वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले (Gyanvapi Shringar Gauri Case) को लेकर कल जिला जज न्यायालय में महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है. ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर कल मुस्लिम पक्ष अपनी बहस को आगे बढ़ाएगा वही कार्बन डेटिंग को लेकर की गई मांग रूपरेखा भी कल निर्धारित हो सकती है. इन सब के बीच आज जिला जज डॉ अजय कृष्ण विशेष की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में पुरातात्विक सर्वेक्षण के मामले में दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई की गई. जिला अदालत में पिछली सुनवाई 15 जुलाई को विजय रस्तोगी ज्ञानवापी तरफ से श्रृंगार गौरी में दिए गए आदेश की प्रमाणित प्रति अदालत में दाखिल करने के बाद शुरू हुई. अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से वाद मित्र की अर्जी पर आपत्ति दाखिल की गई है जिस पर सुनवाई के लिए अदालत ने 19 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की है.
दरअसल वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से पिछले दिनों श्रृंगार गौरी मामले में दिए गए आदेश की प्रमाणित प्रति अदालत में दाखिल करने के बाद यह कहा गया था कि इस प्रकरण में भी अंजुमन इंतजामियां की तरफ से मस्जिद को सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्ति माना गया था. अंजुमन की ओर से कहा गया था कि वक्फ की संपत्ति होने के कारण स्थानीय कोर्ट को मामले को सुनने का क्षेत्राधिकार है ही नहीं, इसलिए सुनवाई के बाद न्यायालय ने खारिज कर दिया था. इसी निगरानी याचिका में साक्ष्य के रूप में स्वीकार करने के लिए गुहार लगाई गई है. इस पर निगरानीकर्ता अंजुमन इंतजामिया की तरफ से आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए समय की मांग की गई थी. इस पर सोमवार को अदालत में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से आपत्ति दाखिल की गई है और इस मुकदमे को दूसरा मुकदमा बताते हुए इस में दाखिल किए गए साक्ष्य को स्वीकार नहीं करने की बात कही है और इसे खारिज करने की मांग की गई है जिस पर कोर्ट ने 19 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की है.
प्रकरण के मुताबिक निगरानीकर्ता अंजुमन इंतजामियां की तरफ से जुलाई 2021 में निगरानी याचिका दायर की गई थी और ज्ञानवापी मस्जिद को वक्फ की संपत्ति बताया गया था. वही ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के बाद वजूखाने में गंदगी और नेताओं की बयानबाजी को लेकर एसीजेएम पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत में सोमवार को भी कोई आदेश नहीं आया. कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तिथि नियत की है. इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर पांडेय ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर वजूखाने में हाथ पैर धोकर गंदगी फैलाई जाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने और भगवान शिव के वहां उपस्थित होने की वजह से हिंदू समाज के लिए इसे अपमानजनक बताया था. इसके अलावा एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत अन्य नेताओं के खिलाफ शिवलिंग को लेकर दी जा रही बयानबाजी पर भी उन्होंने कार्रवाई की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है. मामले की 15 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
ज्ञानवापी प्रकरण के वाद मित्र की याचिका पर अंजुमन की आपत्ति - काशी की ताजी खबर
ज्ञानवापी मामले को लेकर अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से वाद मित्र की अर्जी पर आपत्ति दाखिल की गई है इस पर सुनवाई के लिए अदालत ने 19 अक्टूबर की तिथि तय की है.
वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले (Gyanvapi Shringar Gauri Case) को लेकर कल जिला जज न्यायालय में महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है. ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर कल मुस्लिम पक्ष अपनी बहस को आगे बढ़ाएगा वही कार्बन डेटिंग को लेकर की गई मांग रूपरेखा भी कल निर्धारित हो सकती है. इन सब के बीच आज जिला जज डॉ अजय कृष्ण विशेष की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में पुरातात्विक सर्वेक्षण के मामले में दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई की गई. जिला अदालत में पिछली सुनवाई 15 जुलाई को विजय रस्तोगी ज्ञानवापी तरफ से श्रृंगार गौरी में दिए गए आदेश की प्रमाणित प्रति अदालत में दाखिल करने के बाद शुरू हुई. अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से वाद मित्र की अर्जी पर आपत्ति दाखिल की गई है जिस पर सुनवाई के लिए अदालत ने 19 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की है.
दरअसल वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से पिछले दिनों श्रृंगार गौरी मामले में दिए गए आदेश की प्रमाणित प्रति अदालत में दाखिल करने के बाद यह कहा गया था कि इस प्रकरण में भी अंजुमन इंतजामियां की तरफ से मस्जिद को सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्ति माना गया था. अंजुमन की ओर से कहा गया था कि वक्फ की संपत्ति होने के कारण स्थानीय कोर्ट को मामले को सुनने का क्षेत्राधिकार है ही नहीं, इसलिए सुनवाई के बाद न्यायालय ने खारिज कर दिया था. इसी निगरानी याचिका में साक्ष्य के रूप में स्वीकार करने के लिए गुहार लगाई गई है. इस पर निगरानीकर्ता अंजुमन इंतजामिया की तरफ से आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए समय की मांग की गई थी. इस पर सोमवार को अदालत में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से आपत्ति दाखिल की गई है और इस मुकदमे को दूसरा मुकदमा बताते हुए इस में दाखिल किए गए साक्ष्य को स्वीकार नहीं करने की बात कही है और इसे खारिज करने की मांग की गई है जिस पर कोर्ट ने 19 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की है.
प्रकरण के मुताबिक निगरानीकर्ता अंजुमन इंतजामियां की तरफ से जुलाई 2021 में निगरानी याचिका दायर की गई थी और ज्ञानवापी मस्जिद को वक्फ की संपत्ति बताया गया था. वही ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के बाद वजूखाने में गंदगी और नेताओं की बयानबाजी को लेकर एसीजेएम पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत में सोमवार को भी कोई आदेश नहीं आया. कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तिथि नियत की है. इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर पांडेय ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर वजूखाने में हाथ पैर धोकर गंदगी फैलाई जाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने और भगवान शिव के वहां उपस्थित होने की वजह से हिंदू समाज के लिए इसे अपमानजनक बताया था. इसके अलावा एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत अन्य नेताओं के खिलाफ शिवलिंग को लेकर दी जा रही बयानबाजी पर भी उन्होंने कार्रवाई की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है. मामले की 15 अक्टूबर को सुनवाई होगी.