ETV Bharat / state

कूड़े को न समझें कचरा, बनारस में कूड़े का हो रहा गजब का इस्तेमाल - स्वच्छ भारत मिशन

स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण बेहतर तरीके से करने की प्लानिंग सेंट्रल गवर्नमेंट के निर्देश पर की जा रही है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jun 7, 2023, 10:33 PM IST

देखें पूरी खबर

वाराणसी : स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण बेहतर तरीके से करने की प्लानिंग सेंट्रल गवर्नमेंट के निर्देश पर की जा रही है. सेंट्रल गवर्नमेंट कूड़े कचरे को शहर से दूर करने के अलावा शहर में संचालित होने वाले कूड़ा घर को बंद करने पर भी जोर दे रहा है. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी देखते ही देखते लगभग आधा दर्जन से ज्यादा कूड़ा घर जो सड़क के किनारे संचालित होते थे. उन्हें नगर निगम ने बंद कर दिया है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि कल तक जो कूड़ा घर लोगों के लिए परेशानी का सबब थे और इनके बाहर से गुजरना मुश्किल था. उनकी जगह अब ऐसा एक सेंटर खोला जा रहा है जो इस कूड़े कचरे जुगाड़ तकनीक से ऐसा रूप दे रहा है, जिससे गरीब और जरूरतमंदों की मदद हो रही है.


शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण
शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण

दरअसल, आरआरआर यानी रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल के तर्ज पर कचरा निस्तारण का काम करने में जुटे हुए हैं. इस बारे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एनपी सिंह ने बताया कि 'सरकार की मंशा के अनुरूप शहर में निकलने वाले कूड़ा कचरा को फिर से काम लायक बनाने की दिशा में पहल करते हुए मलदहिया स्थित कूड़ा घर को बंद करके इसके स्थान पर एक ऐसा कलेक्शन सेंटर शुरू किया गया है, जो पूरे को फिर से इस्तेमाल के लायक बना रहा है.'

रीसाइकिल के तर्ज पर कचरा निस्तारण का काम
रीसाइकिल के तर्ज पर कचरा निस्तारण का काम

सबसे बड़ी बात यह है कि वाराणसी बनारसी साड़ी का शहर कहा जाता है और यहां पर बहुत से ऐसे मोहल्ले हैं जहां बड़ी मात्रा में साड़ी की कतरन निकलती है. इस साड़ी की कतरन को पहले सड़कों पर या कुएं में फेंका जाता था. जिसे या तो जला दिया जाता था या फिर यह कतरन बहाकर सीवर चोक करने की वजह बन जाती थी. इसलिए अब इन पर विशेष निगरानी करके जो भी साड़ी के बड़े कारोबारी हैं. उनसे संपर्क किया जा रहा है और वह अपने यहां की बची हुई कतरन इस सेंटर में भिजवा देते हैं. जिससे तरह-तरह की दरी चादर और कंबल तैयार किए जाते हैं. जिनका इस्तेमाल गरीबों को यह चीजें डोनेट करके या फिर किसी सामाजिक संस्था की मदद से जरूरतमंदों तक इन चीजों को पहुंचा कर किया जाता है.

शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण
शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण

इसके अलावा कचरे में निकलने वाली प्लास्टिक की चीजें बोतल कपड़े टूटे हुए जूते चप्पल इन सभी चीजों का फिर से इस्तेमाल करने के लायक नहीं बनाया जाता है. इसके लिए बाकायदा इस सेंटर में एक मोची और एक दर्जी परमानेंट रखे गए हैं. इनका काम ही यही है यहां आने वाले कचरे को फिर से काम लायक बनाना कपड़ों का इस्तेमाल करके झोले बैग और सजावट की बहुत सी चीजें तैयार की जाती हैं. इसके अतिरिक्त मोची का काम कूड़े कचरे में आने वाले चप्पल जूतों को फिर से काम लायक तैयार करके गरीबों जरूरतमंदों तक पहुंचाना है. यह सेंटर रोज ओपन होता है और यहां पर जरूरत की सारी चीजों को फिर से दुरुस्त करके रख दिया जाता है. जिसे जरूरत होती है वह यहां आता है और इसे लेकर जाता है नगर निगम आगे इन चीजों को ओपन मार्केट में अपने तरीके से बेचने की भी प्लानिंग कर रहा है, क्योंकि सूखा कचरा और गीला कचरा अलग अलग करने का कांसेप्ट ही यही है. यहां से निकलने वाली कार्टून और अन्य चीजों का प्रयोग कागज से बनने वाले झोले बैग और कार्ड इत्यादि में करने की तैयारी चल रही है.

शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण
शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण


वहीं सेंटर को संचालित करने के लिए कई संस्थाओं का भी सहारा लिया जा रहा है. फातमान रोड पर नगर निगम वाराणसी ने GIZ India के NAMA Facility supported project "Circular Waste Solutions" के सहयोग से एक आरआरआर सेंटर की स्थापना की है. जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों के पुराने कपड़े, किताब, जूते इत्यादी को पुन: प्रयोग योग बनाकर जरूरमंद लोगों को उपलब्ध किया जाए.

यह भी पढ़ें : KGMU : डेंटल विभाग के पिछले हिस्से की दीवारों में दरारें, खिड़कियों के शीशे टूटे, देखिये हाल

देखें पूरी खबर

वाराणसी : स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण बेहतर तरीके से करने की प्लानिंग सेंट्रल गवर्नमेंट के निर्देश पर की जा रही है. सेंट्रल गवर्नमेंट कूड़े कचरे को शहर से दूर करने के अलावा शहर में संचालित होने वाले कूड़ा घर को बंद करने पर भी जोर दे रहा है. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी देखते ही देखते लगभग आधा दर्जन से ज्यादा कूड़ा घर जो सड़क के किनारे संचालित होते थे. उन्हें नगर निगम ने बंद कर दिया है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि कल तक जो कूड़ा घर लोगों के लिए परेशानी का सबब थे और इनके बाहर से गुजरना मुश्किल था. उनकी जगह अब ऐसा एक सेंटर खोला जा रहा है जो इस कूड़े कचरे जुगाड़ तकनीक से ऐसा रूप दे रहा है, जिससे गरीब और जरूरतमंदों की मदद हो रही है.


शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण
शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण

दरअसल, आरआरआर यानी रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल के तर्ज पर कचरा निस्तारण का काम करने में जुटे हुए हैं. इस बारे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एनपी सिंह ने बताया कि 'सरकार की मंशा के अनुरूप शहर में निकलने वाले कूड़ा कचरा को फिर से काम लायक बनाने की दिशा में पहल करते हुए मलदहिया स्थित कूड़ा घर को बंद करके इसके स्थान पर एक ऐसा कलेक्शन सेंटर शुरू किया गया है, जो पूरे को फिर से इस्तेमाल के लायक बना रहा है.'

रीसाइकिल के तर्ज पर कचरा निस्तारण का काम
रीसाइकिल के तर्ज पर कचरा निस्तारण का काम

सबसे बड़ी बात यह है कि वाराणसी बनारसी साड़ी का शहर कहा जाता है और यहां पर बहुत से ऐसे मोहल्ले हैं जहां बड़ी मात्रा में साड़ी की कतरन निकलती है. इस साड़ी की कतरन को पहले सड़कों पर या कुएं में फेंका जाता था. जिसे या तो जला दिया जाता था या फिर यह कतरन बहाकर सीवर चोक करने की वजह बन जाती थी. इसलिए अब इन पर विशेष निगरानी करके जो भी साड़ी के बड़े कारोबारी हैं. उनसे संपर्क किया जा रहा है और वह अपने यहां की बची हुई कतरन इस सेंटर में भिजवा देते हैं. जिससे तरह-तरह की दरी चादर और कंबल तैयार किए जाते हैं. जिनका इस्तेमाल गरीबों को यह चीजें डोनेट करके या फिर किसी सामाजिक संस्था की मदद से जरूरतमंदों तक इन चीजों को पहुंचा कर किया जाता है.

शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण
शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण

इसके अलावा कचरे में निकलने वाली प्लास्टिक की चीजें बोतल कपड़े टूटे हुए जूते चप्पल इन सभी चीजों का फिर से इस्तेमाल करने के लायक नहीं बनाया जाता है. इसके लिए बाकायदा इस सेंटर में एक मोची और एक दर्जी परमानेंट रखे गए हैं. इनका काम ही यही है यहां आने वाले कचरे को फिर से काम लायक बनाना कपड़ों का इस्तेमाल करके झोले बैग और सजावट की बहुत सी चीजें तैयार की जाती हैं. इसके अतिरिक्त मोची का काम कूड़े कचरे में आने वाले चप्पल जूतों को फिर से काम लायक तैयार करके गरीबों जरूरतमंदों तक पहुंचाना है. यह सेंटर रोज ओपन होता है और यहां पर जरूरत की सारी चीजों को फिर से दुरुस्त करके रख दिया जाता है. जिसे जरूरत होती है वह यहां आता है और इसे लेकर जाता है नगर निगम आगे इन चीजों को ओपन मार्केट में अपने तरीके से बेचने की भी प्लानिंग कर रहा है, क्योंकि सूखा कचरा और गीला कचरा अलग अलग करने का कांसेप्ट ही यही है. यहां से निकलने वाली कार्टून और अन्य चीजों का प्रयोग कागज से बनने वाले झोले बैग और कार्ड इत्यादि में करने की तैयारी चल रही है.

शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण
शहर में कूड़े कचरे का निस्तारण


वहीं सेंटर को संचालित करने के लिए कई संस्थाओं का भी सहारा लिया जा रहा है. फातमान रोड पर नगर निगम वाराणसी ने GIZ India के NAMA Facility supported project "Circular Waste Solutions" के सहयोग से एक आरआरआर सेंटर की स्थापना की है. जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों के पुराने कपड़े, किताब, जूते इत्यादी को पुन: प्रयोग योग बनाकर जरूरमंद लोगों को उपलब्ध किया जाए.

यह भी पढ़ें : KGMU : डेंटल विभाग के पिछले हिस्से की दीवारों में दरारें, खिड़कियों के शीशे टूटे, देखिये हाल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.