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आज का श्रवण कुमार, वृद्ध मां को कंधे पर लादकर कराया विश्वनाथ मंदिर में दर्शन - काशी में दिखा कलयुग का श्रवण कुमार

काशी में सोमवार को बाबा विश्वनाथ के मंदिर में एक अलग ही चित्र दिखाई दिया. इस कलयुग में एक युवक अपनी 80 साल की वृद्ध मां को कंधे पर लादकर मंदिर पहुंचा.

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काशी में दिखा कलयुग का श्रवण कुमार
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Published : Jul 10, 2023, 6:26 PM IST

80 साल की वृद्ध मां को कंधे पर लादकर बेटा पहुंचा काशी

वाराणसी: आज बदलते परिवेश के साथ परिवार टूट रहे हैं. मां, बच्चों से और बेटा मां से दूर होता जा रहा है. लेकिन, आज भी कुछ ऐसे बच्चे हैं, जो मां बाप के वृद्ध होने के बाद भी उनका साथ नहीं छोड़ते. साथ ही उनकी हर अंतिम इच्छा को पूरा करने की कोशिश में जुटे रहती हैं. ऐसे ही हैं कानपुर देहात के रहने वाले योगेश. वह अपनी 80 साल की वृद्ध माता प्रेमवती देवी को कंधों पर लादकर काशी यात्रा के लिए लेकर पहुंचे हैं.


दरअसल, सावन के पहले सोमवार को जबरदस्त भीड़ बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी. इस दौरान एक युवक अपने कंधे पर एक वृद्ध महिला को लेकर पैदल चलता दिखाई दिया. जब ईटीवी भारत की टीम ने युवक से बातचीत की तो उसने अपने मां की अंतिम इच्छा काशी यात्रा और काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने की बताई. कानपुर देहात के रहने वाले योगेश ने बताया कि 80 साल की माता प्रेमवती देवी को काशी यात्रा करवाने के लिए निकले हैं.



योगेश का कहना है कि मां चल नहीं सकती, उनके पैर बिल्कुल भी उनका साथ नहीं देते हैं. लेकिन, वह बार-बार बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने की इच्छा जता रही थी. उनकी यह इच्छा कंधे पर ले जाकर ही पूरी हो सकती थी. ऐसी स्थिति में बेटे ने अपनी मां की इच्छा को पूरा करने की ठानी. इसके बाद परिवार के कुछ अन्य सदस्यों के साथ मां को काशी लेकर पहुंच गए.

इसे भी पढ़े-सावन के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक को निकली यादव बंधुओं की टोली, जानिए परंपरा के बारे में

योगेश का कहना है कि सावन के पहले सोमवार पर भीड़ ज्यादा होने के बाद भी जब वह अपनी मां को कंधे पर लेकर विश्वनाथ मंदिर के द्वार पर पहुंचे तो पुलिस वालों ने उनका पूरा सहयोग किया. पुलिस वालों ने पहले भीड़ से अलग करके उन्हें अंदर भेजा. अंदर भी मंदिर प्रशासन ने उन्हें बहुत अच्छे से बाबा विश्वनाथ का दर्शन करवाया. काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद भी वह मां को कंधे पर लादकर काल भैरव मंदिर, तिलभांडेश्वर मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर में भी ले जाकर दर्शन पूजन करवाया.

वहीं, बेटे की तरफ से तीर्थ यात्रा करने के लिए अपने कंधे पर उठाकर पैदल चल रहे योगेश की मां भी बेहद खुश हैं. अपने बेटे के सिर पर बार-बार हाथ फेर कर 80 साल की वृद्धा आशीर्वाद दे रही थी कि बेटा खूब आगे बढ़े और खूब उम्र हो.

यह भी पढ़े-मुस्लिम आबादी के बीच एक ऐतिहासिक शिव मंदिर, जिसे रामपुर नवाब ने बनवाया था

80 साल की वृद्ध मां को कंधे पर लादकर बेटा पहुंचा काशी

वाराणसी: आज बदलते परिवेश के साथ परिवार टूट रहे हैं. मां, बच्चों से और बेटा मां से दूर होता जा रहा है. लेकिन, आज भी कुछ ऐसे बच्चे हैं, जो मां बाप के वृद्ध होने के बाद भी उनका साथ नहीं छोड़ते. साथ ही उनकी हर अंतिम इच्छा को पूरा करने की कोशिश में जुटे रहती हैं. ऐसे ही हैं कानपुर देहात के रहने वाले योगेश. वह अपनी 80 साल की वृद्ध माता प्रेमवती देवी को कंधों पर लादकर काशी यात्रा के लिए लेकर पहुंचे हैं.


दरअसल, सावन के पहले सोमवार को जबरदस्त भीड़ बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी. इस दौरान एक युवक अपने कंधे पर एक वृद्ध महिला को लेकर पैदल चलता दिखाई दिया. जब ईटीवी भारत की टीम ने युवक से बातचीत की तो उसने अपने मां की अंतिम इच्छा काशी यात्रा और काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने की बताई. कानपुर देहात के रहने वाले योगेश ने बताया कि 80 साल की माता प्रेमवती देवी को काशी यात्रा करवाने के लिए निकले हैं.



योगेश का कहना है कि मां चल नहीं सकती, उनके पैर बिल्कुल भी उनका साथ नहीं देते हैं. लेकिन, वह बार-बार बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने की इच्छा जता रही थी. उनकी यह इच्छा कंधे पर ले जाकर ही पूरी हो सकती थी. ऐसी स्थिति में बेटे ने अपनी मां की इच्छा को पूरा करने की ठानी. इसके बाद परिवार के कुछ अन्य सदस्यों के साथ मां को काशी लेकर पहुंच गए.

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योगेश का कहना है कि सावन के पहले सोमवार पर भीड़ ज्यादा होने के बाद भी जब वह अपनी मां को कंधे पर लेकर विश्वनाथ मंदिर के द्वार पर पहुंचे तो पुलिस वालों ने उनका पूरा सहयोग किया. पुलिस वालों ने पहले भीड़ से अलग करके उन्हें अंदर भेजा. अंदर भी मंदिर प्रशासन ने उन्हें बहुत अच्छे से बाबा विश्वनाथ का दर्शन करवाया. काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद भी वह मां को कंधे पर लादकर काल भैरव मंदिर, तिलभांडेश्वर मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर में भी ले जाकर दर्शन पूजन करवाया.

वहीं, बेटे की तरफ से तीर्थ यात्रा करने के लिए अपने कंधे पर उठाकर पैदल चल रहे योगेश की मां भी बेहद खुश हैं. अपने बेटे के सिर पर बार-बार हाथ फेर कर 80 साल की वृद्धा आशीर्वाद दे रही थी कि बेटा खूब आगे बढ़े और खूब उम्र हो.

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