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वाराणसी की बेटी ने इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस में हासिल किया 10वां स्थान

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अंकिता शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस में देशभर में 10वीं रैंक हासिल की है. उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.

अंकिता ने इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस में हासिल किया 10वां स्थान
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Published : Oct 30, 2019, 4:48 PM IST

वाराणसी: देश में अब बेटियां देश की बड़ी परीक्षाओं में शामिल होकर न सिर्फ सफल हो रही हैं. बल्कि देश में टॉप रैंक हासिल कर अपना और अपने परिवार का मान भी बढ़ा रही हैं. जिले की अंकिता शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस में देशभर में 10वीं रैंक हासिल की है, जिसके बाद उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.

अंकिता ने इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस में हासिल किया 10वां स्थान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर जब लोगों को जागरूक करने निकले तो हर किसी ने इसे सार्थक करने का भी प्रयास शुरू किया. बेटियों को पढ़ाकर उन्हें आगे बढ़ाने के उद्देश्य से माता-पिता ने कमर कस ली. शायद यही वजह है कि अब बेटियां देश की बड़ी परीक्षाओं में शामिल होकर न सिर्फ सफल हो रही हैं. बल्कि देश में टॉप रैंक हासिल कर अपना और अपने परिवार का मान भी बढ़ा रही हैं.

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परिवार में खुशियों का माहौल
सेवानिवृत्त स्वास्थ्य सहायिका विन्ना देवी वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के हरहुआ में रहती हैं. उनकी बेटी अंकिता शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस की परीक्षा में पूरे देश में 10वीं रैंक हासिल की है. 10वीं रैंक हासिल करने पर परिवार में खुशियों का माहौल है और रिश्तेदार तथा मित्र बधाइयां देने के लिए घर पहुंच रहे हैं.

अपने बल पर दी परीक्षा
अंकिता शर्मा ने 2011 में यूपी बोर्ड की परीक्षा में वाराणसी में जिला टॉप भी किया था. अंकिता की मां का कहना है कि पहले दो बार अंकिता लिखित परीक्षा में पास होने के बाद इंटरव्यू में बैठी तो वह क्वालीफाई नहीं कर पाई. अंकिता एयरपोर्ट पर जॉब करती है. इसलिए मैंने जॉब जारी रखकर पढ़ाई बंद करने के लिए कहा था. उसे परीक्षा में बैठने से मना किया था, लेकिन वह नहीं मानी मुझे बिना बताए अपने बल पर परीक्षा दी और सफलता हासिल की.

यह भी पढ़ें: सीतापुर: एक रोटी के लिए बच्ची ने खुद को किया आग के हवाले

मेहनत से मिली सफलता
अंकिता ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मेहनत, अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है. उनका कहना है कि बेटियों को यदि लोग अच्छी शिक्षा और संस्कार देंगे तो जरूर माता-पिता का नाम रोशन करेंगी. अंकिता की मां हरहुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सहायिका के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं, जबकि पिता के.के. शर्मा बीएसएनल में एसडीओ के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. पांच बहन और एक भाई में सबसे छोटी अंकिता के आईईएस परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल करने पर परिवार में खुशी का माहौल है.

वाराणसी: देश में अब बेटियां देश की बड़ी परीक्षाओं में शामिल होकर न सिर्फ सफल हो रही हैं. बल्कि देश में टॉप रैंक हासिल कर अपना और अपने परिवार का मान भी बढ़ा रही हैं. जिले की अंकिता शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस में देशभर में 10वीं रैंक हासिल की है, जिसके बाद उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.

अंकिता ने इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस में हासिल किया 10वां स्थान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर जब लोगों को जागरूक करने निकले तो हर किसी ने इसे सार्थक करने का भी प्रयास शुरू किया. बेटियों को पढ़ाकर उन्हें आगे बढ़ाने के उद्देश्य से माता-पिता ने कमर कस ली. शायद यही वजह है कि अब बेटियां देश की बड़ी परीक्षाओं में शामिल होकर न सिर्फ सफल हो रही हैं. बल्कि देश में टॉप रैंक हासिल कर अपना और अपने परिवार का मान भी बढ़ा रही हैं.

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परिवार में खुशियों का माहौल
सेवानिवृत्त स्वास्थ्य सहायिका विन्ना देवी वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के हरहुआ में रहती हैं. उनकी बेटी अंकिता शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस की परीक्षा में पूरे देश में 10वीं रैंक हासिल की है. 10वीं रैंक हासिल करने पर परिवार में खुशियों का माहौल है और रिश्तेदार तथा मित्र बधाइयां देने के लिए घर पहुंच रहे हैं.

अपने बल पर दी परीक्षा
अंकिता शर्मा ने 2011 में यूपी बोर्ड की परीक्षा में वाराणसी में जिला टॉप भी किया था. अंकिता की मां का कहना है कि पहले दो बार अंकिता लिखित परीक्षा में पास होने के बाद इंटरव्यू में बैठी तो वह क्वालीफाई नहीं कर पाई. अंकिता एयरपोर्ट पर जॉब करती है. इसलिए मैंने जॉब जारी रखकर पढ़ाई बंद करने के लिए कहा था. उसे परीक्षा में बैठने से मना किया था, लेकिन वह नहीं मानी मुझे बिना बताए अपने बल पर परीक्षा दी और सफलता हासिल की.

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मेहनत से मिली सफलता
अंकिता ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मेहनत, अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है. उनका कहना है कि बेटियों को यदि लोग अच्छी शिक्षा और संस्कार देंगे तो जरूर माता-पिता का नाम रोशन करेंगी. अंकिता की मां हरहुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सहायिका के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं, जबकि पिता के.के. शर्मा बीएसएनल में एसडीओ के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. पांच बहन और एक भाई में सबसे छोटी अंकिता के आईईएस परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल करने पर परिवार में खुशी का माहौल है.

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर जब लोगों को जागरूक करने निकले तो हर किसी ने इसे सार्थक करने का भी प्रयास शुरू किया बेटियों को पढ़ा कर उन्हें आगे बढ़ाने के उद्देश्य से माता-पिता ने कमर कस ली और शायद यही वजह है कि अब बेटियां देश की बड़ी परीक्षाओं में शामिल होकर न सिर्फ सफल हो रही हैं. बल्कि देश में टॉप रैंक हासिल कर अपना और अपने परिवार का मान भी बढ़ा रही हैं और ऐसी ही एक बेटी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की है. जिसमें संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस में देशभर में 10 वीं रैंक हासिल की है. जिसके बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.Body:वीओ-01 सेवानिवृत्त स्वास्थ्य सहायिका विन्ना देवी वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के हरहुआ में रहती हैं. उनकी बेटी अंकिता शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस की परीक्षा में पूरे देश में 10 वीं रैंक हासिल की है. 10 वीं रैंक हासिल करने पर परिवार में खुशियों का माहौल है और रिश्तेदार तथा मित्र बधाइयां देने के लिए घर पहुंच रहे हैं. अंकिता शर्मा ने 2011 में यूपी बोर्ड की परीक्षा में वाराणसी में जिला टॉप भी किया था. अंकिता की मां का कहना है कि पहले दो बार अंकिता लिखित परीक्षा में पास होने के बाद जो इंटरव्यू में बैठी तो वह क्वालीफाई नहीं कर पाए इसलिए इस बार उन्होंने अंकिता को परीक्षा में बैठने से ही मना किया था लेकिन वह नहीं माने क्योंकि अंकिता एयरपोर्ट पर पहले से ही जॉब कर रही हैं. इसलिए मैंने जॉब कंटिन्यू कर पढ़ाई बंद करने के लिए कहा था लेकिन अंकिता ने अपने बल पर बिना मां को बताए सफलता हासिल की इसके बाद अब मां भी बेहद खुश हैं.Conclusion:वीओ-02 अपनी सफलता का श्रेय अंकिता ने अपने माता-पिता तथा गुरुजनों को दिया और कहा कि बेटियों को यदि लोग अच्छी शिक्षा और संस्कार देंगे तो जरूर माता-पिता का नाम रोशन करेंगी. अंकिता की मां हरहुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सहायिका के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं, जबकि पिता के के शर्मा बीएसएनल में एसडीओ के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. पांच बहन और एक भाई में सबसे छोटी अंकिता द्वारा आईईएस परीक्षा में 10 वीं रैंक हासिल करने पर परिवार में खुशी का माहौल है.

बाइट- अंकिता शर्मा, टॉपर, छात्रा
बाईट- विन्ना देवी, अंकिता की माँ
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