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गर्मी भगाने का ये है नमकीन तरीका, क्या पी है अपने ऐसी लस्सी

प्रदेश में गर्मी अपने चरम पर है और गंगा किनारे बसे बनारस में धूप से लोग हर जगह बेहाल नजर आ रहे हैं. ऐसे में अगर लोगों को तरावट और ठंडक भरा एक नुस्खा मिल जाए तो उसकी क्या बात होगी. कोल्ड ड्रिंक या आइसक्रीम की जगह आप लस्सी आजमा सकते हैं. बनारस में सत्तू की लस्सी अलग ही पहचान बना रही है.

गर्मी भगाने का ये है नमकीन तरीका, क्या पी है अपने ऐसी लस्सी
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Published : Jun 8, 2019, 10:03 AM IST

वाराणसी: गर्मियों का मौसम शुरू होते ही शहरों के साथ-साथ गांव में कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम का बाजार गरमाने लगता है. सूखे गले को तर करने के लिए केमिकल युक्त चीजों का उपयोग करते है. वहीं काशीवासी अलग-अलग पदार्थों से बेहतर देसी घरेलू चीजे पसंद करते है.

गर्मी भगाने का ये है नमकीन तरीका.


सत्तू की लस्सी पीते बनारसी ग्राहक

सड़क किनारे ठेलों पर सत्तू की लस्सी बेचने वालों में गांव के बेरोजगार युवा ही लगे हैं. ठेले पर मिट्टी के बड़े पात्र में सत्तू और पानी के नमक के साथ मथ कर स्पेशल नाश्ते को तैयार किया जाता है. इसमें प्याज, पुदीना, हींग और जीरा मिलाया जाता है.

एक गिलास लस्सी पीने के बाद भीषण से भीषण गर्मी में भी लोग खुद को काफी देर तक तरोताजा महसूस करते हैं. ये लस्सी उत्तर भारत के लोगों को लू से बचाने के अलावा गर्मी की तपिश को सहने की क्षमता प्रदान करती है.
-संतोष कुमार गुप्ता

वाराणसी: गर्मियों का मौसम शुरू होते ही शहरों के साथ-साथ गांव में कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम का बाजार गरमाने लगता है. सूखे गले को तर करने के लिए केमिकल युक्त चीजों का उपयोग करते है. वहीं काशीवासी अलग-अलग पदार्थों से बेहतर देसी घरेलू चीजे पसंद करते है.

गर्मी भगाने का ये है नमकीन तरीका.


सत्तू की लस्सी पीते बनारसी ग्राहक

सड़क किनारे ठेलों पर सत्तू की लस्सी बेचने वालों में गांव के बेरोजगार युवा ही लगे हैं. ठेले पर मिट्टी के बड़े पात्र में सत्तू और पानी के नमक के साथ मथ कर स्पेशल नाश्ते को तैयार किया जाता है. इसमें प्याज, पुदीना, हींग और जीरा मिलाया जाता है.

एक गिलास लस्सी पीने के बाद भीषण से भीषण गर्मी में भी लोग खुद को काफी देर तक तरोताजा महसूस करते हैं. ये लस्सी उत्तर भारत के लोगों को लू से बचाने के अलावा गर्मी की तपिश को सहने की क्षमता प्रदान करती है.
-संतोष कुमार गुप्ता

Intro:वाराणसी। प्रदेश में गर्मी अपने चरम पर है और गंगा किनारे बसे बनारस में धूप से लोग हर जगह बेहाल नजर आ रहे हैं ऐसे में अगर लोगों को तरावट और ठंडक भरा एक नुस्खा मिल जाए तो जो सुकून मिलता है उसकी बात ही अलग है। तापमान का पारा चढ़ने के साथ ही जाहिर है आपका गला कुछ एक्स्ट्रा चैरिटी मांगता है। ऐसे में कोल्ड ड्रिंक या आइसक्रीम की जगह आजमा सकते हैं बिल्कुल देसी उपाय एक ऐसा उपाय जिससे सैकड़ों सालों से उत्तर भारत खासकर यूपी और बिहार के लोग जेठ की तपन मिटाने के लिए इस्तेमाल में लाते रहते हैं।बनारस में अलग पहचान बना चुके इस उपाय को सत्तू की लस्सी कहा जाता है।


Body:VO1: गर्मियों का मौसम शुरू होते हैं शहरों के साथ-साथ गांव में कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम का बाजार गरमाने लगता है। तो वही सूखे गले को तर करने के लिए अगर केमिकल युक्त चीजों से हटकर देखा जाए तो देश के नुस्खे लोगों को जो तरावट देते हैं वह कहीं नहीं। बात करें काशी वासियों की तो न सिर्फ पुराने बल्कि युवा बनारसियों का भी यही कहना है अलग अलग से पदार्थों से बेहतर है सड़क किनारे देसी घरेलू करो गर्मी और लू से बचने के लिए पहली पसंद है। यहां मिलने वाली प्याज सत्तू की लस्सी वो कहते हैं ना इतिहास खुद को दोहराता है । तो जनाब धीरे-धीरे ही सही लेकिन सत्तू की लस्सी नदिया गांव की पगडंडियों को छोड़कर शहरी मध्यम वर्ग में अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी है। वैसे भी सतू से बनने वाली हसीना कोई सानी नहीं है खाना की स्पेशल लस्सी को गरीबों की चौखट तक लाने का श्रेय भी उसी गरीब तबके को जाता है।

बाइट: सत्तू की लस्सी पीते बनारसी ग्राहक


Conclusion:VO2: फिलहाल सड़क किनारे ठेलों पर सत्तू की लस्सी बेचने वालों में गांव के बेरोजगार युवा ही लगे हैं। ठेले पर मिट्टी के बड़े पात्र मैं पानी और तस्वीरें में सत्तू और पानी के नमक को साथ से मत कर स्पेशल नशे को तैयार किया जाता है साथी सुमन डाला जाता है प्यार पुदीना नींद और जीरा बनारस की सड़कों पर ऐसी बेचने वाली संतोष कुमार गुप्ता का कहना है कि एक गिलास लस्सी पीने के बाद भीषण से भीषण गर्मी में भी लोग खुद को काफी देर तक तरोताजा महसूस करते हैं। यहतक उत्तर भारत को लू से बचाने के अलावा गर्मी की तपिश को सहने की क्षमता प्रदान करती है अगर आप भी स्वस्थ शरीर हजार नियमित जेसी कहावतें की राह पर चलते हैं तो गर्मी बनारसी अंदाज की खिलाइए लस्सी जरूर पीएं और गर्मी में भी खुद को ठंडक की राहत दे।
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