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वाराणसी : 75 वर्षीय इस रिटायर्ड अधिकारी ने बनाया दुनिया का सबसे छोटा पंचांग

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Published : Feb 22, 2019, 9:32 PM IST

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. बनवारीलाल सिंह दुनिया का सबसे लंबा पंचांग बना चुके हैं, जिसकी लंबाई लगभग 15 फुट थी. अब उन्होंने सबसे छोटा पंचांग बनाया है जिसकी लंबाई 6 सेंटीमीटर है. सबसे बड़े पंचांग के लिए उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से अप्रिशिएसन लेटर आया है.

बनवारीलाल ने बनाया दुनिया का सबसे छोटा पंचांग

वाराणसी : कहते हैं इंसान जब किसी प्लानिंग के साथ कोई काम करे तो कुछ अलग कर जाता है, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं होती है. ऐसा ही अलग काम कर दिखाया है बनारस के रहने वाले पूर्व स्वास्थ्य विभाग अधिकारी डॉ. बनवारीलाल सिंह ने. लगभग 75 वर्षीय बनवारीलाल सिंह ने इस उम्र में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने का प्रयास करते हुए दुनिया का सबसे छोटा पंचांग बनाने का दावा किया है.


आश्चर्य की बात तो यह है कि जहां पंचांग-कैलेंडर हर साल बदलता है, वहीं डॉ. बनवारी लाल सिंह का बनाया दुनिया का सबसे छोटा पंचांग 6 सालों का है, यानी इसको इस्तेमाल करने वाले को 66 सालों तक किसी कैलेंडर को बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी.


बनारस में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद से रिटायर होने के बाद डॉ. बनवारी लाल ने अध्यात्म और धर्म की तरफ अपना झुकाव बढ़ाया. उन्होंने बताया कि 1993 में एक बार जब उनको अपना अगले महीने का शेड्यूल तैयार करके अपने उच्चाधिकारियों को सौंपना था, तब उस वक्त उनके सामने कोई कैलेंडर नहीं था. उनके सामने बीते साल का एक कैलेंडर था, जिसको लेकर उन्होंने अगले महीने का कैलेंडर तैयार करके अपना शेड्यूल तैयार किया और उच्चाधिकारियों के पास भेजा.

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बनवारीलाल ने बनाया दुनिया का सबसे छोटा पंचांग


बाद में जब इस कैलेंडर को उन्होंने दूसरे कैलेंडर से चेक किया तो बिल्कुल सही था. अपने समय में गणित के टॉपर रह चुके बनवारी लाल सिंह बताते हैं कि यह दुनिया का सबसे छोटा पंचांग है जिसको देखने के लिए माइक्रोस्कोप का सहारा लेना पड़ेगा. डॉ. बनवारी लाल ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के लिए अपना नॉमिनेशन भेज रखा है, जिस पर काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि उनके तैयार किए गए पंचांग का आकार 0.6 सेंटीमीटर यानी (0.2- 0.3 सेंटीमीटर) है.

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डॉ. सिंह के मुताबिक यह सबसे छोटा पंचांग है, जिसे उन्होंने अभी तैयार किया है और जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की कवायद शुरू हो गई है. इससे पहले वह दुनिया का सबसे लंबा पंचांग बना चुके हैं, जिसकी लंबाई लगभग 15 फुट थी. यह पंचांग भी गिनीज बुक में दर्ज करने के लिए भेजा गया था जिस पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से अप्रिशिएसन लेटर भेजा गया है. डॉक्टर सिंह ने बताया कि दुनिया के सबसे छोटे पंचांग की चौथी विधि मॉडल और ढेर में विधि मॉडल के पंचांग को माइक्रोस्कोपिक वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा है. चौथी विधि पंचांग 64 और सात कॉलम वाले हैं और चैट में 66 साल का पूरा विवरण एक ही पन्ने पर दिया गया है. इस तरह से इस माइक्रोस्कोपिक पंचांग में 6 साल का कैलेंडर आसानी से देखा जा सकता है.

वाराणसी : कहते हैं इंसान जब किसी प्लानिंग के साथ कोई काम करे तो कुछ अलग कर जाता है, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं होती है. ऐसा ही अलग काम कर दिखाया है बनारस के रहने वाले पूर्व स्वास्थ्य विभाग अधिकारी डॉ. बनवारीलाल सिंह ने. लगभग 75 वर्षीय बनवारीलाल सिंह ने इस उम्र में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने का प्रयास करते हुए दुनिया का सबसे छोटा पंचांग बनाने का दावा किया है.


आश्चर्य की बात तो यह है कि जहां पंचांग-कैलेंडर हर साल बदलता है, वहीं डॉ. बनवारी लाल सिंह का बनाया दुनिया का सबसे छोटा पंचांग 6 सालों का है, यानी इसको इस्तेमाल करने वाले को 66 सालों तक किसी कैलेंडर को बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी.


बनारस में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद से रिटायर होने के बाद डॉ. बनवारी लाल ने अध्यात्म और धर्म की तरफ अपना झुकाव बढ़ाया. उन्होंने बताया कि 1993 में एक बार जब उनको अपना अगले महीने का शेड्यूल तैयार करके अपने उच्चाधिकारियों को सौंपना था, तब उस वक्त उनके सामने कोई कैलेंडर नहीं था. उनके सामने बीते साल का एक कैलेंडर था, जिसको लेकर उन्होंने अगले महीने का कैलेंडर तैयार करके अपना शेड्यूल तैयार किया और उच्चाधिकारियों के पास भेजा.

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बनवारीलाल ने बनाया दुनिया का सबसे छोटा पंचांग


बाद में जब इस कैलेंडर को उन्होंने दूसरे कैलेंडर से चेक किया तो बिल्कुल सही था. अपने समय में गणित के टॉपर रह चुके बनवारी लाल सिंह बताते हैं कि यह दुनिया का सबसे छोटा पंचांग है जिसको देखने के लिए माइक्रोस्कोप का सहारा लेना पड़ेगा. डॉ. बनवारी लाल ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के लिए अपना नॉमिनेशन भेज रखा है, जिस पर काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि उनके तैयार किए गए पंचांग का आकार 0.6 सेंटीमीटर यानी (0.2- 0.3 सेंटीमीटर) है.

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डॉ. सिंह के मुताबिक यह सबसे छोटा पंचांग है, जिसे उन्होंने अभी तैयार किया है और जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की कवायद शुरू हो गई है. इससे पहले वह दुनिया का सबसे लंबा पंचांग बना चुके हैं, जिसकी लंबाई लगभग 15 फुट थी. यह पंचांग भी गिनीज बुक में दर्ज करने के लिए भेजा गया था जिस पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से अप्रिशिएसन लेटर भेजा गया है. डॉक्टर सिंह ने बताया कि दुनिया के सबसे छोटे पंचांग की चौथी विधि मॉडल और ढेर में विधि मॉडल के पंचांग को माइक्रोस्कोपिक वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा है. चौथी विधि पंचांग 64 और सात कॉलम वाले हैं और चैट में 66 साल का पूरा विवरण एक ही पन्ने पर दिया गया है. इस तरह से इस माइक्रोस्कोपिक पंचांग में 6 साल का कैलेंडर आसानी से देखा जा सकता है.

Intro:एंकर- वाराणसी: कहते हैं इंसान जब किसी प्लानिंग के साथ कोई काम करें तो कुछ ऐसा अलग कर जाता है. जिसकी किसी को उम्मीद नहीं होती है और कुछ ऐसा ही अलग काम कर दिखाया है बनारस के रहने वाले स्वास्थ्य विभाग अधिकारी डॉ बनवारीलाल सिंह ने लगभग 75 साल के डॉक्टर बनवारीलाल सिंह ने इस उम्र में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने का प्रयास करते हुए दुनिया का सबसे छोटा पंचांग बनाने का दावा किया है. आश्चर्य की बात तो यह है जहां पंचांग कैलेंडर हर साल बदलता है वही डॉ बनवारी लाल सिंह का बनाया है दुनिया का सबसे छोटा पंचांग 6 सालों का है यानी इसको इस्तेमाल करने वाले को 66 सालों तक किसी कैलेंडर को बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 दरअसल बनारस में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद से रिटायर्ड होने के बाद डॉक्टर बनवारी लाल ने अध्यात्म और धर्म की तरफ अपना झुकाव बढ़ाया उन्होंने बताया कि 1993 में एक बार जब उनको अपना अगले महीने का शेड्यूल तैयार करके अपने उच्चाधिकारियों को सपना था तब उस वक्त उनके सामने कोई कैलेंडर नहीं था उनके सामने बीते साल का एक कैलेंडर था जिसको लेकर उन्होंने अगले महीने का कैलेंडर तैयार करके अपना शेड्यूल तैयार किया और उच्चाधिकारियों के पास भेज दिया, बाद में जब इस कैलेंडर को उन्होंने दूसरे कैलेंडर से चेक किया तो बिल्कुल सही था. अपने समय में गणित के टॉपर रह चुके बनवारी लाल सिंह बताते हैं कि दुनिया का सबसे छोटा पंचांग है जिसको देखने के लिए माइक्रोस्कोप का सहारा लेना पड़ेगा. डॉ बनवारी लाल ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के लिए अपना नॉमिनेशन भेज रखा है. जिस पर काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा तैयार यह पंचांग 0.6 सेंटीमीटर यानी (0.2- 0.3 सेंटीमीटर) आकार का है.

बाईट- डॉ बनवारी लाल सिंह, सबसे छोटा पञ्चाङ्ग बनाने वाले


Conclusion:वीओ-02 डॉक्टर सिंह के मुताबिक यह तो सबसे छोटा पंचांग है जिसे उन्होंने अभी तैयार किया है और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की कवायद शुरू हो गई है लेकिन इससे पहले वह दुनिया का सबसे लंबा पंचांग बना चुके हैं जिसकी लंबाई लगभग 15 फुट थी यह पंचांग भी गिनीज बुक में दर्ज करने के लिए भेजा गया था जिस पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से अप्रिशिएसन लेटर भेजा गया है. डॉक्टर सिंह ने बताया कि दुनिया के सबसे छोटे पंचांग की चौथी विधि मॉडल एवं ढेर में विधि मॉडल के पंचांग को माइक्रोस्कोपिक वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा है चौथी विधि पंचांग 64 और सात कॉलम वाले हैं और चैट में 66 साल का पूरा विवरण एक ही पन्ने पर दिया गया है इस तरह से इस माइक्रोस्कोपिक पंचांग में 6 साल का कैलेंडर आसानी से देखा जा सकता है.

क्लोजिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र
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