वाराणसी: किसान आंदोलन को लेकर 26 जनवरी को देश में जो कुछ हुआ उसके बाद किसानों के आंदोलन के तरीके को लेकर अब लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है, लेकिन इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किसानों को अपने उज्जवल भविष्य की राह दिखाई दे रही है. यही वजह है कि लगातार वाराणसी के खेतों में पसीना बहाकर अच्छी कमाई करने की उम्मीद लगाए किसान लगातार मटर की खेती कर रहे हैं. सब्जियों की खेप को गल्फ कंट्री भेजकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. 18 जनवरी को वाराणसी से 10 कुंतल मटर और बैगन की खेप शारजाह भेजी गई और आज और डिमांड आने के बाद शारजाह के लिए 11 कुंतल मटर की दूसरी खेप रवाना की गई है, जो सिर्फ बनारस ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के किसानों के लिए भी काफी मददगार साबित होने वाला है.
पहले बनारस और अब मिर्जापुर के किसानों को फायदा
दरअसल, केंद्र सरकार की योजना के तहत वाराणसी में एपीडा और वाराणसी जिला प्रशासन के सार्थक प्रयासों के बलबूते पर वाराणसी के साथ चंदौली, मिर्जापुर भदोही और अन्य जिलों के किसानों की फसल को लगातार गल्फ कंट्री और विदेशी मुल्क में भेजा जा रहा है. आज वाराणसी के साथ ही मिर्जापुर के रहने वाले किसान की फसल मटर के रूप में शारजाह के लिए रवाना की गई है. गुरुवार को 11 कुंतल हरा मटर गल्फ कंट्री भेजा जा रहा है. जिससे किसानों को काफी उम्मीद है. किसानों का साफ तौर पर करना है कि लोकल मार्केट में अच्छा रेट न मिल पाने की वजह से वह निराश हो जाते थे और नुकसान उठाना पड़ता था, लेकिन अब किसान संघ और एपीडा के सहयोग से उनका सामान बाहर जाने लगा है. उससे उनकी उम्मीद बढ़ी है और नई फसल तैयार कर वह आगे भेजने की तैयारी भी कर रहे हैं. गुरुवार को दूसरी खेप गई है. 2 दिन बाद यहां से तीसरी खेप भी रवाना की जाएगी.
सरकार की योजनाओं का मिल रहा लाभ
बनारस से लगातार गल्फ कंट्री को जा रही सब्जियों की खेप एपीडा के प्रयास से काफी आगे बढ़ चुकी है. एपीडा के सहायक महाप्रबंधक डॉ. सीबी सिंह का कहना है की गल्फ कंट्री में जा रहे किसानों के प्रोडक्ट आगे उम्मीद की किरण जगा रहे हैं. आने वाले दिनों में कई बड़े शिपमेंट यहां से भेजने की तैयारी है, जो इंटरनेशनल लेवल पर किसानों को बड़ा फायदा देंगे. वहीं किसान निर्यात संघ से जुड़े लोगों का कहना है कि डिमांड के अनुरूप सब्जियों की खेती भविष्य के लिए तैयार करवाई जा रही है, ताकि किसानों की आय दोगुनी हो सके और सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को सीधे मिले.