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वाराणसी: डिबार हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे बीएचयू के छात्र - बीएचयू में एडमिशन को लेकर धरने पर बैठे छात्र

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र रजत सिंह पीएचडी प्रवेश और मृत्युंजय मौर्या कांफ्लिक्ट मैनेजमेंट की प्रवेश परीक्षा में का चयन हो गया, लेकिन 2017 में दोनों छात्र डीबार किया गया है. इसकी वजह से इनका एडमिशन नहीं हो पा रहा है.शनिवार को छात्र अपनी मांगों को लेकर कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठ गए.

एडमिशन को लेकर धरने पर बैठे छात्र .
एडमिशन को लेकर धरने पर बैठे छात्र .
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Published : Oct 24, 2020, 10:47 PM IST

वाराणसी: बीएचयू के छात्र शनिवार को कुलपति आवास के सामने धरने पर बैठ गए. बीएचयू में रजत सिंह और मृत्युंजय मौर्य को 2017 में डिबार कर दिया गया था. डिबार होने के कारण इन छात्रों का एडमिशन नहीं हो पा रहा है, जिससे नाराज होकर आज यह दोनों छात्र कुलपति आवास के पास जाकर धरने पर बैठ गए

बीएचयू के बीसी आवास पर छात्रों के बैठने की सूचना मिलते ही प्रॉक्टोरियल बोर्ड के लोग मौके पर पहुंच गए. उन्होंने छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्रों ने किसी की नहीं सुनी. छात्रों का कहना था कि कुलपति हमे प्रवेश के लिए लिखित में आश्वासन दें, तभी हम अपना धरना समाप्त करेंगे. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

छात्र रजत सिंह ने बताया हमारा एडमिशन पीएचडी में जनवरी में होना चाहिए, लेकिन कोविड-19 की वजह से अभी तक नहीं हुआ. आज जब एडमिशन की प्रक्रिया हो रही है. तो यह बताया जा रहा है कि 2017 में डिबार होने की वजह से मेरा एडमिशन नहीं किया जा रहा है. इसके बाद छात्र धरने पर बैठ गए. मौके पर पहुंचे जिम्मेदारों ने दस दिन में प्रवेश का भरोसा दिलाया. इस पर छात्रों ने अपना धरना समाप्त किया.

वाराणसी: बीएचयू के छात्र शनिवार को कुलपति आवास के सामने धरने पर बैठ गए. बीएचयू में रजत सिंह और मृत्युंजय मौर्य को 2017 में डिबार कर दिया गया था. डिबार होने के कारण इन छात्रों का एडमिशन नहीं हो पा रहा है, जिससे नाराज होकर आज यह दोनों छात्र कुलपति आवास के पास जाकर धरने पर बैठ गए

बीएचयू के बीसी आवास पर छात्रों के बैठने की सूचना मिलते ही प्रॉक्टोरियल बोर्ड के लोग मौके पर पहुंच गए. उन्होंने छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्रों ने किसी की नहीं सुनी. छात्रों का कहना था कि कुलपति हमे प्रवेश के लिए लिखित में आश्वासन दें, तभी हम अपना धरना समाप्त करेंगे. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

छात्र रजत सिंह ने बताया हमारा एडमिशन पीएचडी में जनवरी में होना चाहिए, लेकिन कोविड-19 की वजह से अभी तक नहीं हुआ. आज जब एडमिशन की प्रक्रिया हो रही है. तो यह बताया जा रहा है कि 2017 में डिबार होने की वजह से मेरा एडमिशन नहीं किया जा रहा है. इसके बाद छात्र धरने पर बैठ गए. मौके पर पहुंचे जिम्मेदारों ने दस दिन में प्रवेश का भरोसा दिलाया. इस पर छात्रों ने अपना धरना समाप्त किया.

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