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महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर की आरतियों के समय में बदलाव, जानिए...नया टाइम

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने महाशिवरात्रि के मौके पर 11 मार्च को मंदिर में होने वाली आरती के समय में बदलाव किया है. जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर
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Published : Mar 10, 2021, 8:22 AM IST

वाराणसी: महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा और इसे लेकर काशी में तैयारियां शुरू हो गई हैं. देवाधिदेव महादेव के मंदिर में आने वाले भक्तों की भीड़ को देखते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है. इन सब के बीच मंदिर की तरफ से होने वाली नियमित आरती के समय में भी बदलाव किए गए हैं. इन बदलावों में सुबह होने वाली मंगला आरती और मध्यान्ह भोग आरती के साथ ही महाशिवरात्रि के मौके पर रात्रि में होने वाली चार प्रहर की आरतियों का समय भी निर्धारित किया गया है.

नियमित आरती के समय में बदलाव

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन होने वाली आरतियों में सबसे महत्वपूर्ण आरती मंगला आरती मानी जाती है. भोर में होने वाली मंगला आरती का समय मंदिर प्रशासन की तरफ से महाशिवरात्रि पर बदला गया है. 10 मार्च की रात्रि 12:00 बजे के बाद 11 मार्च की सुबह 2:15 पर मंगला आरती की शुरुआत हो जाएगी और 3:15 यानी 1 घंटे तक आरती चलेगी और 11 मार्च की सुबह 3:30 बजे मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले जाएंगे. वहीं मध्यान भोग आरती दोपहर 12:00 बजे शुरू होगी और 12:30 बजे तक चलेगी. आरती के दौरान आधे घंटे तक श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद रहेगा. इसके बाद श्रद्धालु दोबारा दोपहर 12:30 बजे से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे.

इसके बाद शाम को होने वाली सप्त ऋषि आरती और शयन आरती की जगह रात्रि 10:50 से चार प्रहर की अलग-अलग आरतियां शुरू होंगी जो इस प्रकार होंगी.

चार प्रहर की आरती का समय

प्रथम प्रहर की आरती के लिए रात्रि 10:50 पर शंख ध्वनि के साथ दर्शनार्थियों का प्रवेश रोक दिया जाएगा. इसके बाद गर्भ गृह में सिर्फ मंदिर के पुजारियों का ही प्रवेश होगा और पूजा की तैयारियां शुरू हो जाएंगी. रात्रि 11:00 बजे से आरती शुरू होगी और रात्रि 12:30 पर आरती खत्म हो जाएगी. इस आरती में ही सप्तऋषि आरती समाहित होगी.

द्वितीय प्रहर की आरती के लिए 1:20 पर मंदिर बंद होगा और रात्रि 1:30 पर आरती शुरू होगी और 2:30 पर आरती खत्म होगी.

तृतीय प्रहर की आरती के लिए 2:55 पर भक्तों को दर्शन से रोका जाएगा और प्रातः 3:00 बजे आरती शुरू होकर 4:25 पर खत्म होगी.

चतुर्थ प्रहर की आरती के लिए 4:55 पर सुबह भक्तों को दर्शन से रोका जाएगा और 5:00 बजे आरती की शुरुआत होकर सुबह 6:15 पर आरती खत्म होगी और भक्तों को बाबा के दर्शन होंगे.

वाराणसी: महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा और इसे लेकर काशी में तैयारियां शुरू हो गई हैं. देवाधिदेव महादेव के मंदिर में आने वाले भक्तों की भीड़ को देखते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है. इन सब के बीच मंदिर की तरफ से होने वाली नियमित आरती के समय में भी बदलाव किए गए हैं. इन बदलावों में सुबह होने वाली मंगला आरती और मध्यान्ह भोग आरती के साथ ही महाशिवरात्रि के मौके पर रात्रि में होने वाली चार प्रहर की आरतियों का समय भी निर्धारित किया गया है.

नियमित आरती के समय में बदलाव

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन होने वाली आरतियों में सबसे महत्वपूर्ण आरती मंगला आरती मानी जाती है. भोर में होने वाली मंगला आरती का समय मंदिर प्रशासन की तरफ से महाशिवरात्रि पर बदला गया है. 10 मार्च की रात्रि 12:00 बजे के बाद 11 मार्च की सुबह 2:15 पर मंगला आरती की शुरुआत हो जाएगी और 3:15 यानी 1 घंटे तक आरती चलेगी और 11 मार्च की सुबह 3:30 बजे मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले जाएंगे. वहीं मध्यान भोग आरती दोपहर 12:00 बजे शुरू होगी और 12:30 बजे तक चलेगी. आरती के दौरान आधे घंटे तक श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद रहेगा. इसके बाद श्रद्धालु दोबारा दोपहर 12:30 बजे से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे.

इसके बाद शाम को होने वाली सप्त ऋषि आरती और शयन आरती की जगह रात्रि 10:50 से चार प्रहर की अलग-अलग आरतियां शुरू होंगी जो इस प्रकार होंगी.

चार प्रहर की आरती का समय

प्रथम प्रहर की आरती के लिए रात्रि 10:50 पर शंख ध्वनि के साथ दर्शनार्थियों का प्रवेश रोक दिया जाएगा. इसके बाद गर्भ गृह में सिर्फ मंदिर के पुजारियों का ही प्रवेश होगा और पूजा की तैयारियां शुरू हो जाएंगी. रात्रि 11:00 बजे से आरती शुरू होगी और रात्रि 12:30 पर आरती खत्म हो जाएगी. इस आरती में ही सप्तऋषि आरती समाहित होगी.

द्वितीय प्रहर की आरती के लिए 1:20 पर मंदिर बंद होगा और रात्रि 1:30 पर आरती शुरू होगी और 2:30 पर आरती खत्म होगी.

तृतीय प्रहर की आरती के लिए 2:55 पर भक्तों को दर्शन से रोका जाएगा और प्रातः 3:00 बजे आरती शुरू होकर 4:25 पर खत्म होगी.

चतुर्थ प्रहर की आरती के लिए 4:55 पर सुबह भक्तों को दर्शन से रोका जाएगा और 5:00 बजे आरती की शुरुआत होकर सुबह 6:15 पर आरती खत्म होगी और भक्तों को बाबा के दर्शन होंगे.

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