वाराणसी: बनारस रेलवे कारखाना (Banaras Railway Workshop बरेका) में बनकर तैयार 100वें इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन को शनिवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. इस वर्ष 380 लोकोमोटिव इंजन बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है. बनारस रेलवे कारखाना की महाप्रबंधक अंजलि गोयल ने बताया कि साल 2021 के 380 लोकोमोटिव इंजनों के सापेक्ष 100वें इंजन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया. गोयल ने बताया कि इस साल 380 लोकोमोटिव इंजन बनाए जाने हैं. अभी हम 100 इंजन बनाकर रेलवे को समर्पित कर चुके हैं. अप्रैल-मई में सप्लाई नहीं आई. अब सप्लाई फिर से बढ़ गई है. जैसे-जैसे सामाग्री बढ़ती जाएगी वैसे ही काम में तेजी आएगी.
बरेका की महाप्रबंधक अजंलि गोयल ने अनुसार, कोविड की दूसरी लहर के दौरान इंजन निर्माण की गति धीमी हुई. क्योंकि अप्रैल, मई और जून माह की अवधि में करीब 1000 से ज्यादा कर्मचारी कोविड संक्रमण (covid infection) के शिकार हुए. फिर भी बरेका ने अपने वर्कशॉप को सुचारू रूप से चालू रखा. इस बात का श्रेय मेडिकल टीम को जाता है. हालांकि, कोरोना की तीसरी लहर से पूर्व वर्कशॉप को पीडियाट्रिक वार्ड एवं ऑक्सीजन (oxygen plant) प्लांट की सुविधा से लैस कर दिया गया है.
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अंजलि गोयल ने आगे बताया कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए दो प्रमुख तैयारियां कर ली गई हैं. कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत हमें स्टेट गवर्नमेंट ने एक ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध कराया है, जिसका पीएम मोदी ने लोकार्पण किया है. यह प्लांट जरूरत के मुताबिक, 100 बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध कराता रहेगा. संभावित कोविड की थर्ड वेब अगर आती है तो ऑक्सीजन की सप्लाई सीधे प्लांट से की जाएगी. थर्ड वेव में बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव के मद्देनजर पीडियाट्रिक वार्ड भी बनाया गया है, जिसमें 18 बेड बच्चों के लिए समर्पित हैं. बच्चों के तीमारदार रात को वहां ठहर सकते हैं. 6 आईसीयू बेड बच्चों के लिए हैं. बच्चों के लिए जो भी आवश्यक दवाइयां हैं वो भी उपलब्ध होंगी.