छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर घमासान मचा हुआ है. सभी पार्टियां अपने-अपने जीत के दावें कर रही हैं. चुनाव प्रचार भी चरम पर है. इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी नेता पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने राज्य के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के 'वोट जिहाद-धर्म युद्ध' वाले बयान पर पलटवार करते हुए बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री सीएम नहीं बनेंगे और उनके सपने टूटने वाले हैं.
ओवैसी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अब वह (देवेंद्र फडणवीस) मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं. उनके सपने टूटने वाले हैं. वे केवल दिखावे के लिए एकजुट हैं, अंदर से वे केवल एक-दूसरे की टांग खींचते हैं, मुझे पता है कि वे एक-दूसरे की टांग खींचते हैं. ओवैसी ने यह बातें औरंगाबाद पूर्व विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम उम्मीदवार इम्तियाज जलील के लिए प्रचार करते समय कहीं.
बता दें, शनिवार को विधानसभा चुनाव के लिए महायुति उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते हुए फडणवीस ने कहा कि 'वोट जिहाद' का मुकाबला वोट के 'धर्म युद्ध' से किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी शहर का नाम नहीं बदल सकता. औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर रखा गया था, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद मराठा राज्य के दूसरे शासक थे.
इस बीच, भाजपा ने रविवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें राज्य में एक और कार्यकाल के लिए सत्ता में आने पर राज्य के लोगों को कुल 25 आश्वासन देने का वादा किया गया है. मुंबई में अमित शाह और अन्य नेताओं द्वारा जारी भाजपा के घोषणापत्र में अन्य आश्वासनों के अलावा महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपये, एमएसपी पर 20 प्रतिशत सब्सिडी सहित किसानों के लिए 15,000 तक की ऋण माफी, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता और बिजली बिल में कमी का वादा किया गया है.
राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव 20 नवंबर को होंगे और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी. विपक्षी एमवीए गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) शामिल हैं, राज्य में सत्ता हासिल करना चाहता है और महायुति गठबंधन को चुनौती दे रहा है, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने 105 सीटें जीतीं, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें हासिल कीं. 2014 में भाजपा ने 122 सीटें, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटें जीती थीं.
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