वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय और शंकराचार्य परिषद 15 और 16 फरवरी को स्वावलंबी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करेगा. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मभूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र, मुख्य वक्ता न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडे और शंकराचार्य परिषद के मार्गदर्शक स्वामी आनंद स्वरूप होंगे. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ब्रह्ममुहूर्त, योग दर्शन, यज्ञ, आयुर्वेद और परंपरा के साथी ऋषि कृषि का प्रचार-प्रसार देश में हो और देश एक बार फिर विश्व गुरु बने.
स्वावलंबी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
बीएचयू के आयुर्वेद संकाय और शंकराचार्य परिषद दो दिवसीय स्वावलंबी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करने जा रहा है. स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि सनातन धर्म को विश्वधर्म बनाना है, क्योंकि सनातन धर्म इससे पहले विश्व धर्म रह चुका है. हम प्राचीन भारत की पुनः निर्माण की बात करते हैं, लेकिन भारत का पुनर्निर्माण तभी होगा जब ऋषि कृषि के साथ ब्रह्म मुहूर्त को वापस लाएंगे.
प्रो. यामिनी भूषण त्रिपाठी ने बताया कि आयुर्वेद और वेद का समन्वय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्थल पर हो सकता है. उपवास का हमारे वेद में उल्लेख है लेकिन हमारे आयुर्वेद में भी इसका बहुत महत्व है. वेद और आयुर्वेद दोनों में दिनचर्या लिखी हुई है. अब तो वैज्ञानिक भी मान रहे हैं, लेकिन हमारा कार्य इसे युवाओं तक पहुंचाना है.
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