वाराणसी : अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ रजनीश दुबे ने सोमवार को कमिश्नरी सभागार में जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा तथा नगर आयुक्त गौरांग राठी संग जल निगम, गंगा प्रदूषण, जल संस्थान तथा नगर निगम के विकास कार्यों को लेकर बैठक की. पेयजल तथा सीवरेज की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान पाया कि परियोजना का समय से पूरा न होने और उसकी गुणवत्ता दोनों में कमी से लोगों को योजना का लाभ समय से नहीं मिल पा रहा है और परियोजना की लागत भी बढ़ती जा रही है. उन्होंने इसके लिए सम्बंधित विभाग में अनुशासन की कमी और बड़े अधिकारियों का फील्ड में निकलकर स्थलीय भ्रमण न करना बताया. उन्होंने कहा कि प्रोफेशनली कार्य करने की प्रवृत्ति पैदा करें.
लीकेज के बारे में नहीं बता सके इंजीनियर
जलकल की समीक्षा के दौरान महाप्रबंधक ने बताया कि अभी तक जलापूर्ति का 42 प्रतिशत नान रेवेन्यू वाटर (एनआरडब्ल्यू) की आपूर्ति का स्तर है, जिसे कम करते हुए 20 प्रतिशत पर लाने का प्रयास जारी है. जलापूर्ति की सप्लाई लाइन में लीकेज की बड़ी समस्या पाये जाने पर उन्होंने जल निगम के मुख्य अभियंता से पूछा, कितने जगह लीकेज की समस्या है और कैसे व कब तक ठीक करा दिया जायेगा. कितनी जगह सड़कें खुदी हुई हैं, अभियंता स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाये, जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की. तथा लीकेज 30-04-2021 तक दो शिफ्टों में कार्य कराकर ठीक कराने का निर्देश दिया. उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि मजिस्ट्रेट के द्वारा स्थलीय सत्यापन कराने के लिए किसी को जिम्मेदारी दें.
ओवरहेड टैंक बने लेकिन किस काम के
मुख्य अभियंता से कहा कि गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है. कहीं किसी भी क्षेत्र में लोगों को पेयजल की किल्लत नहीं होनी चाहिए यह सुनिश्चित कर लिया जाये. बैठक में बताया कि 58 ओवरहेड टैंक जिले में हैं जिसमें 27 सिंस वरुणा तथा 31 ट्रांस वरुणा के हैं. जिसमें 8 टैंक पूरी तरह फंक्शनल नहीं है, उसे मरम्मत कराया जायेगा. 30 हजार घर यानि डेढ़ लाख आबादी के लिए ट्रांस वरुणा के तहत पेयजल कनेक्शन हेतु 120 करोड़ की जल निगम की पूर्व में तैयार कार्ययोजना का विस्तृत विवरण के साथ बुकलेट जिलाधिकारी को परीक्षण हेतु उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया. इससे त्रुटि रहित परियोजना का खाका तैयार किया जा सके.
'30 नवंबर तक खोदी गई सड़कों को करें ठीक'
शहर की सड़कों की खुदाई की जानकारी ली तो बताया कि गेल इंडिया, आईपीडीएस, स्मार्ट सिटी तथा सीवर के लिए कितनी जगह सड़क खोदी गई है. प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि सीवर के लिए 5 जगहों पर कार्य चल रहा है. नगर विकास सचिव ने निर्देश दिया कि डाटा बेस तैयार किया जाय, जिसमें सड़कों की खुदायी का सम्पूर्ण विवरण दर्ज हो. किस कार्यदायी संस्था द्वारा कितनी जगह सड़क खोदी गयी कहां-कहां कार्य चल रहा है, कितने दिनों में कार्य पूर्ण किया जायेगा. उन्होंने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि 30 नवंबर 2021 के बाद कहीं भी सड़क खोदी हुई नहीं दिखाई देनी चाहिए.
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शाही नाले की सफाई पर लापरवाही, भड़के अधिकारी
सैकड़ों वर्ष पहले सन् 1917 के बने हुए शाही नाले की सिल्ट सफाई का कार्य जायका प्रोजेक्ट के अन्तर्गत किया जा रहा है. इसका अपेक्षित गति से कार्य न होने पर भड़कते हुए अपर मुख्य सचिव नगर विकास ने कहा कि मंत्री द्वारा दसों बार इसका स्थलीय निरीक्षण किया गया. मुख्यमंत्री के अनेकों बार भ्रमण के अलावा समीक्षा किये जाने और निर्देश के बावजूद बार-बार कार्य पूर्ण किये जाने हेतु तिथि आगे बढ़वाने पर मुख्य अभियंता जल निगम तथा महा प्रबंधक गंगा प्रदूषण पर आग बबूला हो गये. उन्होंने संयुक्त प्रबंध निदेशक को निर्देशित किया कि ये 15 दिनों में अगर ठोस कार्रवाई नहीं करते तो इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इसी के साथ 30 जून यानी 85 दिनों में शत् प्रतिशत कार्य पूर्ण कराने की डेड लाइन भी दी गयी. 83.68 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में अब तक 60.60 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि सम्बंधित क्षेत्र के एसीएम द्वितीय व एसीएम तृतीय को मौके पर भेजें जिससे वे भी इस कार्य के स्थलीय निरीक्षण पर मौजूद रहें. शाही नाले की सिल्ट सफाई में दो प्वाइंट ही कार्य के लिए बनाये जाने पर उन्होंने दो जगह और चिन्हित कर प्वाइंट बनाने का निर्देश दिया जिससे कार्य की गति बढ़ायी जा सके. 670 मीटर के अवशेष कार्य के लिए 300 मीटर जीआरपी पाइप के अलावा 370 मीटर और पाइप तैयार कराने का निर्देश दिया. ट्रांस वरुणा सीवरेज का 533 करोड़ का कार्य पूर्ण किया जा चुका है. 120 एमएलडी के गोइठहां एसटीपी में ग्रामीणों के आउट लेट वाटर की गुणवत्ता पर सवाल उठाने पर उन्होंने ऑनलाइन वाटर मॉनिटरिंग सिस्टम प्लांट करने का निर्देश दिया. ट्रांस वरुणा परियोजना के अन्तर्गत 50 हजार हाउस होल्ड कनेक्शनों में से 25 हजार घरों के लिए ब्रांच सीवरेज सिस्टम का प्राविधान न करके गलत प्रोजेक्ट तैयार किये जाने पर उस समय के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया.