वाराणसी: पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली की अस्थि कलश को लेकर उनके परिवार के लोग रविवार को काशी पहुंचे. काशी में मणिकर्णिका घाट पर मोक्ष दायिनी मां गंगा में वैदिक रीति-रिवाज से पूजन करने के बाद उनका अस्थि कलश प्रवाहित हुआ. उनके बेटे रोहन जेटली ने उनके अस्थि कलश को गंगा में प्रभावित किया. इसी दौरान उनके परिवार के अन्य लोग भी मौजूद रहे. बता दें कि 25 अगस्त को दिल्ली के निगमबोध घाट पर अरुण जेटली अंतिम संस्कार किया गया था.
पंचतत्व में विलीन होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की अस्थि कलश को लेकर उनकी धर्म पत्नी संगीता जेटली, बेटी सोनाली जेटली और पुत्र रोहन जेटली वाराणसी पहुंचे. इनके साथ परिवार के अन्य लोग भी मौजूद रहे. दिल्ली से अरुण जेटली के परिवार के लगभग 15 लोग उनके अस्थि कलश विसर्जन में शामिल हुए.
यहां भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बाबतपुर से लेकर मणिकर्णिका तक अपने प्रिय नेता की अंतिम विदाई के लिए मौजूद रहे. वहीं वाराणसी में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के एक-दो नहीं बल्कि 3 मंत्री थे, लेकिन तीनों मंत्री कहीं नजर नहीं आए. रविंद्र जायसवाल शहर उत्तरी के विधायक और मंत्री, नीलकंठ तिवारी शहर दक्षिणी के मंत्री, अनिल राजभर शिवपुर विधानसभा मंत्री हैं.
अरुण जेटली के पुत्र रोहन जेटली ने कहा कि पिताजी का बनारस से बहुत ही लगाव था. यह मोक्ष की नगरी है. मणिकर्णिका घाट पर उनका अस्थि विसर्जन किया गया.
रोहन जेटली, पुत्र अरुण जेटली
बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और हम सब के मार्गदर्शक रहे अरुण जेटली के अस्थि कलश का विसर्जन उनके पूरे परिवार के साथ मणिकर्णिका घाट पर मोक्ष दायिनी मां गंगा में विसर्जित किया गया. हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं.
महेश चंद्र श्रीवास्तव, क्षेत्रीय अध्यक्ष, बीजेपी