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वाराणसी नगर निगम: परिवहन विभाग घोटाले में 5 लिपिक निलंबित, 10 कंपनियां ब्लैक लिस्टेड - वाराणसी नगर निगम परिवहन विभाग में घोटाला

वाराणसी नगर निगम के परिवहन विभाग में हुए घोटाले की खबर प्रमुखता से चलाई थी. इसका संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त ने कार्रवाई करते हुए 5 क्लर्क एक जूनियर इंजीनियर को निलंबित कर दिया है.

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परिवहन घोटाले में 5 लिपिक निलंबित.
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Published : Feb 27, 2020, 3:16 PM IST

वाराणसी: ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. दरअसल नगर निगम वाराणसी में 2018-19 में परिवहन विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले और गायब फाइलों के मिलने की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी. इसके बाद नगर आयुक्त ने मामले में लंबे वक्त से चल रही जांच को तेज कर दिया है. बुधवार शाम मामले की रिपोर्ट मिलने के बाद इस पूरे प्रकरण पर बड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित मामले में नगर निगम के 5 क्लर्क एक जूनियर इंजीनियर को निलंबित कर दिया है.

परिवहन घोटाले में 5 लिपिक निलंबित.

इसके साथ ही परिवहन विभाग के इंचार्ज और एक्सईएन के खिलाफ शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. इतना ही नहीं नगर आयुक्त ने शासन को पत्र लिखकर 2018 से पहले की भी जांच करवाने की अपील की है. इसके बाद इस पूरे प्रकरण में बड़े घोटाले के उजागर होने की उम्मीद जताई जा रही है.

लाखों के घोटाले का हुआ खुलासा
बता दें कि ईटीवी भारत ने बुधवार को ही नगर निगम में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले और गायब हुई 108 फाइलों के कबाड़ घर में मिलने को लेकर खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद इस पूरे प्रकरण में जांच कर रहे अधिकारियों ने सक्रियता दिखाते हुए शाम को ही नगर आयुक्त को रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में लगभग 22 लाख 85 हजार रुपये के परिवहन विभाग में वाहनों के पार्ट खरीदने में धांधली और 80 लाख रुपये के घोटाले की बात सामने आई.

शासन को पत्र लिखकर की जांच की मांग
नगर आयुक्त गौरांग राठी का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में बड़ा घोटाला प्रकाश में आया है. इस मामले में जिम्मेदारों खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह घोटाला से 2018-19 का नहीं बल्कि उसके पहले का भी है. इसलिए शासन को पत्र लिखकर इसके पहले हुई खरीद-फरोख्त और अन्य कार्रवाई की जांच भी कराने की मांग की गई है.

यह भी पढ़ें- नगर निगम में करोड़ों के घोटाले की फाइलें गोदाम में मिलीं

दस कंपनियों को किया ब्लैकलिस्टेड
नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि इस पूरे मामले में 10 कंपनियों को भी ब्लैक लिस्ट किया गया है. जो नगर निगम के परिवहन विभाग के साथ मिलकर टेंडर की प्रक्रिया के तहत काम करते थे. जांच में टेंडर प्रक्रिया में लापरवाही ई टेंडरिंग में बड़ी लापरवाही सामने आई है. इसके अलावा जिन 10 कंपनियों को ब्लैकलिस्टेड किया गया, उनमें से चार कंपनियों के खिलाफ एफआईआर भी कराई जा रही है.

अभी भी लापता हैं 156 फाइलें
उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि ये कंपनियां एक ही पते पर, एक ही लेटर पैड पर नगर निगम से ही पूरे साल का टर्नओवर लेकर गलत तरीके से काम कर रही थी. इसके अलावा नगर आयुक्त ने बताया कि लगभग 325 फाइलें जो जांच के दायरे में हैं. उनमें से अभी 156 फाइलें लापता हैं, जबकि 108 फाइलें मिली हैं. इनके आधार पर यह जांच आगे बढ़ाते हुए कार्रवाई की गई है.

वाराणसी: ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. दरअसल नगर निगम वाराणसी में 2018-19 में परिवहन विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले और गायब फाइलों के मिलने की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी. इसके बाद नगर आयुक्त ने मामले में लंबे वक्त से चल रही जांच को तेज कर दिया है. बुधवार शाम मामले की रिपोर्ट मिलने के बाद इस पूरे प्रकरण पर बड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित मामले में नगर निगम के 5 क्लर्क एक जूनियर इंजीनियर को निलंबित कर दिया है.

परिवहन घोटाले में 5 लिपिक निलंबित.

इसके साथ ही परिवहन विभाग के इंचार्ज और एक्सईएन के खिलाफ शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. इतना ही नहीं नगर आयुक्त ने शासन को पत्र लिखकर 2018 से पहले की भी जांच करवाने की अपील की है. इसके बाद इस पूरे प्रकरण में बड़े घोटाले के उजागर होने की उम्मीद जताई जा रही है.

लाखों के घोटाले का हुआ खुलासा
बता दें कि ईटीवी भारत ने बुधवार को ही नगर निगम में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले और गायब हुई 108 फाइलों के कबाड़ घर में मिलने को लेकर खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद इस पूरे प्रकरण में जांच कर रहे अधिकारियों ने सक्रियता दिखाते हुए शाम को ही नगर आयुक्त को रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में लगभग 22 लाख 85 हजार रुपये के परिवहन विभाग में वाहनों के पार्ट खरीदने में धांधली और 80 लाख रुपये के घोटाले की बात सामने आई.

शासन को पत्र लिखकर की जांच की मांग
नगर आयुक्त गौरांग राठी का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में बड़ा घोटाला प्रकाश में आया है. इस मामले में जिम्मेदारों खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह घोटाला से 2018-19 का नहीं बल्कि उसके पहले का भी है. इसलिए शासन को पत्र लिखकर इसके पहले हुई खरीद-फरोख्त और अन्य कार्रवाई की जांच भी कराने की मांग की गई है.

यह भी पढ़ें- नगर निगम में करोड़ों के घोटाले की फाइलें गोदाम में मिलीं

दस कंपनियों को किया ब्लैकलिस्टेड
नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि इस पूरे मामले में 10 कंपनियों को भी ब्लैक लिस्ट किया गया है. जो नगर निगम के परिवहन विभाग के साथ मिलकर टेंडर की प्रक्रिया के तहत काम करते थे. जांच में टेंडर प्रक्रिया में लापरवाही ई टेंडरिंग में बड़ी लापरवाही सामने आई है. इसके अलावा जिन 10 कंपनियों को ब्लैकलिस्टेड किया गया, उनमें से चार कंपनियों के खिलाफ एफआईआर भी कराई जा रही है.

अभी भी लापता हैं 156 फाइलें
उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि ये कंपनियां एक ही पते पर, एक ही लेटर पैड पर नगर निगम से ही पूरे साल का टर्नओवर लेकर गलत तरीके से काम कर रही थी. इसके अलावा नगर आयुक्त ने बताया कि लगभग 325 फाइलें जो जांच के दायरे में हैं. उनमें से अभी 156 फाइलें लापता हैं, जबकि 108 फाइलें मिली हैं. इनके आधार पर यह जांच आगे बढ़ाते हुए कार्रवाई की गई है.

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