वाराणसी: देश में अचानक से तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस ने हर किसी को दहशत में डाल दिया है. लोग अब इस नए वैरिएंट से आशंकित हो रहे है. लेकिन ऐसे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जिनोम वैज्ञानिक ने एक बड़ा दावा किया है. इस दावे के तहत उन्होंने बताया है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट खतरनाक नहीं है, इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जिनोम वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने कहा कि देश में कोरोना वायरस जरूर तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन अब पहली और दूसरी लहर जैसी दहशत नहीं देखने को मिलेगी. यह नया वैरिएंट ओमीक्रान का सब वैरियंट है. इसके अंदर कोई स्पेसिफिक म्यूटेशन नहीं है, जो इम्यून सिस्टम को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है.
खतरनाक नहीं है ये वेब
प्रो चौबे ने कहा कि कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर में लगभग 90 फीसदी से ज्यादा लोग संक्रमित हो करके ठीक हो चुके हैं. इसके बाद उन्होंने वैक्सीनेशन की डोज भी लगवाई हुई है. इस वजह से उन लोगों को संक्रमण होने का कोई खतरा नहीं है. कोरोना का यह नया वेब भारत में खतरे को बढ़ा नहीं सकता. यहां के लोग टीकाकरण के साथ सुरक्षित हैं.
टीकाकरण न कराने वालों के लिए खतरा
उन्होंने कहा कि नया वैरिएंट सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए खतरा बन सकता है, जिन लोगों ने अभी तक टीकाकरण नहीं लगया है. वह अभी तक संक्रमित भी नहीं हुए है. यह एक निश्चित क्षेत्र और इलाके में फैल सकता है. लेकिन विस्तृत रूप से पूरे भारत में इसका असर नहीं होगा. इसलिए सभी के लिए टीकाकरण की आवश्यकता है.
विश्व के आंकड़े भी हुए कम
प्रो. चौबे ने कहा कि पूरे विश्व में 23 मार्च के बाद की तस्वीर अलग देखने को मिली है. पहली बार ऐसा हुआ कि 1 लाख से भी कम केस पूरे विश्व में देखने को मिल रहे है. डेथ रेट भी 1000 प्रतिदिन से कम होकर के महज 500-600 हो गई है. यह बहुत ही इनकरेजिंग फैक्ट है. इसलिए कोई बड़ा विस्फोट का खतरा नहीं है.
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