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Varanasi News: काशी नगरी में बाइक चोरी हुई तो तुरंत पकड़ में आएंगे बदमाश, पुलिस ने की है खास व्यवस्था

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Published : Jan 18, 2023, 10:08 PM IST

Varanasi News:काशी में स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर भर में 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जहां शहर में चोरी के 54 वाहनों को इन कैमरों की मदद से बरामद किया गया है.

डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम ने बताया
डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम ने बताया
डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम ने बताया.

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में बनारस के विकास की रूपरेखा तेजी से तैयार हो रही है. शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए बहुत सी कवायद हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र होने की वजह से यूपी के सबसे तेजी से विकसित होने वाले शहरों की लिस्ट में बनारस का नाम सबसे ऊपर होता है. यही वजह है कि बनारस में तीसरी आंख की नजर भी हर चप्पे-चप्पे पर मौजूद है. तीसरी आंखें यानी हाईटेक सीसीटीवी कैमरे शहर के चौराहों से लेकर गली मोहल्लों तक लगे हैं. स्मार्ट सिटी योजना के तहत वाराणसी में 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इन सर्विलांस कैमरों ने एक तरफ तो ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को सुधारने का काम किया है. वहीं, इस आधुनिक तकनीक ने डांटा आधारित कमांड सेंटर की मदद से अब चोरी की गाड़ियों की रिकवरी में भी बड़ी भूमिका निभानी शुरू कर दी है. हर रोज पुलिस विभाग के पास चोरी की गई गाड़ियों कि कंप्लेन आने के साथ ही उन गाड़ियों के नंबर को ट्रेस करने के लिए भी इन कैमरों की बड़ी मदद ली जा रही है.

शहर की चितईपुर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों पहले चेकिंग के दौरान एक युवक की चोरी की गाड़ी बरामद की. इस बरामदगी में चौराहे पर लगे ट्रैफिक कैमरे ने बड़ी भूमिका निभाई. जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि आरोपी कार का नंबर लिख कर चलता था. जहां ई-चालान नंबर से इस राज का पर्दाफाश हुआ. मामले में संबंधित थाना इंचार्ज ने एक दिसंबर को क्षेत्र के ही एक लॉन के बाहर से बाइक चुराए जाने की जानकारी उपलब्ध करवाई. दोनों डिटेल का मिलान करके जब चेचिस नंबर मिलाया गया तो शिवपुर के सुशील पटेल कि चोरी की गई बाइक उनको वापस मिल गई. वहीं, चौक क्षेत्र में भी एक बुलेट चोरी हुई थी. सीसीटीवी कैमरे की मदद से इसे बेचने की फिराक में लगे युवक को पुलिस ने धर दबोचा. साथ ही इस बाइक की बरामदगी भी हो गई.

इस संबंध में डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम ने बताया कि निश्चित तौर पर यह कैमरे पुलिस के लिए काफी बड़े मददगार साबित हो रहे हैं. इनकी मदद से चोरी के वाहनों को पकड़ने में काफी बड़ी भूमिका निभाई जा रही है. सिटी और सिटी के बाहर वाले एरिया में वाहन चोरों के कई गिरोह सक्रिय हैं. सबसे ज्यादा काशी जोन में बाहर से आने वाले लोगों की बाइक और कार चोरी होती है. ऐसी स्थिति में ट्रैफिक सिग्नल पर लगे हाई डेफिनेशन कैमरे चोरों के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं. क्योंकि वाहनों के कटे चालान और दर्ज चोरी के रिकॉर्ड को ट्रैफिक रडार पर डालकर आटो मोड पर जब ट्रेस किया जाता है तो चोरी की गाड़ियां किसी भी चौराहे से गुजरने के साथ ही उनको सीसीटीवी कैमरों के जरिए ट्रेस कर पकड़ने में बड़ी मदद मिलती है. ऐसे लगभग 54 मामले सामने आए हैं. जिसमें चोरी की गाड़ियों की बरामदगी में इन कैमरों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है.

उन्होंने बताया कि शहर में हर साल 200 से ज्यादा गाड़ियां चोरी होती हैं. पूरे शहर में चोरी के स्पॉट के तौर पर 12 पॉइंट सबसे अधिक सेंसेटिव है. जो कि कैंट रेलवे स्टेशन, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, सर सुंदरलाल अस्पताल, नमो घाट, अस्सी घाट, वाराणसी मंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल, विशेश्वरगंज गल्ला मंडी, सप्तसागर दवा मंडी गाड़ी चोरी के मुख्य स्पॉट माने जाते हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि गाड़ी चोरी के मामले में सबसे ज्यादा संलिप्तता कम उम्र के लड़कों की सामने आती है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि चोरी की गाड़ियों के मामले में बनारस का लंका, चौक और कोतवाली थाना हमेशा टॉप पर रहता है.

यह भी पढ़ें- वाराणसी में कमाल, पांच साल में बढ़े 100 से ज्यादा नए करोड़पति

डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम ने बताया.

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में बनारस के विकास की रूपरेखा तेजी से तैयार हो रही है. शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए बहुत सी कवायद हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र होने की वजह से यूपी के सबसे तेजी से विकसित होने वाले शहरों की लिस्ट में बनारस का नाम सबसे ऊपर होता है. यही वजह है कि बनारस में तीसरी आंख की नजर भी हर चप्पे-चप्पे पर मौजूद है. तीसरी आंखें यानी हाईटेक सीसीटीवी कैमरे शहर के चौराहों से लेकर गली मोहल्लों तक लगे हैं. स्मार्ट सिटी योजना के तहत वाराणसी में 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इन सर्विलांस कैमरों ने एक तरफ तो ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को सुधारने का काम किया है. वहीं, इस आधुनिक तकनीक ने डांटा आधारित कमांड सेंटर की मदद से अब चोरी की गाड़ियों की रिकवरी में भी बड़ी भूमिका निभानी शुरू कर दी है. हर रोज पुलिस विभाग के पास चोरी की गई गाड़ियों कि कंप्लेन आने के साथ ही उन गाड़ियों के नंबर को ट्रेस करने के लिए भी इन कैमरों की बड़ी मदद ली जा रही है.

शहर की चितईपुर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों पहले चेकिंग के दौरान एक युवक की चोरी की गाड़ी बरामद की. इस बरामदगी में चौराहे पर लगे ट्रैफिक कैमरे ने बड़ी भूमिका निभाई. जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि आरोपी कार का नंबर लिख कर चलता था. जहां ई-चालान नंबर से इस राज का पर्दाफाश हुआ. मामले में संबंधित थाना इंचार्ज ने एक दिसंबर को क्षेत्र के ही एक लॉन के बाहर से बाइक चुराए जाने की जानकारी उपलब्ध करवाई. दोनों डिटेल का मिलान करके जब चेचिस नंबर मिलाया गया तो शिवपुर के सुशील पटेल कि चोरी की गई बाइक उनको वापस मिल गई. वहीं, चौक क्षेत्र में भी एक बुलेट चोरी हुई थी. सीसीटीवी कैमरे की मदद से इसे बेचने की फिराक में लगे युवक को पुलिस ने धर दबोचा. साथ ही इस बाइक की बरामदगी भी हो गई.

इस संबंध में डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम ने बताया कि निश्चित तौर पर यह कैमरे पुलिस के लिए काफी बड़े मददगार साबित हो रहे हैं. इनकी मदद से चोरी के वाहनों को पकड़ने में काफी बड़ी भूमिका निभाई जा रही है. सिटी और सिटी के बाहर वाले एरिया में वाहन चोरों के कई गिरोह सक्रिय हैं. सबसे ज्यादा काशी जोन में बाहर से आने वाले लोगों की बाइक और कार चोरी होती है. ऐसी स्थिति में ट्रैफिक सिग्नल पर लगे हाई डेफिनेशन कैमरे चोरों के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं. क्योंकि वाहनों के कटे चालान और दर्ज चोरी के रिकॉर्ड को ट्रैफिक रडार पर डालकर आटो मोड पर जब ट्रेस किया जाता है तो चोरी की गाड़ियां किसी भी चौराहे से गुजरने के साथ ही उनको सीसीटीवी कैमरों के जरिए ट्रेस कर पकड़ने में बड़ी मदद मिलती है. ऐसे लगभग 54 मामले सामने आए हैं. जिसमें चोरी की गाड़ियों की बरामदगी में इन कैमरों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है.

उन्होंने बताया कि शहर में हर साल 200 से ज्यादा गाड़ियां चोरी होती हैं. पूरे शहर में चोरी के स्पॉट के तौर पर 12 पॉइंट सबसे अधिक सेंसेटिव है. जो कि कैंट रेलवे स्टेशन, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, सर सुंदरलाल अस्पताल, नमो घाट, अस्सी घाट, वाराणसी मंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल, विशेश्वरगंज गल्ला मंडी, सप्तसागर दवा मंडी गाड़ी चोरी के मुख्य स्पॉट माने जाते हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि गाड़ी चोरी के मामले में सबसे ज्यादा संलिप्तता कम उम्र के लड़कों की सामने आती है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि चोरी की गाड़ियों के मामले में बनारस का लंका, चौक और कोतवाली थाना हमेशा टॉप पर रहता है.

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