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वाराणसी: अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा में गुरुकुल के छात्रों ने की वेदों पर चर्चा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में गुरुवार को अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा का आयोजन किया गया. इस आयोजन में देश भर के कई विद्वानों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर न्याय नीति समेत कई तरह के वेदों पर चर्चा भी की गई.

अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा का आयोजन.
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Published : Aug 9, 2019, 7:41 AM IST

वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में गुरुवार को अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा का आयोजन किया गया. परिसर के वाग्देवी मंदिर सभागार में आयोजित अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा में देशभर के कई विद्वानों ने हिस्सा लिया. इस आयोजन में न्याय नीति समेत कई तरह के वेदों पर चर्चा की गई. छात्रसभा की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजा राम शुक्ल ने की. देशभर के कई गुरुकुल से छात्र और आचार्य पहुंचे. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योर्तेश्वर संस्कृत विभाग के कई प्रतिनिधि सभा में पहुंचे.

अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा का आयोजन.
  • संस्कृत विश्वविद्यालय के वाग्देवी मंदिर में शास्त्र पर चर्चा का आयोजन किया गया.
  • आयोजन का मुख्य उद्देश्य है भारत के शास्त्र को आने वाली पीढ़ी को समझाना.
  • इसके साथ ही सही मायने में इनके अर्थों को लोक में प्रचार-प्रसार करना.
  • बीएचयू के प्रोफेसर ने बताया कि नए शास्त्र पर यह शास्त्रार्थ सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुआ है.
  • इस विषय पर आने वाली पीढ़ियां भी गुरुओं के साथ विचार-विमर्श कर रही हैं.

संस्कृत विश्वविद्यालय के वाग्देवी मंदिर में शास्त्र पर चर्चा का जो आयोजन किया गया है. संपूर्णानंद में हो रहे शास्त्रार्थ में दुनिया के सत्य और ब्रह्म के स्वरूप को किस तरह जाना जाए इस बात पर भी प्रशिक्षित आचार्य और नई पीढ़ी विचार-विमर्श कर रहे हैं. पूरे देश में जिस तरह से बढ़ते गुरुकुल का प्रचलन है. उसको देखते हुए देशभर के गुरुकुल से छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया गया है और वह यहां आकर प्रशिक्षित आचार्यों के साथ शास्त्रार्थ कर रहे हैं.
बृजभूषण ओझा, आचार्य, व्याकरण विभाग बीएचयू

वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में गुरुवार को अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा का आयोजन किया गया. परिसर के वाग्देवी मंदिर सभागार में आयोजित अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा में देशभर के कई विद्वानों ने हिस्सा लिया. इस आयोजन में न्याय नीति समेत कई तरह के वेदों पर चर्चा की गई. छात्रसभा की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजा राम शुक्ल ने की. देशभर के कई गुरुकुल से छात्र और आचार्य पहुंचे. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योर्तेश्वर संस्कृत विभाग के कई प्रतिनिधि सभा में पहुंचे.

अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा का आयोजन.
  • संस्कृत विश्वविद्यालय के वाग्देवी मंदिर में शास्त्र पर चर्चा का आयोजन किया गया.
  • आयोजन का मुख्य उद्देश्य है भारत के शास्त्र को आने वाली पीढ़ी को समझाना.
  • इसके साथ ही सही मायने में इनके अर्थों को लोक में प्रचार-प्रसार करना.
  • बीएचयू के प्रोफेसर ने बताया कि नए शास्त्र पर यह शास्त्रार्थ सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुआ है.
  • इस विषय पर आने वाली पीढ़ियां भी गुरुओं के साथ विचार-विमर्श कर रही हैं.

संस्कृत विश्वविद्यालय के वाग्देवी मंदिर में शास्त्र पर चर्चा का जो आयोजन किया गया है. संपूर्णानंद में हो रहे शास्त्रार्थ में दुनिया के सत्य और ब्रह्म के स्वरूप को किस तरह जाना जाए इस बात पर भी प्रशिक्षित आचार्य और नई पीढ़ी विचार-विमर्श कर रहे हैं. पूरे देश में जिस तरह से बढ़ते गुरुकुल का प्रचलन है. उसको देखते हुए देशभर के गुरुकुल से छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया गया है और वह यहां आकर प्रशिक्षित आचार्यों के साथ शास्त्रार्थ कर रहे हैं.
बृजभूषण ओझा, आचार्य, व्याकरण विभाग बीएचयू

Intro:वाराणसी। वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में गुरुवार को अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा का आयोजन किया गया। परिसर के बाद देवी मंदिर सभागार में आयोजित अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सभा में देशभर के कई विद्वानों ने हिस्सा लिया और न्याय नीति समेत कई तरह के वेदों पर चर्चा की गई। छात्र सभा की अध्यक्षता संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजा राम शुक्ल ने की है जिसमें देशभर के कई गुरुकुल से कई छात्र और आचार्य पहुंचे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योर्तेश्वर संस्कृत विभाग के कई प्रतिनिधि सभा में पहुंचे।


Body:VO1: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के व्याकरण विभाग के आचार्य बृज भूषण ओझा का कहना है कि संस्कृत विश्वविद्यालय के वाग्देवी मंदिर में शास्त्र पर चर्चा का जो आयोजन किया गया है। उसका मुख्य उद्देश्य है भारत के शास्त्र को आने वाली पीढ़ी को समझाना और इसके साथ ही सही मायने में इनके अर्थों को लोक में प्रचार प्रसार करना। बीएचयू के प्रोफेसर ने बताया कि नहीं शास्त्र पर यह शास्त्रार्थ सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुआ है और इसके साथ ही लोगों की नियत का क्या स्वरूप होता है इस विषय पर आने वाली पीढ़ियां भी गुरुओं के साथ विचार-विमर्श कर रही है। संपूर्णानंद में हो रहे शास्त्रार्थ में दुनिया के सत्य और ब्रह्म के स्वरूप को किस तरह जाना जाए इस बात पर भी प्रशिक्षित आचार्य और नई पीढ़ी विचार-विमर्श कर रहे हैं शास्त्रार्थ में काशी में पढ़ रहे जितने भी गुरुकुल की छात्र छात्राएं हैं और पूरे देश में जिस तरह से बढ़ते गुरुकुल का प्रचलन है। उसको देखते हुए देशभर के गुरुकुल से छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया गया है और वह यहां आकर प्रशिक्षित आचार्यों के साथ शास्त्रार्थ कर रहे हैं।

बाइट: बृजभूषण ओझा, आचार्य, व्याकरण विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय


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