वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण के बाद से बनारस में पर्यटकों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. हर दिन लाखों की संख्या में फ्लोटिंग पॉपुलेशन होने की वजह से यहां पर सारी व्यवस्थाएं और सुविधाएं लोगों के लिए कम पड़ती जा रही हैं. पर्यटक और बनारस की जनता के लिए एक बड़ी समस्या तब सामने आती है, जब वह बनारस के गंगा घाट या यहां के व्यस्त बाजारों में जाते हैं. इस दौरान शौचालय को लेकर एक उन्हें एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है. वाशरूम की जरूरत होने पर लोगों को सार्वजनिक शौचालय ढूंढना पड़ता है. लेकिन, अब नगर निगम वाराणसी ने इस समस्या का समाधान के लिए बड़ी पहल की है. इसके तहत अब सभी लोग बाजारों और कमर्शियल कंपलेक्स में उपलब्ध शौचालय का इस्तेमाल कर सकेंगे. अब जरूरत महसूस होने पर उन्हें सार्वजनिक शौचलय नहीं ढूंढना पड़ेगा.
पूर्ण रूप से नहीं खत्म हो पाई दिक्कतः दरअसल, वाराणसी के पुरातन शहर होने की वजह से यहां पर कुछ व्यवस्थाएं उस रूप में नहीं विकसित हो पाई हैं, जैसी होनी चाहिए. इन्हीं में एक चीज व्यस्त बाजारों में शौचालय की व्यवस्था का न होना है. हांलाकि व्यस्त बाजारों में पहले की अपेक्षा शौचालयों की संख्या बढ़ाने का काम हुआ है. लेकिन, जगह उपलब्ध न हो पाने की वजह से शहर के तमाम इलाकों में इस समस्या का सामाधान संभव नहीं हो रहा है. लेकिन, अब नगर निगम वाराणसी ने इसे लेकर एक ऐसा प्लान तैयार किया है, जिससे लोगों को व्यस्त जगहों पर शौचालय न होने पर दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए वाराणसी नगर निगम ने कमर्शियल कॉम्पलेक्स और अन्य प्रतिष्ठानों में उपलब्ध शौचालय का इस्तेमाल को लेकर आदेश जारी किया है.
व्यापारियों के साथ हुई थी बैठकः नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि शहर के पुराने हिस्से खासतौर पर गंगा घाट और पुराने बनारस, जिसे व्यस्त बाजार कहा जाता है. यहां पर शौचालय की व्यवस्था संभव नहीं हो पा रही है. इसलिए इसे लेकर यहां के स्थानीय दुकानदारों, बड़े कॉम्पलेक्स संचालित करने वाले व्यापारियों के अतिरिक्त गंगा घाटों पर होटल और रेस्टोरेंट चलाने वाले लोगों के साथ एक बैठक की गई थी. इसमें उनके सामने इस समस्या के निराकरण के सुझाव मांगे गए थे.
गंगा घाट पर 100 से ज्यादा होटल चिंहितः नगर स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, नगर निगम वाराणसी ने अपनी तरफ से इन व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से शुरू करने के लिए सभी को साथ मिलकर कार्य करने की अपील की थी. इसके बाद गंगा घाटों पर संचालित होने वाले 100 से ज्यादा होटल और व्यस्त बाजारों के लगभग 80 से ज्यादा बड़े प्रतिष्ठान और कॉम्पलेक्स को चिन्हित करते हुए यह निष्कर्ष निकाला गया कि इन स्थानों पर मौजूद स्वच्छ जल और शौचालय का प्रयोग आम जनमानस को भी करने दिया जाए. यह गाइडलाइन सुप्रीम कोर्ट ने भी जारी की है, जो लोगों के मूलभूत मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी हुई है. इनमें स्वच्छ जल और शौचालय भी आता है.
बैनर लगाने का काम शुरूः डॉ. एनपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए वाराणसी नगर निगम ने सभी से अपील करते हुए, यह आदेश जारी किया है. इससे सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा जो बनारस में बाहर से घूमने आ रहे हैं. कम से कम उन लोगों के लिए यह काफी राहत भरा होगा. उन्हें परेशानी नहीं होगी. इसके लिए नगर निगम व्यापारियों के सहयोग से शहर के तमाम इलाकों में बैनर भी लगाने का काम शुरू किया जा रहा है, ताकि लोगों को यह जानकारी हो सके कि ऐसी स्थिति में वह सिर्फ सार्वजनिक शौचालय ही नहीं, बल्कि आसपास मौजूद होटल रेस्टोरेंट या किसी कमर्शियल कंपलेक्स में मौजूद टॉयलेट का भी इस्तेमाल कर सकते है.
ये भी पढ़ेंः ताजमहल पर हर बाढ़ ने छोड़े निशान, 1978 में ताज के तहखाने तक पहुंच गया था पानी