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संत रविदास जयंती: वाराणसी में साढ़े तीन लाख स्क्वॉयर फीट का भव्य पंडाल, तैयारियां पूरी

यूपी के वाराणसी में 9 फरवरी को बड़ा आयोजन होने जा रहा है. यहां के सीर गोवर्धन में संत रविदास का 643वां जन्म उत्सव मनाने की तैयारियां की जा रही हैं. 7 फरवरी से शुरू होने वाले इस वृहद आयोजन में 20 लाख से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद है.

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संत रविदास का 643वां जन्म उत्सव मनाने की तैयारी.
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Published : Feb 6, 2020, 3:18 AM IST

वाराणसी: मन चंगा तो कठौती में गंगा संत रविदास की यह वाणी आज भी प्रासंगिक है. संत रविदास का जन्म वाराणसी के सीर गोवर्धन में माना जाता है. बीएचयू के पीछे स्थित इस इलाके में अब काफी भव्य मंदिर बन चुका है. संत रविदास के इस जन्म स्थान पर 9 फरवरी को बड़ा आयोजन होने जा रहा है, क्योंकि उनके अनुयायी संत रविदास का 643वां जन्म उत्सव मनाने जा रहे हैं. जन्म उत्सव को लेकर सीर गोवर्धन में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. यहां लगभग साढ़े तीन लाख स्क्वॉयर फीट में भव्य पंडाल बनाने के साथ ही लोगों के रहने-खाने की व्यवस्था की जा रही है.

संत रविदास का 643वां जन्म उत्सव मनाने की तैयारी.

7 फरवरी से शुरू होने वाले इस वृहद आयोजन में 2 दिनों तक वाराणसी का यह पूरा इलाका मिनी पंजाब की शक्ल ले लेगा. 2 दिनों में लगभग 20 लाख से ज्यादा लोगों की मौजूदगी काशी के इस पवित्र स्थान पर होने का अनुमान आयोजकों ने लगाया है.

वाराणसी के सीर गोवर्धन का महत्व अपने आप में है, क्योंकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश समेत देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में लोग यहां पर पहुंचते हैं. हर साल रविदास जयंती के मौके पर लाखों की भीड़ यहां जुटती है. इस बार 9 फरवरी को रविदास जयंती के मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की यहां मौजूदगी होने वाली है. लोगों ने यहां पहुंचना भी शुरू कर दिया है, लेकिन मुख्य भीड़ 7 फरवरी को यहां आएगी. रविदासिया धर्म के प्रमुख संत निरंजन दास अनुयायियों के साथ पंजाब से यहां पहुंचेंगे.

20 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने का अनुमान

उनके आने के बाद माना जा रहा है कि लगभग 2 दिनों के अंदर 20 लाख से ज्यादा लोग यहां पर दर्शन पूजन के लिए पहुंचेंगे. जिनके लिए रहने-खाने आदि का प्रबंध किया जा रहा है. मुख्य आयोजन मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित खाली पड़े मैदान पर होगा. जहां भव्य पंडाल लगाने के साथ ही यहां पर सत्संग का आयोजन किया जाएगा. इसमें इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने की उम्मीद जताई जा रही है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश मायावती के अलावा कई बड़े नेता पूर्व में शिरकत कर चुके हैं. पार्टियों के नेता यूपी से पंजाब साधने की भी कोशिश कर चुके हैं, क्योंकि पंजाब से लाखों की भीड़ यहां पहुंचती है जिसका फायदा हर नेता उठाना चाहता है.

इसे भी पढ़ें- वाराणसीः IIT BHU ने बनाया अनाजों से कंकड़ को अलग करने वाली मशीन

24 राज्यों से आएंगे लोग

अगर तैयारियों की बात की जाए तो लाखों की भीड़ के लिए लगभग साढ़े तीन लाख स्क्वॉयर फीट में लोगों के रहने खाने-पीने का प्रबंध किया जा रहा है. 35 पंडाल ऐसे बनाए गए हैं, जिसमें 24 राज्यों से आने वाले लोगों के रुकने की व्यवस्था की जा रही है. राशन की व्यवस्था पंजाब और हरियाणा से हुई है. लगभग 10 ट्रक से ज्यादा राशन अब तक वाराणसी पहुंचाया जा चुका है. अनुमान है कि 25 से ज्यादा ट्रक आटा, दाल, चावल समेत अन्य राशन और सब्जियां 2 दिनों के इस वृहद आयोजन में खप जाएंगी. सबसे बड़ी बात यह है कि 10 पंडाल ऐसे भी तैयार किए गए है, जिनमें एनआरआई के रुकने की व्यवस्था है. अलग-अलग देशों के एनआरआई इस आयोजन में शिरकत कर रविदास मंदिर में बड़ी संख्या में दान देते हैं.

वाराणसी: मन चंगा तो कठौती में गंगा संत रविदास की यह वाणी आज भी प्रासंगिक है. संत रविदास का जन्म वाराणसी के सीर गोवर्धन में माना जाता है. बीएचयू के पीछे स्थित इस इलाके में अब काफी भव्य मंदिर बन चुका है. संत रविदास के इस जन्म स्थान पर 9 फरवरी को बड़ा आयोजन होने जा रहा है, क्योंकि उनके अनुयायी संत रविदास का 643वां जन्म उत्सव मनाने जा रहे हैं. जन्म उत्सव को लेकर सीर गोवर्धन में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. यहां लगभग साढ़े तीन लाख स्क्वॉयर फीट में भव्य पंडाल बनाने के साथ ही लोगों के रहने-खाने की व्यवस्था की जा रही है.

संत रविदास का 643वां जन्म उत्सव मनाने की तैयारी.

7 फरवरी से शुरू होने वाले इस वृहद आयोजन में 2 दिनों तक वाराणसी का यह पूरा इलाका मिनी पंजाब की शक्ल ले लेगा. 2 दिनों में लगभग 20 लाख से ज्यादा लोगों की मौजूदगी काशी के इस पवित्र स्थान पर होने का अनुमान आयोजकों ने लगाया है.

वाराणसी के सीर गोवर्धन का महत्व अपने आप में है, क्योंकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश समेत देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में लोग यहां पर पहुंचते हैं. हर साल रविदास जयंती के मौके पर लाखों की भीड़ यहां जुटती है. इस बार 9 फरवरी को रविदास जयंती के मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की यहां मौजूदगी होने वाली है. लोगों ने यहां पहुंचना भी शुरू कर दिया है, लेकिन मुख्य भीड़ 7 फरवरी को यहां आएगी. रविदासिया धर्म के प्रमुख संत निरंजन दास अनुयायियों के साथ पंजाब से यहां पहुंचेंगे.

20 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने का अनुमान

उनके आने के बाद माना जा रहा है कि लगभग 2 दिनों के अंदर 20 लाख से ज्यादा लोग यहां पर दर्शन पूजन के लिए पहुंचेंगे. जिनके लिए रहने-खाने आदि का प्रबंध किया जा रहा है. मुख्य आयोजन मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित खाली पड़े मैदान पर होगा. जहां भव्य पंडाल लगाने के साथ ही यहां पर सत्संग का आयोजन किया जाएगा. इसमें इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने की उम्मीद जताई जा रही है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश मायावती के अलावा कई बड़े नेता पूर्व में शिरकत कर चुके हैं. पार्टियों के नेता यूपी से पंजाब साधने की भी कोशिश कर चुके हैं, क्योंकि पंजाब से लाखों की भीड़ यहां पहुंचती है जिसका फायदा हर नेता उठाना चाहता है.

इसे भी पढ़ें- वाराणसीः IIT BHU ने बनाया अनाजों से कंकड़ को अलग करने वाली मशीन

24 राज्यों से आएंगे लोग

अगर तैयारियों की बात की जाए तो लाखों की भीड़ के लिए लगभग साढ़े तीन लाख स्क्वॉयर फीट में लोगों के रहने खाने-पीने का प्रबंध किया जा रहा है. 35 पंडाल ऐसे बनाए गए हैं, जिसमें 24 राज्यों से आने वाले लोगों के रुकने की व्यवस्था की जा रही है. राशन की व्यवस्था पंजाब और हरियाणा से हुई है. लगभग 10 ट्रक से ज्यादा राशन अब तक वाराणसी पहुंचाया जा चुका है. अनुमान है कि 25 से ज्यादा ट्रक आटा, दाल, चावल समेत अन्य राशन और सब्जियां 2 दिनों के इस वृहद आयोजन में खप जाएंगी. सबसे बड़ी बात यह है कि 10 पंडाल ऐसे भी तैयार किए गए है, जिनमें एनआरआई के रुकने की व्यवस्था है. अलग-अलग देशों के एनआरआई इस आयोजन में शिरकत कर रविदास मंदिर में बड़ी संख्या में दान देते हैं.

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: जो मन चंगा तो कठौती में गंगा संत रविदास की यह वाणी आज भी प्रासंगिक है. संत रविदास का जन्म वाराणसी के सीर गोवर्धन में माना जाता है. बीएचयू के पीछे स्थित इस इलाके में अब काफी भव्य मंदिर बन चुका है. संत रविदास के इस जन्म स्थान पर 9 फरवरी को बड़ा आयोजन होने जा रहा है, क्योंकि उनके अनुयाई संत रविदास का 643 मां जन्म उत्सव मनाने जा रहे हैं. संत रविदास के जन्म उत्सव को लेकर सीर गोवर्धन में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. लगभग साढे तीन लाख स्क्वायर फीट में भव्य पंडाल बनाने के साथ ही लोगों के रहने खाने की व्यवस्था की जा रही है. 7 फरवरी से शुरू होने वाले वृहद आयोजन में 2 दिनों तक वाराणसी का यह पूरा इलाका मिनी पंजाब की शक्ल ले लेता है और 2 दिनों में लगभग 20 लाख से ज्यादा लोगों की मौजूदगी काशी के इस पवित्र स्थान पर होने का अनुमान आयोजक लगा रहे हैं.Body:वीओ-01 वाराणसी के सीर गोवर्धन का महत्व अपने आप में काफी ज्यादा भी है, क्योंकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश समेत देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में लोग यहां पर पहुंचते हैं. हर साल रविदास जयंती के मौके पर लाखों की भीड़ यहां जुटती है और इस बार 9 फरवरी को रविदास जयंती के मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की यहां मौजूदगी होने वाली है. लोगों ने आना भी शुरू कर दिया है, लेकिन मुख्य भीड़ 7 फरवरी को यहां आएगी क्योंकि रविदासिया धर्म के प्रमुख संत निरंजन दास अनुयायियों के साथ पंजाब से यहां पहुंचेंगे उनके आने के बाद माना जा रहा है लगभग 2 दिनों के अंदर 20 लाख से ज्यादा लोग यहां पर दर्शन पूजन के लिए पहुंचेंग. जिनके लिए रहने खाने आदि का प्रबंध यहां किया जा रहा है. मुख्य आयोजन मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित खाली पड़े मैदान पर होगा. जहां भव्य पंडाल लगाने के साथ ही यहां पर सत्संग का आयोजन किया जाएगा जिसमें हर साल कोई वीआईपी शिरकत करता है. इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने की उम्मीद जताई जा रही है यहां. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश मायावती के अलावा कई बड़े नेता शिरकत कर चुके हैं और रविदास मंदिर में मत्था टेक कर. यूपी से पंजाब साधने की भी कोशिश कर चुके हैं. क्योंकि यूपी में लाखों की भीड़ पंजाब से पहुंचती है जिसका फायदा हर नेता उठाना चाहता है.Conclusion:वीओ-02 वहीं अगर तैयारियों की बात की जाए तो लाखों की भीड़ के लिए लगभग साढ़े तीन लाख स्क्वायर फीट में लोगों के रहने खाने-पीने का प्रबंध किया जा रहा है. 35 पंडाल ऐसे बनाए गए हैं, जिसमें 24 राज्यों से आने वाले लोगों के रुकने की व्यवस्था की जा रही है. राशन की व्यवस्था पंजाब और हरियाणा से हुई है. लगभग 10 ट्रक से ज्यादा राशन अब तक वाराणसी पहुंचाया जा चुका है और लगातार राशन आ ही रहा है. अनुमान है कि 25 से ज्यादा ट्रक आटा, दाल चावल समेत अन्य राशन व सब्जियां यहां पर 2 दिनों के इस वृहद आयोजन में खप जाएंगी, सबसे बड़ी बात यह है कि 10 पंडाल ऐसे भी तैयार किए गए है. जिनमें अनारा इसके रुकने की व्यवस्था है. अलग-अलग देशों के एन आर आई इस आयोजन में शिरकत कर रविदास मंदिर में बड़ी संख्या में दान देते हैं. जिसमें सोने से लेकर कई महत्वपूर्ण चीजें होती हैं.

बाईट- किशन लाल, ट्रस्टी, संत रविदास ट्रस्ट
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