वाराणसी: गर्मियों का मौसम शुरू होते ही शहरों के साथ-साथ गांव में कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम का बाजार गरमाने लगता है. सूखे गले को तर करने के लिए केमिकल युक्त चीजों का उपयोग करते है. वहीं काशीवासी अलग-अलग पदार्थों से बेहतर देसी घरेलू चीजे पसंद करते है.
सत्तू की लस्सी पीते बनारसी ग्राहक
सड़क किनारे ठेलों पर सत्तू की लस्सी बेचने वालों में गांव के बेरोजगार युवा ही लगे हैं. ठेले पर मिट्टी के बड़े पात्र में सत्तू और पानी के नमक के साथ मथ कर स्पेशल नाश्ते को तैयार किया जाता है. इसमें प्याज, पुदीना, हींग और जीरा मिलाया जाता है.
एक गिलास लस्सी पीने के बाद भीषण से भीषण गर्मी में भी लोग खुद को काफी देर तक तरोताजा महसूस करते हैं. ये लस्सी उत्तर भारत के लोगों को लू से बचाने के अलावा गर्मी की तपिश को सहने की क्षमता प्रदान करती है.
-संतोष कुमार गुप्ता