वाराणसी: कोविड-19 के लिए जनपद के नोडल अधिकारी अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने रविवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीन हकीकत परखी. उन्होंने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड मरीजों के इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी ली.
अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने अस्पताल में वेंटिलेटर एवं एएफएनसी की उपलब्धता के बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से पूछा. मरीजों को ऑक्सीजन की उपलब्धता निरन्तर बनाये रखने के बारे में क्या व्यवस्था की गयी है और आपात स्थिति के लिए क्या योजना है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि डिमांड और आपूर्ति में समन्वय के लिए योजना पहले से ही बना ली गयी है. मांग से लगभग दोगुना क्षमता स्टॉक में हमेशा मौजूद रहे इसकी भी व्यवस्था की गयी है.
मृतक मरीजों के डेथ ऑडिट के बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से पूछताछ की गयी. मृतक मरीज श्याम सुन्दर के डेथ ऑडिट को विस्तारपूर्वक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बताया गया कि मरीज कब आया, उसे कौन सी बिमारी थी, उसका ऑक्सीजन लेबल कितना था. बैठक में मौजूद चिकित्सा विशेषज्ञ ने यह सलाह दी कि कोविड मरीजों की ट्रूनेट या आरटीपीसीआर जांच प्राथमिकता पर करायी जाय, जिससे डेथ रेट को कम किया जा सकता है.
नोडल अधिकारी ने फोन के माध्यम से कोविड पाॅजिटिव मरीज से बात कर उनका हाल पूछा. नोडल अधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीेक्षक को निर्देशित किया कि संचारी रोगों के लिए चलाए जाने वाले अभियान में जो टीम घर-घर जाएगी उनको भी कोमोरबिड मरीजों के इलाज के बारे में पहले से बताया जाय ताकि एक साथ दोनों कार्य किया जा सके. भर्ती मरीजों के ठीक होकर घर जाने के बाद भी उनसे फीडबैक अवश्य लिया जाए, जिससे और सुधार किया जा सके.