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वाराणसी: विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण में 30 मंदिर लौटेंगे वास्तविक स्वरूप में, 3D मैपिंग का काम शुरू

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण में सामने पड़ने वाले तीस मंदिरों का कायाकल्प होगा. मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए गुजरात की कंपनी का टेंडर फाइनल हो गया है. सभी मंदिरों की गूगल मैपिंग कराने के साथ ही इन मंदिरों के बाहर इनका डिटेल भी रहेगा.

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विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण.
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Published : Jan 2, 2020, 2:45 PM IST

वाराणसी: काशी विश्वनाथ के मंदिर के विस्तारीकरण का काम जोर-शोर से आगे बढ़ रहा है. मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए गुजरात की कंपनी का टेंडर फाइनल हो गया है. इस दिशा में सबसे पहला काम कॉरीडोर में तोड़े गए मकानों के अंदर छुपे मंदिरों के बाहर आने के बाद इन मंदिरों को संरक्षित करने को लेकर शुरू होने जा रहा है.

जानकारी देते मुख्य कार्यपालक अधिकारी.

प्राचीन मंदिरों का होगा संरक्षण

काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ ही विस्तारीकरण सुंदरीकरण परियोजना में खरीदे गए भवनों के ध्वस्तीकरण के बाद मिले 30 से अधिक प्राचीन मंदिरों के संरक्षण का कार्य मंदिर न्यास जल्द कराएगा. न्यास की ओर से देशभर में प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने वाली कंपनियों को आमंत्रित कर यह कार्य कराया जाएगा. यह कार्य की पुरातत्व विभाग के अधिकारी और मंदिर न्यास के अधिकारियों की निगरानी में होगा.

इसे भी पढ़ें:-कोटा में बच्चों की मौत पर मायावती का प्रियंका पर हमला, कहा- सतर्क रहे जनता

मंदिरों को पुराने रूप में वापस लाने का खाका तैयार

रुड़की से आए एक्सपर्ट की टीम ने इस संदर्भ में सर्वे कर इन मंदिरों को पुराने रूप में वापस लाने का खाका तैयार करके दिया है और जल्द ही इस दिशा में काम शुरू होगा. मंदिर अपने पुराने रूप में लौटेंगे इसके साथ ही इनकी 3डी मैपिंग भी कराई जाएगी, जिससे यह मंदिर भविष्य में कैसे देखेंगे और किस रूप में होंगे उसका प्लान पहले से ही लोगों के सामने रखा जाएगा.

वाराणसी: काशी विश्वनाथ के मंदिर के विस्तारीकरण का काम जोर-शोर से आगे बढ़ रहा है. मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए गुजरात की कंपनी का टेंडर फाइनल हो गया है. इस दिशा में सबसे पहला काम कॉरीडोर में तोड़े गए मकानों के अंदर छुपे मंदिरों के बाहर आने के बाद इन मंदिरों को संरक्षित करने को लेकर शुरू होने जा रहा है.

जानकारी देते मुख्य कार्यपालक अधिकारी.

प्राचीन मंदिरों का होगा संरक्षण

काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ ही विस्तारीकरण सुंदरीकरण परियोजना में खरीदे गए भवनों के ध्वस्तीकरण के बाद मिले 30 से अधिक प्राचीन मंदिरों के संरक्षण का कार्य मंदिर न्यास जल्द कराएगा. न्यास की ओर से देशभर में प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने वाली कंपनियों को आमंत्रित कर यह कार्य कराया जाएगा. यह कार्य की पुरातत्व विभाग के अधिकारी और मंदिर न्यास के अधिकारियों की निगरानी में होगा.

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मंदिरों को पुराने रूप में वापस लाने का खाका तैयार

रुड़की से आए एक्सपर्ट की टीम ने इस संदर्भ में सर्वे कर इन मंदिरों को पुराने रूप में वापस लाने का खाका तैयार करके दिया है और जल्द ही इस दिशा में काम शुरू होगा. मंदिर अपने पुराने रूप में लौटेंगे इसके साथ ही इनकी 3डी मैपिंग भी कराई जाएगी, जिससे यह मंदिर भविष्य में कैसे देखेंगे और किस रूप में होंगे उसका प्लान पहले से ही लोगों के सामने रखा जाएगा.

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: देवाधिदेव महादेव श्री काशी विश्वनाथ के मंदिर के विस्तारीकरण का काम जोर-शोर से आगे बढ़ रहा है एक तरफ जहां मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए गुजरात की कंपनी का टेंडर फाइनल हो गया है. वहीं अब इस दिशा में सबसे पहला काम कॉरीडोर में तोड़े गए मकानों के अंदर छुपे मंदिरों के बाहर आने के बाद इन मंदिरों को संरक्षित करने को लेकर शुरू होने जा रहे हैं. इनमें फिलहाल तीन ऐसे मंदिर सामने आए हैं जिनको उनके पुराने रूप में वापस लाने के लिए जल्द काम शुरू होगा.Body:वीओ-01 दअरसल श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ ही विस्तारीकरण सुंदरीकरण परियोजना में खरीदे गए भवनों के ध्वस्तीकरण के बाद मिले 30 से अधिक प्राचीन मंदिरों के संरक्षण का कार्य मंदिर न्यास जल्द कराएगा. न्यास की ओर से देशभर में प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने वाली कंपनियों को आमंत्रित कर यह कार्य कराया जाएगा. यह कार्य की पुरातत्व विभाग के अधिकारी वह मंदिर न्यास के अधिकारियों की निगरानी में होगा. Conclusion:वीओ-02 इस बारे में मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि रुड़की से आए एक्सपर्ट की टीम ने इस संदर्भ में सर्वे कर इन मंदिरों को पुराने रूप में वापस लाने का एस्टीमेट तैयार करके दिया है और जल्द ही इस दिशा में काम शुरू होगा मंदिर अपने पुराने रूप में लौटेंगे इसके साथ ही इनकी 3डी मैपिंग भी कराई जाएगी. जिससे यह मंदिर भविष्य में कैसे देखेंगे वह किस रूप में होंगे उसका प्लान पहले से ही लोगों के सामने रखा जाएगा, ताकि भ्रम की स्थिति को खत्म किया जा सके. इसके अलावा सभी मंदिरों की गूगल मैपिंग कराने के साथ ही इन मंदिरों के बाहर इनका डिटेल भी रहेगा जो बताएगा कि सामने आया यह मंदिर काशी खंड में है या किसी अन्य खंड में, काशी खंड में इसका कहां उल्लेख है. कितना साल पुराना मंदिर है उसका महत्व क्या है सारी जानकारी मंदिरों के बाहर ही भक्तों को मिल जाएगी.

बाईट- विशाल सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, श्री काशी विश्वनाथ

गोपाल मिश्र

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