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प्रतिमा लगाने की मांग के साथ BHU छात्रों ने मनाई नेताजी की जयंती

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन में महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई गयी. छात्रों ने नेताजी के बलिदान को स्मरण किया. उसके साथ ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय से उनकी यादों को भी ताजा किया.

BHU के छात्रों ने मनायी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती
BHU के छात्रों ने मनायी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती
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Published : Jan 23, 2021, 3:59 PM IST

Updated : Jan 23, 2021, 4:20 PM IST

वाराणसीः बीएचयू में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई गयी. इस दौरान छात्रों ने यूनिवर्सिटी के छात्र भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर एम के सिंह मौजूद रहे. सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर छात्रों ने उनकी जयंती मनायी.

यूनिवर्सिटी में नेता जी की प्रतिमा लगाने की मांग
यूनिवर्सिटी में नेताजी की प्रतिमा लगाने की मांग.

नेता जी का योगदान देश के लिए प्रेरणादायक

प्रोफेसर एम के सिंह ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान पूरे देश के लिए प्रेरणादायक रहा है. केवल 13 साल की आयु में 1910 में सन्यास लेने के लिए नेताजी काशी आये थे. काशी में निवास करने वाले उनके मौसा-मौसी ने उनको समझाया, जिसके बाद वो वापस लौट गये. फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा, वे कोलकाता के मेयर बने. इसके बाद फिर काशी आये.

शोध के छात्र मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि आज पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मना रहा है. भारत मां के इस महान बेटे को सभी लोग नमन करते हैं. पूरा देश आज के दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मना रहा है. सभी छात्रों ने अपने प्रोफेसर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें हमने ये मांग की है कि बीएचयू में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक आदमकद प्रतिमा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के परिसर में लगायी जाये. जिससे यहां आने वाले छात्र उनको याद रखें. महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद और सुभाष चंद्र बोस को अपने आइडियल के रूप में माने.

वाराणसीः बीएचयू में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई गयी. इस दौरान छात्रों ने यूनिवर्सिटी के छात्र भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर एम के सिंह मौजूद रहे. सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर छात्रों ने उनकी जयंती मनायी.

यूनिवर्सिटी में नेता जी की प्रतिमा लगाने की मांग
यूनिवर्सिटी में नेताजी की प्रतिमा लगाने की मांग.

नेता जी का योगदान देश के लिए प्रेरणादायक

प्रोफेसर एम के सिंह ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान पूरे देश के लिए प्रेरणादायक रहा है. केवल 13 साल की आयु में 1910 में सन्यास लेने के लिए नेताजी काशी आये थे. काशी में निवास करने वाले उनके मौसा-मौसी ने उनको समझाया, जिसके बाद वो वापस लौट गये. फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा, वे कोलकाता के मेयर बने. इसके बाद फिर काशी आये.

शोध के छात्र मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि आज पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मना रहा है. भारत मां के इस महान बेटे को सभी लोग नमन करते हैं. पूरा देश आज के दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मना रहा है. सभी छात्रों ने अपने प्रोफेसर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें हमने ये मांग की है कि बीएचयू में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक आदमकद प्रतिमा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के परिसर में लगायी जाये. जिससे यहां आने वाले छात्र उनको याद रखें. महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद और सुभाष चंद्र बोस को अपने आइडियल के रूप में माने.

Last Updated : Jan 23, 2021, 4:20 PM IST
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