वाराणसी: भारतीय मजदूर संघ के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर सभी यूनियन के कार्यकर्ताओं ने आज के दिन को विरोध दिवस के रुप में मनाया. इस दौरान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने प्रधान डाकघर नदेसर से सैकड़ों की संख्या में पैदल जुलूस निकालकर जिला मुख्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को 17 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा.
दरअसल भारतीय मजदूर संघ के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर वाराणसी के रेल, डीएलडब्लू, विद्युत, बैंक, रोडवेज, बीमा, प्रतिरक्षा, भेल, आंगनबाड़ी, इंजीनियरिंग, सीमेन्ट, शुगर, बेकरी, होटल, पोस्टल, प्रिन्टिंग, जलकल, भारतीय रेल डाक और विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों ने सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इसमें विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण, निगमीकरण को रोकने, पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने, श्रम कानून में श्रमिक विरोधी नीतियों के परिवर्तन के विरोध में, अप्रेन्टिस प्रशिक्षुओं की सरकारी उपक्रमों में समायोजन और अन्य मांगों को लेकर विशाल जुलुस के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित 17 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. इस दौरान मजदूर यूनियन संघ के लोगों ने कहा कि उनकी मांगे यदि जल्द से जल्द नही पूरी हुईं तो हम आगे एक बड़े विरोध प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे.
वाराणसी: भारतीय मजदूर संघ ने पीएम मोदी को भेजी 17 मांगों की लिस्ट - वाराणसी डीएम
वाराणसी में मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने आज के दिन को विरोध दिवस के रुप में मनाया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों की संख्या में पैदल जुलूस निकालकर जिला मुख्यालय पहुंचे और डीएम के माध्यम से पीएम मोदी को 17 सूत्रीय ज्ञापन भेजा.
वाराणसी: भारतीय मजदूर संघ के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर सभी यूनियन के कार्यकर्ताओं ने आज के दिन को विरोध दिवस के रुप में मनाया. इस दौरान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने प्रधान डाकघर नदेसर से सैकड़ों की संख्या में पैदल जुलूस निकालकर जिला मुख्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को 17 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा.
दरअसल भारतीय मजदूर संघ के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर वाराणसी के रेल, डीएलडब्लू, विद्युत, बैंक, रोडवेज, बीमा, प्रतिरक्षा, भेल, आंगनबाड़ी, इंजीनियरिंग, सीमेन्ट, शुगर, बेकरी, होटल, पोस्टल, प्रिन्टिंग, जलकल, भारतीय रेल डाक और विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों ने सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इसमें विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण, निगमीकरण को रोकने, पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने, श्रम कानून में श्रमिक विरोधी नीतियों के परिवर्तन के विरोध में, अप्रेन्टिस प्रशिक्षुओं की सरकारी उपक्रमों में समायोजन और अन्य मांगों को लेकर विशाल जुलुस के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित 17 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. इस दौरान मजदूर यूनियन संघ के लोगों ने कहा कि उनकी मांगे यदि जल्द से जल्द नही पूरी हुईं तो हम आगे एक बड़े विरोध प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे.