वाराणसी: लेखपालों द्वारा रिश्वत लेने का मामला लगातार सामने आ रहा है. अब सोमवार दोपहर बड़ागांव थाना क्षेत्र में लेखपाल 20 हजार रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ कर बड़ागांव पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने एंटी करप्शन की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक बड़ागांव थाना क्षेत्र के गांगकला में ग्राम सभा की नाली व रास्ते की पैमाइश करने के एवज में लेखपाल विकास गुप्ता ने 20 हजार रुपये की मांग की थी. गांगकला ग्राम प्रधान शशिकांत वर्मा ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की थी. ग्राम प्रधान शशिकांत वर्मा ने बताया कि दो दिन पूर्व एसडीएम पिंडरा प्रतिभा मिश्रा ने लेखपाल को ग्रामसभा की नाली व रास्ते पर अवैध कब्जे को लेकर पैमाइश का आदेश दिया था. लेकिन पैमाइश के लिए लेखपाल लगातार रुपयों की मांग कर रहा था. लेखपाल विकास किसी तरह 20 हजार रुपये में पैमाइश के लिए तैयार हुआ.
वहीं, शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने प्रधान के साथ मिलकर गांगकला स्थित अमृत सरोवर के पास लेखपाल को तय रुपयों को लेने के लिये बुलाया था. सोमवार दोपहर जैसे ही प्रधान ने लेखापाल को एंटी करप्शन द्वारा दिये गए रुपये को लेखपाल को सौंपा. आस पास घूम रही टीम ने तुरंत लेखपाल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. एंटीकरप्शन की टीम स्थानीय थाने पर लेखपाल को लेकर पहुंची और मुकदमा दर्ज कराया.
एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक अजीत कुमार सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधान गांगकला शशिकांत वर्मा ने शिकायत की थी कि वह तहसील दिवस पर नाली पर गांव के लोगों द्वारा अवैध निर्माण करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. जिसके पैमाइश पर रिपोर्ट लगाने के लिए लेखपाल विकास गुप्ता द्वारा 20 हज़ार की मांग की गई. इस पर एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर 20 हजार देते लेते हुए रंगे हाथ लेखपाल को पकड़ लिया. बड़ागांव थाना पुलिस लेखपाल के खिलाफ विधि कार्रवाई की गई.