वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण के बाद बहुत कुछ बदला है. हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. इनसब के बीच विकासशील विश्वनाथ धाम ने बनारस के अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा पहुंचाया है. वाराणसी के डीएवी कॉलेज के एक रिसर्च में यह बातें सामने आई है. जिसमें यह साफ हुआ है कि विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद बनारस की अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा और महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है.
वाराणसी की अर्थव्यवस्था डीएवी पीजी कॉलेज ने किया रिसर्च
डीएवी पीजी कॉलेज ने एक रिसर्च के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ धाम के कायाकल्प के बाद वाराणसी की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर का अध्ययन किया है. अध्ययन में मुख्यतः गंगा किनारे के व्यवसाय, हैंडीक्राफ्ट, फूल-माला, टूर ट्रैवल, स्थानीय परिवहन, होटल आदि व्यवसाय को मुख्यतः शामिल किया गया है. रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, श्री काशी विश्वनाथ कॉरीडोर बनने के बाद बदले परिदृश्य में इन व्यवसायों में अच्छी वृद्धि देखने को मिल रही है. केवल श्री काशी विश्वनाथ धाम में ही कॉरीडोर बनने के बाद 11,72,71,749 श्रद्धालुओं ने अब तक दर्शन किए हैं, जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि काशी में पर्यटन विस्तृत रूप ले चुका है.
पर्यटन अर्थव्यवस्था में 41 प्रतिशत से अधिक का उछाल
श्री काशी विश्वनाथ धाम सदियों से सनातनियों के आस्था का केंद्र रहा है. 3,000 स्क्वायर फीट से 5 लाख स्क्वायर फीट में कॉरीडोर का रूप लेकर श्री काशी विश्वनाथ धाम जब मूलभूत सुविधाओं सहित अवस्थित हुआ तो वाराणसी के पर्यटन अर्थव्यवस्था में 41 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई. केवल श्री काशी विश्वनाथ धाम में ही इस वर्ष 11,72,71,749 श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ के दिव्य दरबार में हाजिरी लगाई. जाहिर है, वाराणसी में तो इससे भी अधिक पर्यटक आए होंगे. यही कारण है कि काशी ने गोवा समेत कई अन्य शहरों को पीछे छोड़ते हुए पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है. पर्यटकों की रिकॉर्ड आमद से काशी की अर्थव्यवस्था भी सकारात्मक करवट ले रही है है. इसका असर यह हुआ है कि वाराणसी के सभी उद्योग इस बदलाव से लाभान्वित हो रहे हैं.
धाम के कायाकल्प ने खोला आय का जरिया
डीएवी पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और रिसर्च के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. सत्य देव सिंह ने बताया कि धाम के कायाकल्प के बाद सबसे ज्यादा पर्यटन उद्योग 41 प्रतिशत इनकम जेनरेट कर रहा है. वहीं 22.60 प्रतिशत की आय में वृद्धि करके घाट प्रबंधन दूसरे नंबर पर है. लकड़ी का खिलौना, बनारसी साड़ी, बोटिंग व अन्य सम्बंधित गतिविधियों समेत हैंडीक्राफ्ट सेक्टर की आय में भी 9.10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, साड़ी और हैंडीक्राफ्ट के सामानों में 47 प्रतिशत, रिक्शावालों की आय में 15 प्रतिशत व टेम्पो ( थ्री व्हीलर ) ड्राइवर की आय में 25 प्रतिशत वृद्धि हुई है. इसी प्रकार, ई रिक्शा चालक 30 प्रतिशत, होटल मालिक 65 प्रतिशत, टैक्सी मालिक और ड्राइवर 20 प्रतिशत, नाविक और नाव मालिक 80 प्रतिशत तक आय की वृद्धि के लिहाज से लाभान्वित हुए हैं. रिसर्च में स्थानीय उत्पाद के बिक्री में बढ़ोत्तरी से शत प्रतिशत लोग सहमत दिख रहे है.
काशी की बदली दशा-दिशा
रिपोर्ट के मुताबिक श्री काशी विश्वनाथ धाम के कायाकल्प के बाद रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं, इस बात पर 99.48 लोग सहमत हैं. रोजगार के उपलब्धता को लेकर भी 77.80 प्रतिशत लोग संतुष्ट हैं. वहीं, 13.60 प्रतिशत लोग काफी संतुष्ट हैं. धाम जाने वाले मार्ग और धाम के अंदर के इंफ्रास्ट्रक्चर में व्यापक सुधार को लेकर 99.53 लोग सहमत हैं जबकि 85.90 प्रतिशत लोग सार्वजनिक सुविधाओं में व्यापक सुधार को मान रहे हैं. ऑफ सीजन में भी पर्यटकों के रिकॉर्ड आमद से कारोबारियों की विदेशी सैलानियों पर निर्भरता ख़त्म होती जा रही है. शहर का मूलभूत ढांचा मजबूत हो तो उस शहर के अर्थव्यवस्था को रफ़्तार स्वतः मिल जाती है. पूर्व की सरकारों में उपेक्षित पड़े पूर्वांचल की योगी सरकार ने दशा और दिशा बदल दी है. देश और पूरी दुनिया से अच्छी कनेक्टिविटी की वजह से काशी की अर्थव्यस्था उड़ान भरने लगी है.
श्री काशी विश्वनाथ धाम निर्माण के बाद बनारस अर्थव्यवस्था में आया जबरदस्त उछाल, पर्यटन क्षेत्र में बना सिरमौर
एक कॉलेज की रिसर्च में वाराणसी की अर्थव्यवस्था को लेकर रिसर्च किया है. रिसर्च में दावा किया गया है कि श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण के बाद यहां की अर्थव्यवस्था में काफी उछाल आया है. आइए जानते हैं कि पूरी रिपोर्ट में क्या है?
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Sep 12, 2023, 10:46 PM IST
|Updated : Sep 12, 2023, 10:56 PM IST
वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण के बाद बहुत कुछ बदला है. हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. इनसब के बीच विकासशील विश्वनाथ धाम ने बनारस के अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा पहुंचाया है. वाराणसी के डीएवी कॉलेज के एक रिसर्च में यह बातें सामने आई है. जिसमें यह साफ हुआ है कि विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद बनारस की अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा और महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है.
वाराणसी की अर्थव्यवस्था डीएवी पीजी कॉलेज ने किया रिसर्च
डीएवी पीजी कॉलेज ने एक रिसर्च के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ धाम के कायाकल्प के बाद वाराणसी की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर का अध्ययन किया है. अध्ययन में मुख्यतः गंगा किनारे के व्यवसाय, हैंडीक्राफ्ट, फूल-माला, टूर ट्रैवल, स्थानीय परिवहन, होटल आदि व्यवसाय को मुख्यतः शामिल किया गया है. रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, श्री काशी विश्वनाथ कॉरीडोर बनने के बाद बदले परिदृश्य में इन व्यवसायों में अच्छी वृद्धि देखने को मिल रही है. केवल श्री काशी विश्वनाथ धाम में ही कॉरीडोर बनने के बाद 11,72,71,749 श्रद्धालुओं ने अब तक दर्शन किए हैं, जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि काशी में पर्यटन विस्तृत रूप ले चुका है.
पर्यटन अर्थव्यवस्था में 41 प्रतिशत से अधिक का उछाल
श्री काशी विश्वनाथ धाम सदियों से सनातनियों के आस्था का केंद्र रहा है. 3,000 स्क्वायर फीट से 5 लाख स्क्वायर फीट में कॉरीडोर का रूप लेकर श्री काशी विश्वनाथ धाम जब मूलभूत सुविधाओं सहित अवस्थित हुआ तो वाराणसी के पर्यटन अर्थव्यवस्था में 41 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई. केवल श्री काशी विश्वनाथ धाम में ही इस वर्ष 11,72,71,749 श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ के दिव्य दरबार में हाजिरी लगाई. जाहिर है, वाराणसी में तो इससे भी अधिक पर्यटक आए होंगे. यही कारण है कि काशी ने गोवा समेत कई अन्य शहरों को पीछे छोड़ते हुए पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है. पर्यटकों की रिकॉर्ड आमद से काशी की अर्थव्यवस्था भी सकारात्मक करवट ले रही है है. इसका असर यह हुआ है कि वाराणसी के सभी उद्योग इस बदलाव से लाभान्वित हो रहे हैं.
धाम के कायाकल्प ने खोला आय का जरिया
डीएवी पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और रिसर्च के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. सत्य देव सिंह ने बताया कि धाम के कायाकल्प के बाद सबसे ज्यादा पर्यटन उद्योग 41 प्रतिशत इनकम जेनरेट कर रहा है. वहीं 22.60 प्रतिशत की आय में वृद्धि करके घाट प्रबंधन दूसरे नंबर पर है. लकड़ी का खिलौना, बनारसी साड़ी, बोटिंग व अन्य सम्बंधित गतिविधियों समेत हैंडीक्राफ्ट सेक्टर की आय में भी 9.10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, साड़ी और हैंडीक्राफ्ट के सामानों में 47 प्रतिशत, रिक्शावालों की आय में 15 प्रतिशत व टेम्पो ( थ्री व्हीलर ) ड्राइवर की आय में 25 प्रतिशत वृद्धि हुई है. इसी प्रकार, ई रिक्शा चालक 30 प्रतिशत, होटल मालिक 65 प्रतिशत, टैक्सी मालिक और ड्राइवर 20 प्रतिशत, नाविक और नाव मालिक 80 प्रतिशत तक आय की वृद्धि के लिहाज से लाभान्वित हुए हैं. रिसर्च में स्थानीय उत्पाद के बिक्री में बढ़ोत्तरी से शत प्रतिशत लोग सहमत दिख रहे है.
काशी की बदली दशा-दिशा
रिपोर्ट के मुताबिक श्री काशी विश्वनाथ धाम के कायाकल्प के बाद रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं, इस बात पर 99.48 लोग सहमत हैं. रोजगार के उपलब्धता को लेकर भी 77.80 प्रतिशत लोग संतुष्ट हैं. वहीं, 13.60 प्रतिशत लोग काफी संतुष्ट हैं. धाम जाने वाले मार्ग और धाम के अंदर के इंफ्रास्ट्रक्चर में व्यापक सुधार को लेकर 99.53 लोग सहमत हैं जबकि 85.90 प्रतिशत लोग सार्वजनिक सुविधाओं में व्यापक सुधार को मान रहे हैं. ऑफ सीजन में भी पर्यटकों के रिकॉर्ड आमद से कारोबारियों की विदेशी सैलानियों पर निर्भरता ख़त्म होती जा रही है. शहर का मूलभूत ढांचा मजबूत हो तो उस शहर के अर्थव्यवस्था को रफ़्तार स्वतः मिल जाती है. पूर्व की सरकारों में उपेक्षित पड़े पूर्वांचल की योगी सरकार ने दशा और दिशा बदल दी है. देश और पूरी दुनिया से अच्छी कनेक्टिविटी की वजह से काशी की अर्थव्यस्था उड़ान भरने लगी है.