वाराणसी: बनारस रेल इंजन कारखाना हर रोज नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. साल के अंतिम दिन गुरुवार को बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) ने अपने 200वें रेल इंजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस बार किसी वीआईपी ने नहीं बल्कि रिटायर्ड हो रहे कर्मचारियों ने इंजन को हरी झंडी दिखाई. बनारस रेल इंजन कारखाने ने इस कोविड-19 दौर में कम वर्किंग डेज के बाद भी 200 रेल इंजन तैयार कर कीर्तिमान स्थापित किया है. जबकि पिछले साल 195 का निर्माण किया गया था.
रेल इंजन का नाम आशा किरण रखा
बनारस रेल इंजन कारखाने में गुरुवार को महाप्रबंधक अंजलि गोयल ने वित्तीय वर्ष के 200 वें विद्युत रेल इंजन WAP-7 को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया. इस अवसर पर महाप्रबंधक ने बरेका से सेवानिवृत्त हो रहे यूएस यादव (कारपेंटर) व केके उपाध्याय (ड्राइवर) ने 200वें इंजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने की जिम्मेदारी सौंपी. फिलहाल तैयार हुए इस 200 वें रेल इंजन का नाम आशा किरण रखा गया है. पहले इस रेल इंजन का नाम अर्पित रखा गया था लेकिन नए साल पर नई उम्मीदों के साथ नए प्रतिमान स्थापित करने के उद्देश्य से इसका नाम आशा किरण किया गया है.
पहली बार कर्मचारियों ने दिखाई हरी झंडी
अंजलि गोयल ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष का यह हमारा 200 हुआ इंजन है. कोविड-19 में कम समय में भी हम लोगों ने जिस तरह 200 इंजन का निर्माण किया है. इसके साथ ही इस इंजन का नाम आशा किरण रखा गया है. अंजली गोयल ने बताया कि आशा किरण नाम रखने से हमारा उद्देश्य है कि आने वाला नया साल हम लोगों के लिए एक नई आशा लेकर आए. हम अपने बड़े काम में अगले साल से नई आशा किरण के साथ अधिक से अधिक इंजनों का निर्माण करें.
इस साल 200 रेल इंजन किए तैयार
महाप्रबंधक ने कहा कि हमने अपने दो सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों से इंजन का लोकार्पण भी इसलिए कराया ताकि बरेका परिवार के लिए यह खुशी का पल रहे. क्योंकि इसमें सभी के मेहनत का यह नतीजा है कि कोविड-19 में कम वर्किंग दिनों में भी हम लोगों ने 200 इलेक्ट्रिक इंजन का निर्माण किया है. पिछले साल के मुकाबले में 5 इंजन अधिक तैयार हुए हैं. उन्होंने बताया कि नए साल में विदेशों में सप्लाई के लिए भी तैयार इंजन को हरी झंडी दिखाई जाएगी.