वाराणसी: सामाजिक-आर्थिक जनगणना सूची में नाम में अंतर के कारण लगभग 42 हजार लोगों को गोल्डन कार्ड का लाभ नहीं मिल सका है. सीएमओ ने बताया कि इस संदर्भ में शासन स्तर पर सूचना दी जा चुकी है. शासन के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जा सकेगी.
क्या है गोल्डन कार्ड
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाया जाता है. इसके तहत पात्र लाभार्थियों के लिए पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा है. वाराणसी में वर्ष 2011 की जनगणना की सूची के आधार पर 1 लाख 14 हजार 419 परिवारों का प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना, जबकि 19 हजार 817 परिवारों का मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत कार्ड बनाया जाना है. औसतन एक परिवार के पांच लोगों का कार्ड बनना है.
शहर में इस समय 81,697 परिवारों का 2,34,427 गोल्डन कार्ड बन गया है. वहीं दूसरी ओर 42,157 लोगों का कार्ड नहीं बन सका, क्योंकि उनका नाम मूल सूची से अलग है. गोल्डन कार्ड बनाने के लिए जब जांच शुरू की गई तो पता चला कि सूची में दर्ज नाम और संबंधित व्यक्ति का वास्तविक नाम अलग है. कागजों में अनियमितता पाए जाने के चलते 42 हजार लोगों का गोल्डन कार्ड रोक दिया गया. इस बारे में स्वास्थ्य विभाग ने शासन को सूचना दे दी है.
सामाजिक-आर्थिक जनगणना सूची में नाम में अंतर की वजह से जिन लोगों का कार्ड नहीं बन सका है, उनके बारे में शासन स्तर पर सूचना दी जा चुकी है. शासन के निर्देश पर आगे की कार्रवाई होगी. सूची में जिन लोगों के डाटा सही हैं, उनके कार्ड बनवाये जा रहे हैं.
डॉ. वीबी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वाराणसी