वाराणसी: जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच विवाद समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है. यूनिवर्सिटी में गुरुवार की देर रात तक छात्र धरने पर बैठे रहे. वहीं शुक्रवार को धरने पर बैठे मोना देवी छात्रावास के छात्रों ने केंद्र सरकार और विश्वविद्यालय पर गंभीर आरोप लगाया.
छात्रों ने लगाया गंभीर आरोप
बीएचयू के छात्रों का आरोप है कि "जब बीएचयू में वैवाहिक कार्यक्रम समारोह हो सकते हैं और उसमें कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का कोई डर नहीं है. तो हॉस्टल खोलने का आदेश यूजीसी ने 3 दिसंबर से अपनी नई गाइडलाइंस में जारी क्यों नहीं किया है. बीएचयू प्रशासन हॉस्टल क्यों नहीं खोल रहा है." छात्रों ने केंद्र सरकार के ऊपर आरोप लगाते है कहा कि "जब पूरे भारत में शराब के ठेके, सिनेमाघर, मॉल खोले जा रहे हैं तो हमारे पठन-पाठन के लिए यूनिवर्सिटी को क्यों नहीं खोला जा रहा है. हम सभी छात्रों का भविष्य अंधकार में ले जाने की यह गंदी राजनीति है."
बीएचयू के राजा राममोहन राय हॉस्टल में छात्र अंदर बंद हैं. छात्रों से मिलने आए चीफ प्रॉक्टर ओपी राय ने मीडिया के कैमरे को बंद करने की सलाह दी. वहीं मोना हॉस्टल के छात्र हॉस्टल के बाहर धरने पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि जल्द से जल्द हॉस्टल खोला जाए. बीएचयू छात्र जीत ने बताया कि "हम लोग हॉस्टल में रहना चाहते हैं. यूजीसी की गाइडलाइन के तहत हम लोग अपने अपने शहर से आए हैं. हम लोगों को हॉस्टल में नहीं रहने दिया जा रहा है. कहा जा रहा है यह अवैध है. आप लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी. यह बीएचयू प्रशासन की तानाशाही है. ना हमें बाहर जाने दिया जा रहा है और ना ही हमारे दोस्तों को अंदर आने दिया जा रहा है. वार्डन द्वारा हॉस्टल का गेट बंद किया गया है."