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तमाम सुविधाओं का है दावा, मगर फिर भी मरीज हैं हलकान

वाराणसी में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो. बनारस में कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति है, कितनी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, इसको लेकर के ईटीवी भारत की टीम ने अधिकारियों से बातचीत की.

वाराणसी में कोरोना संक्रमण
वाराणसी में कोरोना संक्रमण
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Published : Apr 17, 2021, 4:51 AM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी लगातार अपने पांव पसार रही है, जिसका परिणाम यह है कि बीते दिनों से अब तक इस बीमारी की रफ्तार में 24 फीसदी से ज्यादा उछाल आया है. एक दिन में पहले जहां संक्रमण 22.42 फीसदी हुआ करता था, वहीं अब बढ़कर के यह 37 फीसदी तक पहुंच गया है. यही वजह है कि प्रशासनिक अमला और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है कि मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, उन तक सारी सुविधाएं पहुंचाई जाए. वाराणसी में कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति है, कितनी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, इसको लेकर के ईटीवी भारत की टीम ने अधिकारियों से बातचीत की.

वाराणसी में कोरोना से अब तक 422 मरीजों की मौत हो चुकी है
लेवल टू - थ्री के बनाए गए हैं कोविड अस्पतालचिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर के सिंह ने बताया कि वाराणसी में कोरोना मरीजों की भर्ती और इलाज करने के लिए एलटू एवं एलथ्री लेवल के अस्पतालों को बनाया गया है, जिसमें जिले की चार सरकारी अस्पताल, नौ निजी चिकित्सालय को शामिल किया गया हैं. इसके साथ ही निजी क्षेत्र के अन्य चिकित्सालयों को भी शामिल किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि सरकारी क्षेत्र के चार चिकित्सालय में मरीजों की भर्ती और इलाज के लिए कुल 649 बेड और आईसीयू के लिए 140 बेड आरक्षित किए गए हैं, जिसमें लेवल टू 283 एवं लेवल थ्री के 366 बेड आरक्षित हैं. वही नौ निजी अस्पतालों में कुल 459 बेड आईसीयू के 115 बेड आरक्षित किए गए हैं, जिसमें लेवल टू के 375 और लेवल थ्री के 84 बेड आरक्षित हैं.बनाए जा रहे हैं अस्थायी अस्पताल

वैकल्पिक व्यवस्था के तहत खेल मैदान को अस्थाई कोर्ट सेंटर बनाए जाने की कवायद चल रही है. जहां 500 बेड की सुविधा के मरीजों को केंद्रित ऑक्सीजन सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए खेल मैदान के अलावा अन्य शहर के छोटे-बड़े बैंकट हॉल, स्कूल कॉलेज और महाविद्यालयों को भी लेकर के वहां पर भी बेड लगाकर मरीजों का इलाज करने की कवायद चल रही है.

वाराणसी का जिला अस्पताल
वाराणसी का जिला अस्पताल
सरकारी अस्पतालों की बढ़ाई जा रही हैं सुविधाडॉ. आर के सिंह ने बताया कि अन्य सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय की सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है. क्योंकि यहां आस-पास के जिलों से भी मरीज आते हैं और कोरोना जांच तथा टीकाकरण के अलावा यहां सामान्य ओपीडी का भी संचालन किया जाता है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां 286 बेड है. इसके अलावा 40 बेड होल्डिंग एरिया के हैं. जहां पर हम गंभीर रोगों के मरीजों को रखते हैं. यहां कोरोना टेस्ट कराया जाता है. रिपोर्ट आने के बाद जो मरीज संक्रमित होता है तो उसे level-2 के अस्पतालों में भेज दिया जाता है और जो संक्रमित नहीं होता है और गंभीर बीमारी से पीड़ित होता है तो उसे हमारे यहां रखा जाता है और उनका इलाज किया जाता है.एमसीएच विंग को भी कोविड अस्पताल में किया गया तब्दीलचिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि वाराणसी जिले में लेवल टू के कोविड अस्पताल 50 बेड वाले एमसीएच विंग में भी कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा अन्य निजी 6 अस्पतालों का भी चयन किया गया है, जिसमें एमसीएच विंग को कोविड अस्पताल में तब्दील करने के साथ डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. जिले के अन्यअस्पतालों में मेडिकल स्टॉफ की कमी न हों इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के 90 छात्रों के साथ निजी मेडिकल कॉलेज के छात्रों की सूची तैयार कर उनकी ड्यूटी लगाई जा रही है.
वाराणसी में कोरोना संक्रमण
वाराणसी में कोरोना संक्रमण
अस्पताल के ज्यादातर स्टॉफ है संक्रमितपैरामेडिकल स्टाफ के बाबत उन्होंने बताया कि अस्पताल के चार फिजिसियन, एसआईसी और 8 पैरामेडिकल स्टॉफ कोरोना से जंग लड़ रहे हैं और वर्तमान में एक सर्जन की भी स्थिति बिगड़ रही है. उन्होंने बताया कि हमारे अस्पताल में कोरोना संक्रमण के कारण ज्यादातर कर्मचारी और डॉक्टर संक्रमित है. इस वजह से थोड़ी समस्याएं हो रही हैं, लेकिन हम अपने लेवल से हर संभव मदद कर रहे हैं. इसीलिए जो डॉक्टर सेवानिवृत्त हो चुके हैं हम उनकी सेवा फिर से ले रहे हैं, जिससे इस महामारी से हम जीत सके.ऑक्सीजन की पर्याप्तता में है कमी ऑक्सीजन की कमी के बाबत मिल रही शिकायतों के बाद जिलाधिकारी ने ऑक्सीजन डीलर को निर्देशित किया है कि किसी भी कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी न हो. इसके साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता को और बढ़ाने के लिए बाहर से ऑक्सीजन मंगाई गई है. लेकिन इसके बावजूद भी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है, जिसकी वजह से मरीज हलकान है.38 हजार के पार पहुंचा मरीजों का आंकड़ा


वाराणसी में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 38434 हो गया है. अब तक 24898 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं. इसके साथ ही इस महामारी से अब तक 422 मरीजों की जान जा चुकी है. वर्तमान में एक्टिव करुणा मरीजों की संख्या 13114 है. अब तक होम आइसोलेशन में रहकर 21886 मरीज और अस्पताल से 3012 मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं.



किया जा रहा है टीकाकरण

पूरे प्रदेश में एक करोड़ तीन लाख लोगों को टीका लगा दिया गया है. टीका उत्सव के दौरान 13 अप्रैल से अब तक पूरे प्रदेश में 14,55,900 लोगों को कोविड का टीका लगाया गया है. वाराणसी में भी हर दिन हजारों की संख्या में लाभार्थियों को टीका लगाया जा रहा है. इसको लेकर के जिले के 65 केंद्रों पर 104 सत्रों में टीकाकरण का आयोजन किया जा रहा है. जहां 45 वर्ष से ऊपर के लाभार्थियों को टीका लगाया जा रहा है. इसी क्रम में आज जिले में 5225 लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगा.

वाराणसी: कोरोना महामारी लगातार अपने पांव पसार रही है, जिसका परिणाम यह है कि बीते दिनों से अब तक इस बीमारी की रफ्तार में 24 फीसदी से ज्यादा उछाल आया है. एक दिन में पहले जहां संक्रमण 22.42 फीसदी हुआ करता था, वहीं अब बढ़कर के यह 37 फीसदी तक पहुंच गया है. यही वजह है कि प्रशासनिक अमला और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है कि मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, उन तक सारी सुविधाएं पहुंचाई जाए. वाराणसी में कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति है, कितनी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, इसको लेकर के ईटीवी भारत की टीम ने अधिकारियों से बातचीत की.

वाराणसी में कोरोना से अब तक 422 मरीजों की मौत हो चुकी है
लेवल टू - थ्री के बनाए गए हैं कोविड अस्पतालचिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर के सिंह ने बताया कि वाराणसी में कोरोना मरीजों की भर्ती और इलाज करने के लिए एलटू एवं एलथ्री लेवल के अस्पतालों को बनाया गया है, जिसमें जिले की चार सरकारी अस्पताल, नौ निजी चिकित्सालय को शामिल किया गया हैं. इसके साथ ही निजी क्षेत्र के अन्य चिकित्सालयों को भी शामिल किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि सरकारी क्षेत्र के चार चिकित्सालय में मरीजों की भर्ती और इलाज के लिए कुल 649 बेड और आईसीयू के लिए 140 बेड आरक्षित किए गए हैं, जिसमें लेवल टू 283 एवं लेवल थ्री के 366 बेड आरक्षित हैं. वही नौ निजी अस्पतालों में कुल 459 बेड आईसीयू के 115 बेड आरक्षित किए गए हैं, जिसमें लेवल टू के 375 और लेवल थ्री के 84 बेड आरक्षित हैं.बनाए जा रहे हैं अस्थायी अस्पताल

वैकल्पिक व्यवस्था के तहत खेल मैदान को अस्थाई कोर्ट सेंटर बनाए जाने की कवायद चल रही है. जहां 500 बेड की सुविधा के मरीजों को केंद्रित ऑक्सीजन सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए खेल मैदान के अलावा अन्य शहर के छोटे-बड़े बैंकट हॉल, स्कूल कॉलेज और महाविद्यालयों को भी लेकर के वहां पर भी बेड लगाकर मरीजों का इलाज करने की कवायद चल रही है.

वाराणसी का जिला अस्पताल
वाराणसी का जिला अस्पताल
सरकारी अस्पतालों की बढ़ाई जा रही हैं सुविधाडॉ. आर के सिंह ने बताया कि अन्य सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय की सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है. क्योंकि यहां आस-पास के जिलों से भी मरीज आते हैं और कोरोना जांच तथा टीकाकरण के अलावा यहां सामान्य ओपीडी का भी संचालन किया जाता है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां 286 बेड है. इसके अलावा 40 बेड होल्डिंग एरिया के हैं. जहां पर हम गंभीर रोगों के मरीजों को रखते हैं. यहां कोरोना टेस्ट कराया जाता है. रिपोर्ट आने के बाद जो मरीज संक्रमित होता है तो उसे level-2 के अस्पतालों में भेज दिया जाता है और जो संक्रमित नहीं होता है और गंभीर बीमारी से पीड़ित होता है तो उसे हमारे यहां रखा जाता है और उनका इलाज किया जाता है.एमसीएच विंग को भी कोविड अस्पताल में किया गया तब्दीलचिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि वाराणसी जिले में लेवल टू के कोविड अस्पताल 50 बेड वाले एमसीएच विंग में भी कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा अन्य निजी 6 अस्पतालों का भी चयन किया गया है, जिसमें एमसीएच विंग को कोविड अस्पताल में तब्दील करने के साथ डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. जिले के अन्यअस्पतालों में मेडिकल स्टॉफ की कमी न हों इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के 90 छात्रों के साथ निजी मेडिकल कॉलेज के छात्रों की सूची तैयार कर उनकी ड्यूटी लगाई जा रही है.
वाराणसी में कोरोना संक्रमण
वाराणसी में कोरोना संक्रमण
अस्पताल के ज्यादातर स्टॉफ है संक्रमितपैरामेडिकल स्टाफ के बाबत उन्होंने बताया कि अस्पताल के चार फिजिसियन, एसआईसी और 8 पैरामेडिकल स्टॉफ कोरोना से जंग लड़ रहे हैं और वर्तमान में एक सर्जन की भी स्थिति बिगड़ रही है. उन्होंने बताया कि हमारे अस्पताल में कोरोना संक्रमण के कारण ज्यादातर कर्मचारी और डॉक्टर संक्रमित है. इस वजह से थोड़ी समस्याएं हो रही हैं, लेकिन हम अपने लेवल से हर संभव मदद कर रहे हैं. इसीलिए जो डॉक्टर सेवानिवृत्त हो चुके हैं हम उनकी सेवा फिर से ले रहे हैं, जिससे इस महामारी से हम जीत सके.ऑक्सीजन की पर्याप्तता में है कमी ऑक्सीजन की कमी के बाबत मिल रही शिकायतों के बाद जिलाधिकारी ने ऑक्सीजन डीलर को निर्देशित किया है कि किसी भी कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी न हो. इसके साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता को और बढ़ाने के लिए बाहर से ऑक्सीजन मंगाई गई है. लेकिन इसके बावजूद भी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है, जिसकी वजह से मरीज हलकान है.38 हजार के पार पहुंचा मरीजों का आंकड़ा


वाराणसी में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 38434 हो गया है. अब तक 24898 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं. इसके साथ ही इस महामारी से अब तक 422 मरीजों की जान जा चुकी है. वर्तमान में एक्टिव करुणा मरीजों की संख्या 13114 है. अब तक होम आइसोलेशन में रहकर 21886 मरीज और अस्पताल से 3012 मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं.



किया जा रहा है टीकाकरण

पूरे प्रदेश में एक करोड़ तीन लाख लोगों को टीका लगा दिया गया है. टीका उत्सव के दौरान 13 अप्रैल से अब तक पूरे प्रदेश में 14,55,900 लोगों को कोविड का टीका लगाया गया है. वाराणसी में भी हर दिन हजारों की संख्या में लाभार्थियों को टीका लगाया जा रहा है. इसको लेकर के जिले के 65 केंद्रों पर 104 सत्रों में टीकाकरण का आयोजन किया जा रहा है. जहां 45 वर्ष से ऊपर के लाभार्थियों को टीका लगाया जा रहा है. इसी क्रम में आज जिले में 5225 लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगा.

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