वाराणसी: IIT-BHU में छात्रा से छेड़छाड़ के सात दिन बीत चुके हैं लेकिन आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स की नाराजगी बढ़ती जा रही है. छात्र-छात्राओं का कहना है कि पुलिस पर भरोसा नहीं रह गया है. आरोपियों को गिरफ्तार करें या फिर केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दें. कहा कि उन्हें लगता है कि पुलिस की गलती की वजह से आरोपी गिरफ्तार नहीं हो सके हैं.
सात दिन पहले IIT कैंपस में हुई थी छेड़खानी
काशी हिन्दू विश्ववविद्यालय के IIT कैंपस में छात्रा के साथ बीते बुधवार रात करीब 1.30 बजे छेड़छाड़ की गई थी. इस घटना के बाद IIT-BHU के छात्र-छात्राओं ने कैंपस में विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया. वहीं आज बुधवार सुबह 10 बजे से ही छात्र-छात्राएं धरने पर बैठ गए. इनकी मांग है कि पीड़िता से छेड़खानी करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए. साथ ही कैंपस में लाइटिंग की व्यवस्था हो और सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए. इस दौरान छात्रों ने कहा है कि हमें पुलिस पर भरोसा नहीं है.
पुलिस से उठा भरोसा, CBI जांच की मांग
प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं का कहना है कि उन्हें लग रहा है कि पुलिस की तरफ से कुछ कमियां रह गई हैं, जिस वजह से आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है. उनका पुलिस पर से भरोसा कम होता जा रहा है. हम आरोपियों को पकड़ने की मांग कर रहे हैं. हमारा यह धरना-प्रदर्शन शांतिपूर्वक किया जा रहा है. यहां पर बैठे विद्यार्थी जो पढ़ना चाहते हैं, वो अपनी क्लास भी कर रहे हैं. उनकी वजह से किसी को कोई समस्या नहीं आ रही है. पुलिस बताए क्या वह इस मामले को सुलझाने की क्षमता रखती हैं? अगर उनसे यह केस नहीं सुलझाया जा रहा तो इसे सीबीआई को ट्रांसफर कर दे. हम छात्रा के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. जल्द से जल्द उन्हें पकड़ा जाए.
धरनास्थल पर पढ़ाई करने बैठे छात्र-छात्राएं
स्टूडेंट्स आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़े हैं. बीते सात दिनों से छात्र धरना दे रहे हैं. बुधवार को प्रदर्शन कर रहे छात्र डायरेक्टर ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए. धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. इतना ही नहीं छात्र-छात्राएं अपने साथ स्टडी मैटेरियल और लैपटॉप भी लेकर आ रहे हैं. छात्रों का कहना है कि हम यहीं पर बैठकर अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे और जब तक आरोपियों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जाता है हम ऐसे ही धरने पर बैठे रहेंगे. वहीं इस दौरान किसी भी तरह के नुकसान करने की भी अपील की है.
पुलिस को आरोपियों का नहीं लग सका सुराग
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के IIT-BHU कैंपस में छात्रा के साथ हुई दरिंदगी के बाद से कैंपस का माहौल गर्म है. बीते 7 दिन से लगातार छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. वहीं सात दिन बीत जाने के बाद भी वाराणसी पुलिस के हाथ खाली है. पुलिस आरोपियों का सुराग नहीं लगा सकी है. बता दें कि कार्रवाई में देरी के बाद से स्टूडेंट्स आंदोलन और बढ़ाते जा रहे हैं. आज शुरू हुए धरना प्रदर्शन में छात्र डायरेक्टर कार्यालय के सामने बैठे हुए हैं. ये छात्र शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही छात्राएं कुछ स्लोगन की तख्तियों के साथ छात्रा के लिए न्याय की मांग कर रही हैं.
विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर NIA और IB की नजर
IIT-BHU में B.Tech की छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में स्टूडेंट्स लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच छात्रों के कई गुटों में जमकर मारपीट और बहस हुई. इस मामले में आइसा और भगत सिंह छात्र मोर्चा (BSM) के छात्रों पर FIR भी हुई है. इन संगठनों का नाम सामने आने पर विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर अब NIA और IB की नजर बनी हुई है. राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर काम कर रही हैं. वहीं IIT-BHU और BHU परिसर में आंदोलन को उग्र रूप दिए जाने का इनपुट एजेंसियों को मिला है.
हिंदुत्व की कब्र खोदने के लगाए गए थे नारे
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों का कहना है कि रविवार को सभी छात्र-छात्राएं प्रदर्शन कर रहे थे. इस प्रदर्शन में कुछ नक्सली प्रवृत्ति के लोग घुस गए. उन्होंने हिन्दुत्व की कब्र खोदने के नारे लगाए. धरने पर बैठे छात्रों ने जब इस बात का विरोध किया तो उन लोगों ने हाथापाई की. ये सभी लोग बाहरी हैं और नक्सनी प्रवृत्ति के हैं. वे लोग पूरी तरीके से महामना के विरोध की बातें कर रहे थे. जितने भी आइसा और BSM के लोग धरने पर बैठे हुए हैं, इनमें से कोई भी BHU का विद्यार्थी नहीं है. ये लोग बाहर से आकर विश्वविद्यालय का माहौल खराब कर रहे हैं.
सितंबर में NIA ने बीएचयू में की थी छापेमारी
बीते 5 सितंबर को NIA ने छात्र संगठन भगत सिंह मोर्चा के ऑफिस में छापेमारी की थी. इस दौरान दो छात्राओं को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई थी. टीम को कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे. इसके साथ ही कई गैजेट्स NIA ने जब्त किए थे. NIA के मुताबिक बीएचयू की एमफिल स्टूडेंट का बिहार के प्रतिबंधित नक्सली संगठन CPI Maoist से रिश्ते हैं. वह नक्सली संगठन के एजेंडे पर गुपचुप तरीके से काम कर रही थी. छात्रा को यहां नया कैडर बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी. वह रिक्रूटर के रूप में वाराणसी में काम कर रही थी. NIA का दावा है कि छात्रा नक्सली संगठन CPI Maoist के चीफ प्रमोद मिश्रा के लिए काम करती है.