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निजी संपत्ति को लेकर गोयनका ट्रस्ट और न्यास के बीच हुआ करार

कॉरिडोर क्षेत्र के 300 भवनों के अधिग्रहण के दौरान गोयनका लाइब्रेरी भी अधिग्रहित की जानी है. इसका करीब 6 करोड़ रुपये का मूल्यांकन भी हुआ था. लेकिन, कॉरिडोर के डिजाइन में लाइब्रेरी को शामिल नहीं किया गया था. इस वजह से उसको खरीदने की चर्चा कम होती चली गई थीं. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद हालात बदल गए हैं.

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Published : Nov 23, 2020, 3:42 PM IST

मंदिर क्षेत्र.
मंदिर क्षेत्र.

वाराणसी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी विश्वनाथ कार्य क्षेत्र में एक भी निजी संपत्ति नहीं रहने का आदेश दिया हैं. इसके बाद गोयंका लाइब्रेरी और मंदिर न्यास ट्रस्ट के बीच करार हुआ है. इसके बाद मंदिर न्यास गोयंका लाइब्रेरी की संपत्ति को अधिग्रहित करेगा.


कॉरिडोर क्षेत्र में नहीं रहेगी कोई भी निजी संपत्ति
कॉरिडोर क्षेत्र के 300 भवनों के अधिग्रहण के दौरान गोयनका लाइब्रेरी का भी अधिग्रहित की जानी है. इसका करीब 6 करोड़ रुपये का मूल्यांकन भी हुआ था. लेकिन, कॉरिडोर के डिजाइन में लाइब्रेरी को शामिल नहीं किया गया था. इस वजह से उसको खरीदने की चर्चा कम होती चली गई थीं. लेकिन, अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि कॉरिडोर क्षेत्र में कोई भी निजी संपत्ति नहीं होनी चाहिए. इसके बाद मंदिर न्यास की सहमति से निजी संपत्ति को खरीदा जा रहा है.


मणिकर्णिका घाट की लकड़ी की टाल भी होगी शिफ्ट
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि सीएम के निर्देश मिलने के बाद लाइब्रेरी को खरीदने के लिए मंदिर न्यास की सहमति हो गई है. उसका मूल्यांकन कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री के 30 नवंबर के दौरे के पहले ही से उसे खरीद लिया जाएगा. विदित हो कि मणिकर्णिका घाट पर सुंदरीकरण के कार्य के लिए लकड़ी की टाल को भी हटाने की तैयारी चल रही है. इसे दूसरे घाट पर शिफ्ट कराया जाएगा.

वाराणसी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी विश्वनाथ कार्य क्षेत्र में एक भी निजी संपत्ति नहीं रहने का आदेश दिया हैं. इसके बाद गोयंका लाइब्रेरी और मंदिर न्यास ट्रस्ट के बीच करार हुआ है. इसके बाद मंदिर न्यास गोयंका लाइब्रेरी की संपत्ति को अधिग्रहित करेगा.


कॉरिडोर क्षेत्र में नहीं रहेगी कोई भी निजी संपत्ति
कॉरिडोर क्षेत्र के 300 भवनों के अधिग्रहण के दौरान गोयनका लाइब्रेरी का भी अधिग्रहित की जानी है. इसका करीब 6 करोड़ रुपये का मूल्यांकन भी हुआ था. लेकिन, कॉरिडोर के डिजाइन में लाइब्रेरी को शामिल नहीं किया गया था. इस वजह से उसको खरीदने की चर्चा कम होती चली गई थीं. लेकिन, अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि कॉरिडोर क्षेत्र में कोई भी निजी संपत्ति नहीं होनी चाहिए. इसके बाद मंदिर न्यास की सहमति से निजी संपत्ति को खरीदा जा रहा है.


मणिकर्णिका घाट की लकड़ी की टाल भी होगी शिफ्ट
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि सीएम के निर्देश मिलने के बाद लाइब्रेरी को खरीदने के लिए मंदिर न्यास की सहमति हो गई है. उसका मूल्यांकन कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री के 30 नवंबर के दौरे के पहले ही से उसे खरीद लिया जाएगा. विदित हो कि मणिकर्णिका घाट पर सुंदरीकरण के कार्य के लिए लकड़ी की टाल को भी हटाने की तैयारी चल रही है. इसे दूसरे घाट पर शिफ्ट कराया जाएगा.

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