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बदहाल होता वाराणसी राइफल क्लब, खतरे में निशानेबाजों का भविष्य

उत्तर प्रदेश के वाराणसी राइफल क्लब की स्थिति बदहाल है. जहां न तो निशानेबाजी के लिए जरूरी उपकरण उपलब्ध हैं और न ही टारगेट सेट करने के लिए उचित व्यवस्था. इसके चलते निशानेबाजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बदहाल होता वाराणसी राइफल क्लब.
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Published : Aug 30, 2019, 6:08 PM IST

वाराणसी: केंद्र सरकार एक तरफ जहां पूरे देश में 'फिट इंडिया' कैंपेन चला रही है, खेलों को प्रोत्साहन दे रही है, नवयुवकों को खेल के लिए जागरूक कर रही है. वहीं, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र का राइफल क्लब तंगी का दर्द झेल रहा है.

बदहाल होता वाराणसी राइफल क्लब.

बनारस का जाना माना राइफल क्लब जो हजारों प्रतिभावान निशानेबाजों की प्रतिभा को निखारता है. भारत को निशानेबाजी में स्वर्ण पदक दिलाने के सपने को साकार करता है. ऐसी ही कुछ उम्मीदें वाराणसी के नौजवानों की इस राइफल क्लब से हैं.

यह भी पढ़ें: वाराणसी: एक बार फिर आधी रात सड़क पर उतरीं बीएचयू आईआईटी की छात्राएं

मौजूदा समय में राइफल क्लब का खेल मैदान कम जंगल ज्यादा लगने लगा है. जहां न तो निशानेबाजों के लिए ढंग का मैदान है न ही टारगेट सेट करने के लिए जरूरी उपकरण उपलब्ध हैं. सुविधाओं के अभाव में उभरते निशानेबाजों को न सिर्फ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि उनका खेल भी काफी प्रभावित हो रहा है.

क्लब में सुविधाएं बहुत कम हैं. मैदान में चारों तरफ घास ही घास है. प्रैक्टिस के लिए गोली नहीं होती हैं. टारगेट सेट करने में परेशानी होती है.
-आकाशदीप सिंह, शूटर

जितनी सुविधाओं में हम सब खेल रहे हैं. उसमें जीतना तो क्या टिक पाना भी असंभव है. धूप और पानी से बचने के लिए यहां कोई सुविधा नहीं है.

-पूजा चौरसिया, महिला शूटर

हाल ही में क्लब का निरीक्षण किया गया है. वहां जो समस्याएं हैं, उनका समाधान जल्द किया जाएगा.

-सुरेंद्र सिंह, जिलाधिकारी

वाराणसी: केंद्र सरकार एक तरफ जहां पूरे देश में 'फिट इंडिया' कैंपेन चला रही है, खेलों को प्रोत्साहन दे रही है, नवयुवकों को खेल के लिए जागरूक कर रही है. वहीं, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र का राइफल क्लब तंगी का दर्द झेल रहा है.

बदहाल होता वाराणसी राइफल क्लब.

बनारस का जाना माना राइफल क्लब जो हजारों प्रतिभावान निशानेबाजों की प्रतिभा को निखारता है. भारत को निशानेबाजी में स्वर्ण पदक दिलाने के सपने को साकार करता है. ऐसी ही कुछ उम्मीदें वाराणसी के नौजवानों की इस राइफल क्लब से हैं.

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मौजूदा समय में राइफल क्लब का खेल मैदान कम जंगल ज्यादा लगने लगा है. जहां न तो निशानेबाजों के लिए ढंग का मैदान है न ही टारगेट सेट करने के लिए जरूरी उपकरण उपलब्ध हैं. सुविधाओं के अभाव में उभरते निशानेबाजों को न सिर्फ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि उनका खेल भी काफी प्रभावित हो रहा है.

क्लब में सुविधाएं बहुत कम हैं. मैदान में चारों तरफ घास ही घास है. प्रैक्टिस के लिए गोली नहीं होती हैं. टारगेट सेट करने में परेशानी होती है.
-आकाशदीप सिंह, शूटर

जितनी सुविधाओं में हम सब खेल रहे हैं. उसमें जीतना तो क्या टिक पाना भी असंभव है. धूप और पानी से बचने के लिए यहां कोई सुविधा नहीं है.

-पूजा चौरसिया, महिला शूटर

हाल ही में क्लब का निरीक्षण किया गया है. वहां जो समस्याएं हैं, उनका समाधान जल्द किया जाएगा.

-सुरेंद्र सिंह, जिलाधिकारी

Intro:वाराणसी। केंद्र सरकार पूरे देश में फिट इंडिया कैंपेन चला रही है खेलों को प्रोत्साहन दे रही है और नवयुवक को को खेल के प्रति और जागरूक करने की ओर कदम भी उठा रही हैं। लेकिन प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक ऐसा खेल है जो उभरती प्रतिभाओं की आस होने के बावजूद तंगी का दर्द झेल रहा है हम बात कर रहे हैं। वाराणसी में उभरते निशानेबाजों की उम्मीद राइफल क्लब की जो इस समय कैसी सूची में है। जिसमें न सिर्फ निशानेबाजों को तकलीफ हो रही है बल्कि उनका खेल भी काफी प्रभावित हो रहा है।


Body:Vo1:- बनारस का जाना माना राइफल क्लब यहां दम भर्ती हैं हजारों प्रतिभावान निशानेबाजों की प्रतिभा। इस राइफल क्लब में सजते हैं भारत को निशानेबाजी में स्वर्ण पदक दिलाने के सपने और यहां बनती हैं। कुछ उम्मीदें वाराणसी के नौजवानों की लेकिन यह राइफल क्लब किस स्थिति में है। इस बात का किसी को हाल लेने की फुर्सत नहीं है वाराणसी के इस राइफल क्लब के मुख्य अधिकारी खुश शहर के जिलाधिकारी हैंम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के नाते इस क्षेत्र में खुद पीएम मोदी खेलों को प्रोत्साहन देने की बात करने कई बार आए हैं और यह एक ऐसा शहर है जहां से उत्तर प्रदेश सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्री आते हैं । जिस शहर का सांसद ही देश का प्रधानमंत्री हो वहां उसी की शुरुआत की गई फिट इंडिया कैंपेन के तहत खेलों को बढ़ावा देने की कवायद वही अधूरी होती नजर आती है। जहां नए प्रतिभावान खिलाड़ियों को जरूरी सुविधाएं भी मुहैय्या होती नही दिखती। राइफल क्लब का खेल मैदान कम जंगल ज्यादा लगने लगा है। खिलाड़ियों के लिए नाही शेर की ठीक से व्यवस्था है ना ही टारगेट सेट करने के लिए जरूरी उपकरण 10 मीटर से लेकर 50 मीटर तक की रेंज राइफल क्लब में मौजूद तो जरूर है पर उसकी देखरेख जिस तरीके से की जा रही है। वह अपने आप में खेलों को बढ़ावा देने वाली सरकार पर कई प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।

byte:- आकाशदीप सिंह, शूटर


Conclusion:Vo2:- बात सिर्फ रायपुर क्लब की हालत पर खत्म नहीं होती यहां पर प्रेक्टिस करने वाले शूटरों की समस्या सुनेंगे तो शायद लोग भी यही कहेंगे कि देश की प्रतिभा कई तरह से दम तोड़ रही है। राइफल क्लब में सीखने आने वाले शूटर देश के लिए स्वर्ण पदक लाकर इतिहास में नाम दर्ज कराने का सपना देखते हैं लेकिन यह सपना टूट जाता है। जब उन्हें प्रैक्टिस के लिए पर्याप्त बंदूकें और समय नहीं मिल पाता। इन कठिन परिस्थितियों के बाद भी राज्य से लेकर नेशनल स्तरीय प्रतियोगिता में यहां के शूटर अपने बेहतरीन प्रदर्शन से शहर को स्वर्ण पदक दिलाकर शहर को गौरवान्वित करते हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि जिन सुविधाओं में हम सब खेल रहे हैं उसमें जीतना तो क्या टिक पाना भी असंभव है पड़ी धूप और पानी से बचने के लिए यहां कोई सुविधा नहीं है साथ ही हालत यह है कि 10 मीटर इन जैसे इनडोर खेल को भी जगह न होने के कारण खुले में प्रैक्टिस करवाई जाती हैं। खिलाड़ियों के पास पुराने जमाने की राइफल और पिस्तौल मौजूद है तो वही आधुनिक उपकरण के नाम पर इस राइफल क्लब में कुछ भी नजर नहीं आता खिलाड़ियों का कहना है कि कम उपकरणों की वजह से हर खिलाड़ी को मात्र 15 से 20 मिनट ही मिल पाते हैं प्रैक्टिस करने के लिए जबकि देश के लिए खेलना हो तो महज कुछ मिनटों की नही बल्कि घण्टो की प्रैक्टिस जरूरी होती हैं। राइफल क्लब की मौजूदा स्थिति के बारे में वाराणसी के जिला अधिकारी का कहना है कि हाल ही में क्लब का निरीक्षण किया गया है वहां जो समस्याएं हैं। उनका समाधान जल्द किया जाएगा राइफल पर किससे सुधारने प्रशासन की जिम्मेदारी है इसके साथ ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को किसी भी तरीके की तकलीफ का सामना ना करना पड़े इस बात का ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ जो कमी बताई गई है उसे पूरा किया जाएगा । इन दावों से कुछ दिन तक आश्वासन तो मिल गया है लेकिन खिलाड़ियों को इस आश्वासन से भी कुछ ज्यादा उम्मीदें मिलती नजर नहीं आ रही अगर जल्द से जल्द राइफल क्लब की स्थिति में सुधार नहीं किया गया तो शायद यह देश अपने कुछ बेहतरीन निशानेबाजों को बढ़ावा देने से वंचित रह जाएगा।


बाइट :-पूजा चौरासिया, महिला शूटर
बाइट:- सुरेंद्र सिंह, जिलाधिकारी, वाराणसी


Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236
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