सुधाकलश, संगीत रत्नाकर आदि जिसे आज भी उत्तर और दक्षिण संगीत का आधार ग्रंथ माना जाता है. जो कि सभी संस्कृत भाषा में हैं. संजीत सेवर मंच कला संकाय के बहुत से छात्र और प्रोफेसर पूरे विश्व में जाने जाते हैं. उसकी यही वजह है कि यहां पर संस्कृत और संगीत की शिक्षा एक साथ दी जाती थी.

जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि वह पिछले कई महीनों से लगातार काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय से संस्कृत प्रोफेसर की नियुक्ति खत्म कर दी गई है. इसकी मांग को लेकर कुलपति रजिस्ट्रार को कई बार पत्राचार किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. सरकार अपनी शिक्षा नीति में हिंदी के विकास की बात कर रही है. ऐसे में संगीत ऐसे महत्वपूर्ण विषय से संस्कृत हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि उनके सारे ग्रंथ और वेद संस्कृत में हैं, उन्हीं ग्रंथों से संगीत निकला है. उन्होंने कहा कि जब तक वह संस्कृत की शिक्षा नहीं ले पाएंगे, तब तक संगीत का ज्ञान अपूर्ण है. इसीलिए आज उन्होंने भारतीय डाक के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, यूजीसी को पत्र लिखकर ध्यान आकर्षित करने का काम किया है.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जहां एक तरफ हिंदी निदेशालय बनाने की बात हो रही है. वहीं संगीत मंच कला संकाय के संगीत शास्त्र विभाग से संस्कृत की शिक्षा और शिक्षक दोनों को हटा दिया गया है. जिसे लेकर छात्रों में आक्रोश है. छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति कुलसचिव और रजिस्ट्रार को कई बार इस मामले को लेकर शिकायत की, लेकिन फिर भी इनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है.

पंडित ओंकार नाथ ठाकुर ने की थी स्थापना
महामना के निर्देशन पर पंडित ओंकारनाथ ठाकुर जिन्होंने विश्वविद्यालय के कुल गीत को रागबद्ध किया था. उन्हीं के द्वारा स्थापित संगीत और मंच कला संकाय में विशेष रूप से संगीत शास्त्र विभाग की आधारशिला रखी गई. उसमें गुणवत्तापूर्ण संगीत शिक्षा हेतु संस्कृत शिक्षक भी नियुक्त किए गए थे, ताकि विश्वविद्यालय में कला के साथ शास्त्र में भी छात्र निपुण हो सकें और संगीत के सभी ग्रंथ जैसे नाट्यशास्त्र, वहददेशी, नारदीय शिक्षा, सुधाकलश, संगीत रत्नाकर आदि जिसे आज भी उत्तर और दक्षिण संगीत का आधार ग्रंथ माना जाता है. जो कि सभी संस्कृत भाषा में हैं. संजीत सेवर मंच कला संकाय के बहुत से छात्र और प्रोफेसर पूरे विश्व में जाने जाते हैं. उसकी यही वजह है कि यहां पर संस्कृत और संगीत की शिक्षा एक साथ दी जाती थी.

जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि वह पिछले कई महीनों से लगातार काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय से संस्कृत प्रोफेसर की नियुक्ति खत्म कर दी गई है. इसकी मांग को लेकर कुलपति रजिस्ट्रार को कई बार पत्राचार किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. सरकार अपनी शिक्षा नीति में हिंदी के विकास की बात कर रही है. ऐसे में संगीत ऐसे महत्वपूर्ण विषय से संस्कृत हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि उनके सारे ग्रंथ और वेद संस्कृत में हैं, उन्हीं ग्रंथों से संगीत निकला है. उन्होंने कहा कि जब तक वह संस्कृत की शिक्षा नहीं ले पाएंगे, तब तक संगीत का ज्ञान अपूर्ण है. इसीलिए आज उन्होंने भारतीय डाक के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, यूजीसी को पत्र लिखकर ध्यान आकर्षित करने का काम किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.