वाराणसी: ख्यातिप्राप्त संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ शोध सहयोग की दिशा में सर्व विद्या की राजधानी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने एक कदम और बढ़ाया है. विश्वविद्यालय ने पुरातत्व के क्षेत्र में शोध के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है.
बीएचयू के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग के बीच हाल ही में एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं. बीएचयू की ओर से प्रोफेसर ओएन सिंह, विभागाध्यक्ष एवं डॉक्टर नीरज त्रिपाठी, कुलसचिव ने हस्ताक्षर किए. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तरफ से डॉ. डेनिएल वुंडरलीच ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया.
प्रोफेसर रवींद्र नाथ सिंह के नेतृत्व में वर्ष 2007 से ही कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के साथ पुरातत्त्व विषय में कई परियोजनाएं चल रही हैं. यह नया करार भी डॉ. रवींद्र नाथ सिंह के प्रयासों से संपन्न हुआ है. डॉक्टर सिंह ने बताया कि इस करार के अन्तर्गत अगले तीन वर्षों तक दोनों विभागों के पुरातत्वविद विभिन्न परियोजनाओं पर काम करेंगे.
इसके अन्तर्गत भारत में पुरातात्विक सर्वेक्षण और उत्खनन भी होगा. साथ ही साथ शोधार्थियों का आदान-प्रदान भी होगा. वर्तमान करार विश्वविद्यालय को हाल ही में मिले इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के दर्जे के उद्देश्यों की पूर्ति की दिशा में एक महत्वूर्ण कदम है.