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काशी विश्वनाथ धाम में अग्नि सुरक्षा के एडवांस उपाय, आग लगते ही खुद चालू हो जाएंगे पंप - वाराणसी की लेटेस्ट न्यूज

श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर अग्नि सुरक्षा के अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है. आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फाइटर खुद ही आग को कंट्रोल करेंगे.

काशी विश्वनाथ धाम
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Published : Jun 16, 2022, 7:33 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नव्य और भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर में शिव भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. रिकॉर्ड संख्या में दर्शनार्थियों के आमद से उनकी सुरक्षा के लिए योगी सरकार अग्नि सुरक्षा के अत्याधुनिक उपकरणों से धाम को लैस कर दिया है. आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फाइटर खुद ही आग को कंट्रोल करेंगे. परिसर के किसी भी भवन में आग लगते ही उस पर मिनटों में काबू पाया जा सकता है.

गौरतलब है कि श्री काशी विश्वनाथ धाम विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण के बाद लगभग 50,280.00 वर्ग मीटर में फैल गया है. धाम में शिव भक्तों की तादाद रोजाना बढ़ती जा रही है. आने वाले समय में नव निर्मित भवनों में व्यवसायिक गतिविधिया भी शुरू होंगी. साथ ही मुमुक्षु भवन, गेस्ट हाउस, म्युज़ियम, लाइब्रेरी, जलपान गृह आदि का संचालन शुरू होगा. इसको देखते हुए अग्नि शमन विभाग ने सुरक्षा के सभी उपाय कर लिए हैं.

इसे भी पढ़ें-विश्वनाथ धाम के निर्माण के दौरान बंद पड़े दो प्राचीन मंदिरों में फिर से शुरू हुआ दर्शन पूजन

मुख्य अग्नि शमन अधिकारी अनिमेष सिंह ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में मंदिर समेत सभी नव निर्मित भवनों की सुरक्षा के लिए अग्निशमन विभाग ने अत्याधुनिक उपकरणों लगाए हैं. आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फाइटर खुद ही आग को कंट्रोल करेंगे. करीब 1,45,000 लीटर का वाटर टैंक मंदिर परिसर में है. अत्याधुनिक पंप लगे है. जिसमे जॉकी पंप ऑटो मोड में रहता है. आग की भनक पाते ही ये स्वतः चालू हो जाता है. जरूरत पड़ने पर इलेक्ट्रिकल पंप भी खुद ही स्टार्ट हो जाता है, जो अधिक प्रेशर से पानी देता है. यदि किसी कारणों से ये दोनों पंप आग लगने पर नहीं चल पाते तो तीसरा डीज़ल पंप खुद चालू हो जाता है. इसके अलावा पूरे परिसर में 96 फायर हाइड्रेंट लगे है. जिसमे एक्सटर्नल 41और इंटरनल 55 फायर हाइड्रेंट और 494 स्मोक डिटेक्टर, 46 हीट डिटेक्टर लगे हैं. इसके अलावा अलग तरह के करीब 224 फायर एक्सटिंग्विशर भी परिसर में लगे हैं.

चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि सुरक्षा के लिए लगे 162 सीसीटीवी कमरे से कण्ट्रोल रूम में निगरानी भी होती रहती है. साथ ही अग्नि शमन कर्मचारी फायर पैनल पर भी नजर रखते हैं. जिसे आग लगने वाली सही जगह की पहचान हो सके और तुरंत नियंत्रण किया जा सके. इसके अलावा विभाग के पास पोर्टेबल पंप है, जिससे गंगा से सीधे पानी लिया जा सकता है.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नव्य और भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर में शिव भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. रिकॉर्ड संख्या में दर्शनार्थियों के आमद से उनकी सुरक्षा के लिए योगी सरकार अग्नि सुरक्षा के अत्याधुनिक उपकरणों से धाम को लैस कर दिया है. आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फाइटर खुद ही आग को कंट्रोल करेंगे. परिसर के किसी भी भवन में आग लगते ही उस पर मिनटों में काबू पाया जा सकता है.

गौरतलब है कि श्री काशी विश्वनाथ धाम विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण के बाद लगभग 50,280.00 वर्ग मीटर में फैल गया है. धाम में शिव भक्तों की तादाद रोजाना बढ़ती जा रही है. आने वाले समय में नव निर्मित भवनों में व्यवसायिक गतिविधिया भी शुरू होंगी. साथ ही मुमुक्षु भवन, गेस्ट हाउस, म्युज़ियम, लाइब्रेरी, जलपान गृह आदि का संचालन शुरू होगा. इसको देखते हुए अग्नि शमन विभाग ने सुरक्षा के सभी उपाय कर लिए हैं.

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मुख्य अग्नि शमन अधिकारी अनिमेष सिंह ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में मंदिर समेत सभी नव निर्मित भवनों की सुरक्षा के लिए अग्निशमन विभाग ने अत्याधुनिक उपकरणों लगाए हैं. आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फाइटर खुद ही आग को कंट्रोल करेंगे. करीब 1,45,000 लीटर का वाटर टैंक मंदिर परिसर में है. अत्याधुनिक पंप लगे है. जिसमे जॉकी पंप ऑटो मोड में रहता है. आग की भनक पाते ही ये स्वतः चालू हो जाता है. जरूरत पड़ने पर इलेक्ट्रिकल पंप भी खुद ही स्टार्ट हो जाता है, जो अधिक प्रेशर से पानी देता है. यदि किसी कारणों से ये दोनों पंप आग लगने पर नहीं चल पाते तो तीसरा डीज़ल पंप खुद चालू हो जाता है. इसके अलावा पूरे परिसर में 96 फायर हाइड्रेंट लगे है. जिसमे एक्सटर्नल 41और इंटरनल 55 फायर हाइड्रेंट और 494 स्मोक डिटेक्टर, 46 हीट डिटेक्टर लगे हैं. इसके अलावा अलग तरह के करीब 224 फायर एक्सटिंग्विशर भी परिसर में लगे हैं.

चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि सुरक्षा के लिए लगे 162 सीसीटीवी कमरे से कण्ट्रोल रूम में निगरानी भी होती रहती है. साथ ही अग्नि शमन कर्मचारी फायर पैनल पर भी नजर रखते हैं. जिसे आग लगने वाली सही जगह की पहचान हो सके और तुरंत नियंत्रण किया जा सके. इसके अलावा विभाग के पास पोर्टेबल पंप है, जिससे गंगा से सीधे पानी लिया जा सकता है.

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