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बीएचयू छात्रा का 'दशोपनिषद डिजिटल प्रिंट एलबम' इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज - वाराणसी समाचार

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छात्रा नेहा सिंह द्वारा दशोपनिषद पर पहला डिजिटल प्रिंट एल्बम तैयार किया गया. इस एलबम का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है. पहली भारतीय महिला है जिन्होंने उपनिषदों पर कार्य किया और चित्रों के माध्यम से लोगों के सामने प्रस्तुत किया.

बीएचयू छात्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज.
बीएचयू छात्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज.
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Published : Dec 15, 2020, 2:24 PM IST

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एक वर्षीय पाठ्यक्रम सर्टिफिकेट कोर्स की छात्रा नेहा सिंह ने दशोपनिषद का डिजिटल प्रिंट एलबम बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है. नेहा पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने उपनिषदों पर कार्य किया और चित्रों के माध्यम से लोगों के सामने प्रस्तुत किया.

बीएचयू छात्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज.

चार महीने में तैयार हुआ दशोपनिषद का डिजिटल प्रिंट एलबम
नेहा सिंह ने बताया कि दशोपनिषद पेंटिंग पहली बार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया. इसका नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है. नेहा ने बताया कि कलाकार अलग-अलग क्षेत्र में कार्य करते हैं. लेकिन किसी ने वेदों और उपनिषदों पर ध्यान नहीं दिया. वैदिक विज्ञान की छात्रा होने की वजह से लगातार इन विषयों पर गुरुजनों के आशीर्वाद और सहयोग से कार्य किया. उपनिषदों और वेदों के अंदर जो ज्ञान है, उसे लेकर मुझे जिज्ञासा जगी. इसके बाद सोचा कि उपनिषद और वेद बहुत ही प्राचीन हैं और यह लोगों तक पहुंचना चाहिए. इसके बाद दसों उपनिषद की पेटिंग पर काम शुरू किया. लगभग चार महीने में दशोपनिषद डिजिटल प्रिंट एलबम बनाकर तैयार किया.

बीएचयू छात्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज.
बीएचयू छात्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज.

19 फरवरी हुआ था एलबम का विमोचन
नेहा ने बताया कि 19 फरवरी 2020 को कई विद्वानों ने महामना की बगिया में दशोपनिषद का डिजिटल प्रिंट एलबम का विमोचन किया था. वैदिक विज्ञान केंद्र में कई विद्वानों ने एलबम को सराहा था. इस मौके पर विद्वानों ने कहा कि ये दुनिया का पहला ऐसा एलबम होगा, जिसे विश्व रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए. इसके बाद मैंने एलबम का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया था. एलबम में चित्रों के साथ हर एक उपनिषद का संक्षिप्त विवरण भी हिंदी और अंग्रेजी में दिया हुआ है.


एलबम की खासियत
12x18 इंच के 20 पन्नों के इस डिजिटल एलबम में मुख्य 10 उपनिषदों का एक-एक पेंटिंग है. इसके साथ ही उपनिषद के बारे में संक्षिप्त लेख भी हैं. इस एलबम की आखिरी पेज में वेदों में वर्णित महावाक्य का भी एक पेंटिंग है.

नेहा पहले भी बना चुकी हैं विश्व रिकॉर्ड
बीएचयू वैदिक विज्ञान केंद्र की छात्रा नेहा सिंह इससे पहले भी दो विश्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं. नेहा सिंह ने 16 लाख मोतियों से 10×11 फुट का भारत का नक्शा बनाकर पहली बार वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में नाम दर्ज कराया था. वहीं दूसरी बार नेहा सिंह ने 499 पीट कपड़े पर 38417 डॉट-डॉट उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा लिखकर यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुकी हैं.


कई बार किया है अनोखा कार्य
नेहा ने बहुत ही अलग-अलग विधाओं में कला के माध्यम से लोगों को मार्गदर्शन और नया संदेश देने का काम किया है. वैश्विक महामारी के दौर में भी पत्तियों से कोविड-19 से किस तरह बचाया जाए इसका संदेश दिया. अपनी पेंटिंग के माध्यम से भी लोगों को जल संरक्षण और वायु प्रदूषण एवं योग के लिए भी प्रेरित करती हैं.


प्रधानमंत्री से मिल चुकी हैं नेहा
वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 19 फरवरी 2019 नेहा मिल चुकी हैं. प्रधानमंत्री ने नेहा के कार्यों की सराहना की थी. प्रवासी भारतीय कार्यक्रम में नेहा ने पंचतत्व पर एक पेंटिंग बनाया था जो आज भी प्रधानमंत्री के जनसंपर्क कार्यालय में लगा है.


छात्रा नेहा सिंह ने दसों उपनिषद और महावाक्य पर काम किया. डिजिटल एलबम चुटकुले के माध्यम से बनाया. इसका विमोचन भौतिक विज्ञान केंद्र में हुआ था. आज बहुत ही खुशी की बात है कि एलबम का नाम इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. छात्रा के साथ साथ केंद्र का नाम भी रोशन हुआ है. पूरे विश्वविद्यालय परिवार को नेहा पर गर्व है.

-प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी, समन्वय, वैदिक विज्ञान केंद्र बीएचयू

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एक वर्षीय पाठ्यक्रम सर्टिफिकेट कोर्स की छात्रा नेहा सिंह ने दशोपनिषद का डिजिटल प्रिंट एलबम बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है. नेहा पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने उपनिषदों पर कार्य किया और चित्रों के माध्यम से लोगों के सामने प्रस्तुत किया.

बीएचयू छात्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज.

चार महीने में तैयार हुआ दशोपनिषद का डिजिटल प्रिंट एलबम
नेहा सिंह ने बताया कि दशोपनिषद पेंटिंग पहली बार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया. इसका नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है. नेहा ने बताया कि कलाकार अलग-अलग क्षेत्र में कार्य करते हैं. लेकिन किसी ने वेदों और उपनिषदों पर ध्यान नहीं दिया. वैदिक विज्ञान की छात्रा होने की वजह से लगातार इन विषयों पर गुरुजनों के आशीर्वाद और सहयोग से कार्य किया. उपनिषदों और वेदों के अंदर जो ज्ञान है, उसे लेकर मुझे जिज्ञासा जगी. इसके बाद सोचा कि उपनिषद और वेद बहुत ही प्राचीन हैं और यह लोगों तक पहुंचना चाहिए. इसके बाद दसों उपनिषद की पेटिंग पर काम शुरू किया. लगभग चार महीने में दशोपनिषद डिजिटल प्रिंट एलबम बनाकर तैयार किया.

बीएचयू छात्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज.
बीएचयू छात्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज.

19 फरवरी हुआ था एलबम का विमोचन
नेहा ने बताया कि 19 फरवरी 2020 को कई विद्वानों ने महामना की बगिया में दशोपनिषद का डिजिटल प्रिंट एलबम का विमोचन किया था. वैदिक विज्ञान केंद्र में कई विद्वानों ने एलबम को सराहा था. इस मौके पर विद्वानों ने कहा कि ये दुनिया का पहला ऐसा एलबम होगा, जिसे विश्व रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए. इसके बाद मैंने एलबम का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया था. एलबम में चित्रों के साथ हर एक उपनिषद का संक्षिप्त विवरण भी हिंदी और अंग्रेजी में दिया हुआ है.


एलबम की खासियत
12x18 इंच के 20 पन्नों के इस डिजिटल एलबम में मुख्य 10 उपनिषदों का एक-एक पेंटिंग है. इसके साथ ही उपनिषद के बारे में संक्षिप्त लेख भी हैं. इस एलबम की आखिरी पेज में वेदों में वर्णित महावाक्य का भी एक पेंटिंग है.

नेहा पहले भी बना चुकी हैं विश्व रिकॉर्ड
बीएचयू वैदिक विज्ञान केंद्र की छात्रा नेहा सिंह इससे पहले भी दो विश्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं. नेहा सिंह ने 16 लाख मोतियों से 10×11 फुट का भारत का नक्शा बनाकर पहली बार वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में नाम दर्ज कराया था. वहीं दूसरी बार नेहा सिंह ने 499 पीट कपड़े पर 38417 डॉट-डॉट उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा लिखकर यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुकी हैं.


कई बार किया है अनोखा कार्य
नेहा ने बहुत ही अलग-अलग विधाओं में कला के माध्यम से लोगों को मार्गदर्शन और नया संदेश देने का काम किया है. वैश्विक महामारी के दौर में भी पत्तियों से कोविड-19 से किस तरह बचाया जाए इसका संदेश दिया. अपनी पेंटिंग के माध्यम से भी लोगों को जल संरक्षण और वायु प्रदूषण एवं योग के लिए भी प्रेरित करती हैं.


प्रधानमंत्री से मिल चुकी हैं नेहा
वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 19 फरवरी 2019 नेहा मिल चुकी हैं. प्रधानमंत्री ने नेहा के कार्यों की सराहना की थी. प्रवासी भारतीय कार्यक्रम में नेहा ने पंचतत्व पर एक पेंटिंग बनाया था जो आज भी प्रधानमंत्री के जनसंपर्क कार्यालय में लगा है.


छात्रा नेहा सिंह ने दसों उपनिषद और महावाक्य पर काम किया. डिजिटल एलबम चुटकुले के माध्यम से बनाया. इसका विमोचन भौतिक विज्ञान केंद्र में हुआ था. आज बहुत ही खुशी की बात है कि एलबम का नाम इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. छात्रा के साथ साथ केंद्र का नाम भी रोशन हुआ है. पूरे विश्वविद्यालय परिवार को नेहा पर गर्व है.

-प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी, समन्वय, वैदिक विज्ञान केंद्र बीएचयू

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