वाराणसी: यात्रीगण कृपया ध्यान दें, इन शब्दों से हर किसी का सरोकार जरूर हुआ होगा. ट्रेन में यात्रा करने के दौरान यह आवाज आपको हर स्टेशन पर सुनने को मिल जाती है, लेकिन यह अनाउंसमेंट ज्यादातर हिंदी या अंग्रेजी में ही होता है. इसी वजह से कई बार उन लोगों को परेशानी होती है जो सिर्फ अपनी स्थानीय भाषा ही समझते हैं.
बता दें कि काशी में देशी ही नहीं विदेशी पर्यटक भी आते हैं, लेकिन दक्षिण भारत के पर्यटकों की संख्या यहां अच्छी खासी होती है. इसे ध्यान में रखते हुए अब वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर गैर हिंदी भाषाओं में भी अनाउंसमेंट होगा. इसके लिए रेलवे प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
श्रद्धालुओं को होती है परेशानी
दरअसल, वाराणसी में सबसे ज्यादा दक्षिण भारत के अलग-अलग हिस्सों से लोगों का आना होता है. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना समेत कई अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा से भी बड़ी संख्या में पर्यटकों का यहां आना होता है. इनमें बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जिनको सिर्फ अपनी भाषा ही समझ आती है. इसकी वजह से इनको कैंट रेलवे स्टेशन पर कई बार गाड़ियों के आवागमन को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
ये भाषाएं भी होंगी शामिल
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए रेलवे फिलहाल हिंदी, अंग्रेजी के अलावा तेलुगु भाषा से शुरुआत करने जा रहा है. इसके बाद तमिल, कन्नड़, मलयालम और मराठी भाषाओं को भी इस लिस्ट में शामिल किया जाएगा.
बनारस में दक्षिण भारत से आने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसलिए दक्षिण भारत की अलग-अलग भाषाओं में अनाउंसमेंट कराने की तैयारी की जा रही है .
- रवि प्रकाश चतुर्वेदी, एडीआरएम, उत्तर रेलवे
वाराणसी रेलवे स्टेशन पर अब गैर हिंदी भाषाओं में भी अनाउंसमेंट होगा. यह हमारे लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा.
- विचित्र बोड़ा, पर्यटक